नई दिल्ली : केंद्रीय कानून एवं न्याय राज्य मंत्री प्रो. एस. पी. सिंह बघेल ने यूपी चुनाव से जुड़े कुछ खास मुद्दाें पर खुलकर अपनी राय रखी है. पेश है उसके कुछ अंश.
सवाल -आप उत्तर प्रदेश से लोकसभा सांसद हैं. केंद्र सरकार में मंत्री हैं. प्रदेश में होने वाले विधान सभा चुनाव को लेकर आपका क्या आकलन है ? भाजपा का प्रदर्शन इस बार कैसा रहेगा?
जवाब- देश के सर्वाधिक लोकप्रिय नेता और पीएम नरेंद्र मोदी के व्यक्तित्व, केंद्र सरकार और यूपी की प्रदेश सरकार की लोक कल्याणकारी योजनाओं और बूथ अध्यक्ष से लेकर राष्ट्रीय अध्यक्ष तक जिस तरह से परिश्रम कर पसीना बहा रहे हैं, उससे उत्तर प्रदेश में 300 से ज्यादा सीटों पर कमल का खिलना तय है.
सवाल - आपकी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि क्या है और मतदाता आपको वोट क्यों करेंगे ?
जवाब - यूपी में हमारी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि कानून व्यवस्था की मजबूत स्थिति है. लोगों को बहन जी (मायावती) की जातिवादी सरकार याद है जब सिर्फ एक जाति विशेष को ध्यान में रखकर ही योजनाएं बना करती थी. प्रदेश के लोग फिर से अखिलेश यादव के दौर के जंगल राज को भी वापस लाना नहीं चाहते हैं. अखिलेश राज में तो अपहरण एक उद्योग बन चुका था. डर के कारण आगरा के 5 हजार डॉक्टरों ने मार्निंग वॉक पर जाना ही बंद कर दिया था. लोगों को सब याद है. भाजपा, सबका साथ-सबका विकास- सबका विश्वास और सबका प्रयास के नारे के साथ उत्तर प्रदेश में उतरेगी.
सवाल- लेकिन अखिलेश यादव तो योगी राज की तुलना जंगलराज से कर रहे हैं.
जवाब- देखिए, एक-दो घटनाएं जंगलराज का पर्याय नहीं मानी जा सकती. अखिलेश यादव की सरकार के दौरान तो थानों में एफआईआर तक नहीं लिखी जाती थी. मथुरा में डिप्टी एसपी को मार दिया गया, एक पुलिस अधिकारी को जीप के बोनट पर लखनऊ भर में घूमा दिया गया. अखिलेश के कार्यकाल में तो इस तरह की हजारों घटनाएं हुई है. मथुरा में एक पार्क से समानांतर सरकार चला करती थी. लोहिया जी कहा करते थे कि जिंदा कौमें पांच साल तक इंतजार नहीं करती है, लेकिन पौने पांच साल तक घर में आराम करने के बाद अब अखिलेश यादव रथ यात्रा पर निकले हैं हालांकि इसकी तुलना मुलायम सिंह यादव के क्रांति रथ से नहीं हो सकती.
सवाल- बसपा को आप भाजपा के लिए कितना बड़ा खतरा मानते हैं ?
जवाब- हम ही लोग जब हाथी पर चढ़े थे तो हमने सरकार बनवा दी थी और अब हम सारे लोग हाथी से उतर गए हैं तो हाथी आजकल अकेला घूम रहा है.
सवाल - प्रियंका गांधी, उत्तर प्रदेश में काफी सक्रिय हो गई हैं और भाजपा सरकार पर लगातार निशाना साध रही हैं.
जवाब- प्रियंका गांधी पहले ही फ्लॉप हो चुकी हैं. ये अपने परिवार की परंपरागत सीट तक को गंवा चुके हैं. युवराज (राहुल गांधी) अपने लोकसभा क्षेत्र तक से चुनाव हार चुके हैं और अब प्रदेश में केवल इनकी माताजी बची हुई हैं. कांग्रेस अब जमानत जब्त करवाने वाली पार्टी बन चुकी है. इसलिए अब इनसे भाजपा को कोई खतरा नहीं है.
सवाल - किसान आंदोलन का कितना असर उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों खासतौर से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पड़ेगा ?
जवाब - किसानों को भी सच समझ आने लगा है. गांव में जब भी पंचायत होती है तो आमतौर पर दोनों पक्ष थोड़ा-थोड़ा झुकते हैं तब जाकर समझौता होता है. यहां तो किसान के नाम पर आंदोलन करने वालों ने तो ठान रखी है कि तीनों कानून वापस लेना ही पड़ेगा, तो फिर बातचीत का क्या मतलब रह जाता है. सरकार ने इनसे बात की और पूछा कि इन कानून की खामियों के बारे में बताएं लेकिन उनके पास बताने को कुछ है ही नहीं. ये कानून देश की सरकार ने बनाया और संसद ने बहुमत से परित किया है तो फिर ये काला कानून कैसे हो सकता है. पूरी तरह से इन कानूनों को कैसे वापस लिया जा सकता है. किसान ये सब समझ गए हैं और भाजपा के साथ हैं.
सवाल- आप देश के कानून एवं न्याय मंत्रालय में राज्य मंत्री हैं. बतौर मंत्री, आपके मंत्रालय की बड़ी उपलब्धियां क्या-क्या रही हैं ?
जवाब - हमारी सरकार ने 100 से ज्यादा ऐसे अनावश्यक कानूनों को खत्म कर दिया है जिसे आजादी से पहले ब्रिटिश सरकार ने अपने फायदे के लिए बनाया था. मोदी सरकार के कार्यकाल में फास्ट ट्रैक कोर्ट को गति मिली है, हर जिले में विशेष पॉस्को कोर्ट बने हैं. टेली लॉ के माध्यम से गरीबों को निशुल्क कानूनी सलाह दी जा रही है. सबसे बड़ा काम जो इस सरकार के दौरान हुआ है वह है देश के विभिन्न उच्च न्यायालयों और उच्चतम न्यायालय में जजों की कमी को दूर करना. भारत सरकार जजों की नियुक्ति को लेकर सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सिफारिशों वाली फाइल पर तेजी से फैसला कर रह रही है और भारत में इस संबंध में इतनी तेजी से आज तक काम नहीं हुआ है. सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश भी इस मसले पर तीन बार केंद्र सरकार की तारीफ कर चुके हैं, आभार व्यक्त कर चुके हैं. इससे अदालतों पर बोझ कम होगा, लंबित मुकदमों की संख्या में कमी आएगी और अदालतों के चक्कर काट रहे लोगों को भी राहत मिलेगी.
सवाल - आप पश्चिमी उत्तर प्रदेश से लोकसभा का चुनाव जीत कर आए हैं. लंबे समय से इस इलाके की राजनीति कर रहे हैं. इस इलाके के लोग पिछले कई दशकों से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में इलाहाबाद हाईकोर्ट के बेंच की मांग कर रहे हैं. बतौर स्थानीय सांसद और केंद्रीय कानून राज्य मंत्री, आपका इस पर क्या स्टैंड है ? आपका मंत्रालय इस मांग को लेकर क्या कर रहा है ?
जवाब - इस तरह से हाईकोर्ट के बेंच को स्थापित करने को लेकर देश में एक संवैधानिक प्रक्रिया बनी हुई है और हमारा स्टैंड बिल्कुल स्पष्ट है कि जब इस संवैधानिक प्रक्रिया के तहत इस तरह का कोई प्रस्ताव आएगा, तो सरकार इस पर अवश्य विचार करेगी.
(आईएएनएस)