उत्तर कन्नड़: इजराइल पर फिलिस्तीनी हमास आतंकियों के रॉकेट और मिसाइल हमलों के बाद कई लोगों की मौत हो गई है. अब भारतीयों की सुरक्षा के लिए भारतीय दूतावास आगे आया है. कर्नाटक के उत्तर कन्नड़ जिले के भटकल के 40 से अधिक लोगों के नामों की पहचान की गई है. इन्हें इजराइल में संरक्षित किया गया है. सभी अपने परिवार के संपर्क में हैं.
भटकल के 40 से अधिक लोगों की सुरक्षा: रोजगार के लिए इजराइल में बसे भटकल के 40 से अधिक लोगों से भारतीय दूतावास ने संपर्क किया है. सभी परिवार से लगातार संपर्क में हैं. इससे परिवार वाले राहत की सांस ले रहे हैं. हालाँकि, युद्ध की स्थिति ने परिवार के सदस्यों को डरा दिया है कि आगे क्या होगा. इस बात की पुष्टि हो चुकी है कि भटकल के मुंडाल्ली इलाके से 12 लोग और मुरुदेश्वर बस्ती चर्च क्रॉस से 29 लोग इजराइल में बस गए हैं. इजराइल में रहने वाले मुरुदेश्वर के चर्च क्रॉस निवासी सुनील गोम्सा और दलपी गोम्सा ने वीडियो कॉल के जरिए अपनी मां हेयलिन गोम्सा और बहन से संपर्क किया और सुरक्षा के बारे में बात की.
उन्होंने इजराइल के मौजूदा हालात पर बात की. इस दौरान कहा कि जहां घटना हुई उसके पास ही एक इलाका है जहां हम काम के सिलसिले में रुके थे. हमें डर है कि स्थिति क्या होगी. लेकिन यह जानकारी मिलने पर कि भारतीय दूतावास ने भारतीयों से संपर्क करना शुरू कर दिया है, हम दोनों ने कार्यालय के कर्मचारियों से संपर्क किया और हमारी सुरक्षा के बारे में जानकारी ली. सख्त आदेश है कि कोई भी बेवजह न घूमे.
दक्षिण कन्नड़ के कई लोग इजराइल में : दक्षिण कन्नड़ जिले के भी कई लोग रोजगार के लिए इजराइल में हैं. अब उनके परिवार वाले इस भयानक युद्ध के कारण चिंतित हैं. दक्षिण कन्नड़ जिले के कई लोग इजराइल में होम नर्स के रूप में काम कर रहे हैं. ये सभी युद्धग्रस्त क्षेत्रों के आसपास सुरक्षित माने जाते हैं. जानकारी मिली है कि यहां पुरुषों और महिलाओं की संख्या बराबर है.
मंगलुरु के दमस्कट्टे के रहने वाले प्रवीण पिंटो का परिवार पिछले 16 साल से तेल अवीव में रह रहा है. इसी तरह लियोनार्ड फर्नांडीज पिछले 14 वर्षों से कार्यरत हैं. परिवार लगातार फोन पर उनकी सुरक्षा के बारे में जानकारी लेता रहता है. जानकारी मिली है कि ये दोनों बंकरों में सुरक्षित हैं. पता चला है कि भारतीय दूतावास ने घर से बाहर न निकलने की हिदायत दी है.
प्रवीण पिंटो की पत्नी नीता सलदाना ने कहा, 'मेरे पति 16 साल से इजराइल में रह रहे हैं. मैं उनसे हर आधे घंटे में वहां के हालात के बारे में पूछ रही हूं. वह सुरक्षित इलाके में हैं. वह सरकार के दिशानिर्देशों का पालन कर रहे हैं. वह बाहर नहीं जा रहे हैं. जब कोई रॉकेट हमला होता है तो सायरन बज जाता है. अब वह एक बम शेल्टर में है. वे शरण मांग रहे हैं.'