भोपाल : मध्य प्रदेश के मुरैना में जहरीली शराब पीने से 24 लोगों की मौत हो गई, जबकि 4 लोगों की आंखों की रोशनी चली गई. इस घटना के बाद पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया और अब केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर रविवार को एक दिवसीय प्रवास पर देर शाम मुरैना पहुंचे, जहां उन्होंने जिले में जहरीली शराब से मृत लोगों के परिवारों से मुलाकात कर शोक संवेदना व्यक्त की.
मुरैना के 9 लोगों का इलाज ICU में जारी है. इनमें से चार मरीजों को 11 जनवरी के बाद से ही कम दिखना शुरू हो गया था. अब दिनोंदिन उनको कम से भी कम दिखने लगने लगा है.
केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर सबसे पहले न्यू हाउसिंग कॉलोनी महाराजपुर रोड पर मृतक पवन राठौर के घर पहुंचे, जहां उन्होंने श्रद्धांजलि देकर पीड़ित परिवार को सांत्वना दी.
पवन राठौर के घर के बाद केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर सुमावली विधानसभा के पाहवली गांव पहुंचे, जहां मृतक बंटी गुर्जर, जितेंद्र गुर्जर और रामनिवास गुर्जर को श्रद्धांजलि दी और पीड़ित परिवार से मिलकर उनको ढांढस बंधाया.
केंद्रीय मंत्री छैरा गांव, मानपुर गांव, हड़वंसी गांव में जाकर मृतक परिवारों से मिले. साथ ही उन्होंने इस पूरे मामले में आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई करने का भरोसा भी दिलाया.
इस घटना से सीख लेना चाहिए
केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि ये घटना बहुत दुखद है, इस घटना से कई परिवार उजड़ गए. लेकिन ऐसी घटनाओं से हमें सबक लेना चाहिए, ताकि आगे भविष्य में इसकी पुनरावृत्ति ना हो.
बता दें कि मुरैना जिले में जहरीली शराब पीने से 24 लोगों की मौत हो चुकी है. जबकि 4 लोगों की आंखों की रोशनी जा चुकी है, जिनका इलाज ग्वालियर में जारी है. जिले में मुरैना के 9 लोगों का इलाज ICU में जारी है. इनमे से चार मरीजों को 11 जनवरी के बाद से ही कम दिखना शुरू हो गया था. अब दिनोंदिन उनको कम से भी कम दिखने लगने लगा है.
शराब बनाने में किया गया मिथाइल का इस्तेमाल
इस मामले में ग्वालियर पूर्व CMHO और वरिष्ठ नेत्र चिकित्सक डॉ. एसएस जादौन ने बताया कि सामान्य रूप में शराब इथाइल अल्कोहल से बनाई जाती है. लेकिन मुरैना शराब कांड में अब तक जितनी जांच की गई है, उसमें कई बातें सामने आई हैं. उस शराब में मिथाइल अल्कोहल का इस्तेमाल किया गया है. इसके अलावा बीओटी नामक रसायन भी शराब को बनाने में इस्तेमाल किया गया है. मिथाइल अल्कोहल आंख के रेटिना पर असर डालता है और उनके मिश्रण से फॉर्मेल्डिहाइड नामक रसायन बनता है. जो शरीर के मल्टी ऑर्गन फेलियर के लिए बेहद सहायक माना जाता है. संभवत फॉर्मेल्डिहाइड के कारण ही इन लोगों की आंखें गई हैं.
प्रशासन और पुलिस को इस केस में जैसे-जैसे जानकारी मिलती जा रही है, वैसे-वैसे कार्रवाई आगे बढ़ती जा रही है. इस मामले में पुलिस अधिकारी का कहना है कि अब तक सात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया जा चुका है. जांच में जो भी नाम सामने आएंगे, उनके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी. वहीं फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने 10-10 हजार रुपये का इनाम भी घोषित किया है.