देहरादून: कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच हरिद्वार में महाकुंभ के आयोजन पर सवाल उठ रहे हैं. हरिद्वार महाकुंभ में देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं के साथ कोरोना के मामले उत्तराखंड में तेजी से बढ़ते जा रहे हैं. गुरुवार को उत्तराखंड में 2220 कोरोना के नए मामले सामने आ चुके हैं. इस तरह प्रदेश में कोरोना संक्रमित मरीजों की आंकड़ा 1 लाख 16 हजार 244 पहुंच गया है.
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उत्तराखंड में पिछले 24 घंटों में 2,220 नए #COVID19 मामले और 9 मौतें दर्ज़ की गई।; कुल मामले 1,16,244 हो गए हैं। pic.twitter.com/UartZ7aUsx
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डरा रहे आंकड़े
बात करें हरिद्वार महाकुंभ की तो बीते 6 दिनों में हरिद्वार में 2780 नए मामले सामने आ चुके हैं. साथ ही हरिद्वार में फिलहाल 1269 एक्टिव केस मौजूद है. 10 अप्रैल को हरिद्वार में 254, 11 अप्रैल को 386, 12 अप्रैल को 408, 13 अप्रैल को 594, 14 अप्रैल को 525 और 15 अप्रैल को 613 नए मामले सामने आए हैं.
सरकार की लाख पाबंदियों के बाद भी हरिद्वार में कोरोना वायरस पैर पसारता जा रहा है. बीते 12 अप्रैल को हुए दूसरे शाही स्नान के बाद हरिद्वार में 409 नए पॉजिटिव मरीज मिले थे. वहीं, तीसरे शाही के स्नान के बाद हरिद्वार में कोरोना के 613 नए मामले सामने आए हैं.
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हरिद्वार महाकुंभ में इस बार प्रशासन की सख्ती और कोरोना गाइडलाइन की सख्ती के बाद भी कोरोना के आंकड़े लगातार डरा रहे हैं. अखाड़ों के संत भी लगातार इसकी चपेट में हैं. वो बात अलग है कि कुछ बातों को प्रशासन और सरकार, संत-समाज की ओर से सार्वजनिक नहीं किया जा रहा है.
जूना अखाड़ा में कैंप कर रहे एक प्राइवेट डॉक्टर की मानें तो उनके पास रोजाना 900 से 1500 मरीज आ रहे हैं. जिसमें सबसे ज्यादा मरीज नागा संन्यासी और साधु समाज के अन्य पदाधिकारी हैं. जिन्हें खांसी, जुकाम, बुखार जैसी अन्य समस्याएं लगातार बढ़ रही है. ऐसी स्थिति में हरिद्वार महाकुंभ में कोरोना का बम फट सकता है.