हैदराबाद: कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर डरा रही है. साल 2020 में कोरोना संक्रमण के चलते देशभर में लॉकडाउन भी लगाया गया. जिसका आर्थिक नुकसान हर तबके को झेलना पड़ा. 2020 के अंत तक हालात सामान्य होते नजर आए तो कोरोना का दंश झेल रही जिंदगी भी मानो पटरी पर लौट रही थी. साल 2020 हर तबके को बुरी यादें देकर गया और लोगों को 2021 से उम्मीद थी. देश में बनी दो कोरोना वैक्सीन से उम्मीद भी जगी लेकिन बीते कुछ हफ्तों से कोरोना के बढ़ते मामले फिर से डरा रहे हैं.
डरा रहे हैं अप्रैल के आंकड़े
बीते 24 घंटे में 1,68,912 नए मामले सामने आए हैं. जो अब तक के एक दिन में सबसे ज्यादा नए केस हैं. अप्रैल महीने के बीते 11 दिनों में कोरोना के मामलों में रिकॉर्डतोड़ बढ़ोतरी दर्ज की गई है. हर 24 घंटे में सामने आने वाले कोरोना के नए मामलों का आंकड़ा रोज नया रिकॉर्ड बना रहा है. कोरोना संक्रमण की जो रफ्तार अप्रैल में नजर आ रही है वो साल 2020 में किसी भी वक्त नजर नहीं आई. अप्रैल में ही पहली बार कोरोना के मामले एक दिन में 1 लाख के पार पहुंचे. वो भी एक शुरुआत भर थी क्योंकि उसके बाद रोज इन आंकड़ों में इजाफा ही हुआ है. अप्रैल के बीते 11 दिनों में कुल 13 लाख से ज्यादा नए मामले सामने आए हैं. इस हिसाब से रोजाना औसतन 1.18 लाख से ज्यादा नए केस सामने आ रहे हैं.
बीती 6 अप्रैल से ये तस्वीर और भी डराने वाली है क्योंकि बीते 6 दिनों में ही 8.41 लाख कोरोना के नए मामले सामने आए हैं. इस तरह बीते 6 दिनों में रोज औसतन 1.40 लाख से ज्यादा मामले सामने आए हैं. जो हर बीतते रोज के साथ बढ़ रहे हैं.
लगातार बढ़ रही है संक्रमण की रफ्तार
अप्रैल महीने में जिस तरह से रोज़ाना कोरोना के मामले आ रहे हैं वो इसलिये भी डराने वाले हैं क्योंकि उनमें हर बीतते रोज़ के साथ इजाफा हो रहा है. 9 अप्रैल को 1.45 लाख से ज्यादा नए मामले सामने आए तो 10 अप्रैल को 1.52 लाख से ज्यादा और 24 घंटे बाद 11 अप्रैल को 1.68 लाख से ज्यादा नए मामले सामने आ गए.
मौतों का आंकड़ा भी बढ़ा है
बीते 24 घंटे में 1,68,912 नए मरीज सामने आए हैं जबकि 904 लोगों की मौत भी हुई है. कोरोना के नए मामलों के अलावा मौत के मामलों में भी रोज इजाफा हो रहा है. देशभर में अब तक 1,70,179 लोगों के लिए कोरोना जानलेवा साबित हुआ है.
देश में इस वक्त कुल 12,01,009 कोरोना के एक्टिव मामले हैं. जबकि देश में अब तक कोरोना के मरीजों की कुल 1,35,27,717 मामले हैं जबकि अब तक 1,21,56529 मरीज कोरोना को मात देकर ठीक हो चुके हैं.
शहर-शहर कोरोना का कहर
अप्रैल में कोरोना संक्रमण की जो रफ्तार बढ़ी है वो देशभर में देखने को मिल रही है. साल 2020 की तरह इस साल भी कोरोना ने सबसे ज्यादा कहर महाराष्ट्र में बरपाया है जहां से हर 24 घंटे में औसतन 60 हजार से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं. दिल्ली से लेकर छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश से लेकर राजस्थान में भी रोजाना नए मामलों में रिकॉर्डतोड़ बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है. जिसने सरकारों को फिर से सोचने पर मजबूर कर दिया है.
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लॉकडाउन की दस्तक
कोरोना संक्रमण की रफ्तार के बीच पीएम मोदी ने भले लॉकडाउन से इनकार किया हो लेकिन लगातार बढ़ते मामलों को देखते हुए कुछ राज्य सरकारों ने सख्त कदम उठाए हैं. महाराष्ट्र से लेकर दिल्ली, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, राजस्थान, उड़ीसा, पंजाब समेत कई राज्यों ने नाइट कर्फ्यू से लेकर वीकेंड लॉकडाउन का कदम उठाया है. मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में कुछ शहर और इलाकों में कोरोना विस्फोट के बाद प्रदेश सरकार ने उन स्थानों पर पूर्ण लॉकडाउन लगा दिया है.
सावधानी ही बचाव है
जानकार कोरोना संक्रमण की इस रफ्तार के लिए लोगों की लापरवाही को सबसे ज्यादा जिम्मेदार मानते हैं. साल 2020 में कोरोना संकट काल में लोगों ने कोरोना से जुड़े प्रोटोकॉल का पालन किया था फिर चाहे मास्क लगाने की बात हो या सोशल डिस्टेंसिंग की या फिर सेनिटाइजर के इस्तेमाल की. लेकिन साल 2020 में लॉकडाउन के बाद जैसे-जैसे चरणबद्ध तरीके से देशभर में अनलॉक हुआ और हालात धीरे-धीरे सामान्य होने लगे वैसे ही लोगों सावधानी का दामन छोड़कर लापरवाही बरतनी शुरू कर दी.
डॉक्टरों की सलाह है कि भले देश में वैक्सीनेशन का दौर चल रहा है और आपको टीका लग भी गया हो तब भी सावधानी बहुत जरूरी है. मास्क पहनने से लेकर दो गज की दूरी तक कोविड 19 से जुड़ी तमाम सावधानियां बरतनी जरूरी है.