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भारत-बांग्लादेश सीमा पर और चीनी साइबर जासूस सक्रिय, बीएसएफ हाई अलर्ट पर - कोलकाता

हान जुनवे अकेले नहीं हैं. सीमा सुरक्षा बल (BSF) की विशेष खुफिया इकाई (SIU) को संदेह है कि उसकी तरह कई अन्य चीनी साइबर जासूस भारत-बांग्लादेश सीमा से लगे गांवों में सक्रिय हो गए हैं.

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Published : Jun 15, 2021, 11:48 PM IST

कोलकाता : बीएसएफ के एसआईयू के पास उपलब्ध जानकारी के मुताबिक भारत-बांग्लादेश सीमावर्ती इलाकों में कई चीनी साइबर जासूस सक्रिय हो गए हैं. तदनुसार बीएसएफ के अधिकारी भी इस खतरे को रोकने के लिए आवश्यक कार्रवाई कर रहे हैं.

उन्होंने इन सीमाओं में एक विशाल क्षेत्र में नई कांटेदार बाड़ लगाने का फैसला किया है. साथ ही इन क्षेत्रों में उच्च क्षमता और उच्च गुणवत्ता वाली सीसीटीवी भी लगाई जाएंगी. एसआईयू के पास उपलब्ध जानकारी के अनुसार हान का मुख्य उद्देश्य बीएसएफ (BSF), भारत तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) और सशस्त्र सीमा बल (SSB) जैसी सीमा रक्षक एजेंसियों की महत्वपूर्ण सूचनाओं को हैक करना और उसे चीनी अधिकारियों को हस्तांतरित करना था.

बीएसएफ के बंगाल फ्रंटियर के प्रवक्ता एसएस गुलियार ने ईटीवी भारत को बताया कि बीएसएफ जवानों को हाई अलर्ट पर रखा गया है. यह हमारी पहल की वजह से ही हान पकड़ लिया गया. हमने बाद में प्रोटोकॉल के अनुसार उसे मालदा की जिला पुलिस को सौंप दिया. हालांकि हमारे एसआईयू अधिकारियों द्वारा उनसे लगातार पूछताछ की जा रही है. जिसके बाद हमें महत्वपूर्ण जानकारी मिली है. हालांकि मैं जांच विवरण साझा नहीं कर सकता लेकिन हान अकेले नहीं हैं. गुलियार ने कहा कि कई अन्य चीनी साइबर जासूस और अपराधी भारत-बांग्लादेश सीमा पर सक्रिय हैं.

उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि ये चीनी साइबर जासूस कुछ दूरस्थ सीमा बिंदुओं पर उचित जांच सुविधाओं की कमी का भी फायदा उठा रहे हैं. एसआईयू के अधिकारियों को यह भी संदेह है कि हान के शरीर में माइक्रोचिप्स लगाए जा सकते हैं और यह पता लगाने के लिए कि डीएनए परीक्षण किए जाने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि बीएसएफ अपने पास उपलब्ध सभी जरूरी दस्तावेज राज्य पुलिस को सौंपने के लिए तैयार है, जो अब हान से पूछताछ करेगी.

यह भी पढ़ें-तीरथ सिंह रावत और ममता बनर्जी को छोड़नी पड़ सकती है सीएम की कुर्सी ? जानिए वजह

राज्य पुलिस की विशेष कार्यबल, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के अधिकारी हान से पूछताछ करने के लिए तैयार हैं. मालदा जिला पुलिस से एसटीएफ और एनआईए को केस रिकॉर्ड सौंपने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. जांच करने वाले लोगों को यकीन है कि हान के अन्य साइबर जासूसों के साथ गहरे संपर्क हैं. वे अब हान के लैपटॉप का पासवर्ड क्रैक करने की कोशिश कर रहे हैं. चूंकि पासवर्ड मंदारिन भाषा में है इसलिए एजेंसी के अधिकारी इस भाषा के जानकार व्यक्ति की तलाश कर रहे हैं ताकि पासवर्ड को क्रैक किया जा सके.

कोलकाता : बीएसएफ के एसआईयू के पास उपलब्ध जानकारी के मुताबिक भारत-बांग्लादेश सीमावर्ती इलाकों में कई चीनी साइबर जासूस सक्रिय हो गए हैं. तदनुसार बीएसएफ के अधिकारी भी इस खतरे को रोकने के लिए आवश्यक कार्रवाई कर रहे हैं.

उन्होंने इन सीमाओं में एक विशाल क्षेत्र में नई कांटेदार बाड़ लगाने का फैसला किया है. साथ ही इन क्षेत्रों में उच्च क्षमता और उच्च गुणवत्ता वाली सीसीटीवी भी लगाई जाएंगी. एसआईयू के पास उपलब्ध जानकारी के अनुसार हान का मुख्य उद्देश्य बीएसएफ (BSF), भारत तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) और सशस्त्र सीमा बल (SSB) जैसी सीमा रक्षक एजेंसियों की महत्वपूर्ण सूचनाओं को हैक करना और उसे चीनी अधिकारियों को हस्तांतरित करना था.

बीएसएफ के बंगाल फ्रंटियर के प्रवक्ता एसएस गुलियार ने ईटीवी भारत को बताया कि बीएसएफ जवानों को हाई अलर्ट पर रखा गया है. यह हमारी पहल की वजह से ही हान पकड़ लिया गया. हमने बाद में प्रोटोकॉल के अनुसार उसे मालदा की जिला पुलिस को सौंप दिया. हालांकि हमारे एसआईयू अधिकारियों द्वारा उनसे लगातार पूछताछ की जा रही है. जिसके बाद हमें महत्वपूर्ण जानकारी मिली है. हालांकि मैं जांच विवरण साझा नहीं कर सकता लेकिन हान अकेले नहीं हैं. गुलियार ने कहा कि कई अन्य चीनी साइबर जासूस और अपराधी भारत-बांग्लादेश सीमा पर सक्रिय हैं.

उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि ये चीनी साइबर जासूस कुछ दूरस्थ सीमा बिंदुओं पर उचित जांच सुविधाओं की कमी का भी फायदा उठा रहे हैं. एसआईयू के अधिकारियों को यह भी संदेह है कि हान के शरीर में माइक्रोचिप्स लगाए जा सकते हैं और यह पता लगाने के लिए कि डीएनए परीक्षण किए जाने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि बीएसएफ अपने पास उपलब्ध सभी जरूरी दस्तावेज राज्य पुलिस को सौंपने के लिए तैयार है, जो अब हान से पूछताछ करेगी.

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राज्य पुलिस की विशेष कार्यबल, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के अधिकारी हान से पूछताछ करने के लिए तैयार हैं. मालदा जिला पुलिस से एसटीएफ और एनआईए को केस रिकॉर्ड सौंपने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. जांच करने वाले लोगों को यकीन है कि हान के अन्य साइबर जासूसों के साथ गहरे संपर्क हैं. वे अब हान के लैपटॉप का पासवर्ड क्रैक करने की कोशिश कर रहे हैं. चूंकि पासवर्ड मंदारिन भाषा में है इसलिए एजेंसी के अधिकारी इस भाषा के जानकार व्यक्ति की तलाश कर रहे हैं ताकि पासवर्ड को क्रैक किया जा सके.

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