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मोरबी हादसा : बार एसोसिएशन का नौ आरोपियों का केस लड़ने से इनकार

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Published : Nov 2, 2022, 11:41 AM IST

Updated : Nov 2, 2022, 11:59 AM IST

मोरबी बार एसोसिएशन के वरिष्ठ अधिवक्ता एसी प्रजापति ने कहा कि मोरबी बार एसोसिएशन और राजकोट बार एसोसिएशन ने यह प्रस्ताव पारित किया है. मोरबी, मोरबी पुल, मोरबी हादसा, अदालत, गुजरात, न्यायिक हिरासत, फॉरेंसिक रिपोर्ट, पुल की फ्लोरिंग, फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला, एफएसएल, मोरबी , , , , , , , , ,,

मोरबी हादसा
मोरबी हादसा

मोरबी (गुजरात): मोरबी बार एसोसिएशन और राजकोट बार एसोसिएशन ने फैसला किया है कि वे मोरबी पुल ढहने के नौ आरोपियों के पक्ष से अदालत में पेश नहीं होंगे और ना ही उनका प्रतिनिधित्व करेंगे. मोरबी बार एसोसिएशन के वरिष्ठ अधिवक्ता एसी प्रजापति ने कहा कि दोनों बार एसोसिएशन ने यह प्रस्ताव पारित किया है. गुजरात के मोरबी में केबल पुल हादसे के सिलसिले में गिरफ्तार नौ लोगों में से चार लोगों को एक मजिस्ट्रेट अदालत ने मंगलवार को पुलिस हिरासत में जबकि अन्य पांच को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया.

अदालत ने पुल की मरम्मत के लिए जिम्मेदार कंपनी ओरेवा ग्रुप के दो प्रबंधकों और दो सब-कांट्रैक्टर को शनिवार तक के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया. अभियोजक एचएस पांचाल ने बताया कि मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एमजे खान ने सुरक्षा गार्ड और टिकट बुक करने वाले क्लर्क सहित गिरफ्तार पांच लोगों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है क्योंकि पुलिस ने उनकी हिरासत नहीं मांगी थी.इससे पहले मंगलवार को मोरबी हादसे को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका (PIL) दायर की गई.

पढ़ें: मोरबी हादसा: अदालत ने गिरफ्तार नौ आरोपियों में से चार को पुलिस हिरासत में भेजा

पीआईएल में मोरबी पुल ढहने की जांच शुरू करने के लिए शीर्ष अदालत के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की देखरेख में एक न्यायिक आयोग को तुरंत नियुक्त करने का निर्देश देने की मांग की गई. एक वकील द्वारा दायर याचिका में राज्य सरकारों को पर्यावरणीय व्यवहार्यता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पुराने और जोखिम भरे स्मारकों और पुलों के सर्वेक्षण और जोखिम मूल्यांकन के लिए समिति बनाने का निर्देश देने की मांग भी की गई . याचिका में राज्यों में स्थायी आपदा जांच दल को ऐसी त्रासदियों में तुरंत शामिल होने के निर्देश देने की भी मांग की गई है. इस मामले की सुनवाई 14 नवंबर को होगी.

पढ़ें: मोरबी हादसे की व्यापक जांच कर इससे जुड़े सबक को अमल में लाया जाए : मोदी

गुजरात के मोरबी में ब्रिटिश काल का एक सस्पेंशन ब्रिज दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें 134 लोग मारे गए और कई अन्य घायल हो गए. रविवार शाम करीब साढ़े छह बजे जब यह पुल दुर्घटनाग्रस्त हुआ तो लोगों से खचाखच भरा हुआ था. व्यापक मरम्मत और नवीनीकरण के बाद पांच दिन पहले सदियों पुराने पुल को फिर से खोल दिया गया था. इस बीच, पुलिस ने सोमवार को ओरेवा समूह के चार लोगों सहित नौ लोगों को गिरफ्तार किया, जो मोरबी निलंबन पुल का प्रबंधन कर रहे थे, और संरचना के रखरखाव और संचालन के लिए काम करने वाली फर्मों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.

पढ़ें: मोरबी हादसा: पीएम के दौरे से पहले इंतज़ाम की फ़ोटो जारी कर आप और कांग्रेस ने जताया एतराज

रविवार की शाम को पुल ढहने से पहले का वीडियो फुटेज सामने आया, जिसमें कुछ सेकंड में पुल टूटते हुए देखा जा सकता है. राजकोट रेंज के आईजी अशोक यादव ने कहा कि मोरबी पुल ढहने के मामले में नौ लोगों को गिरफ्तार किया गया है. उनमें दो प्रबंधक और पुल का प्रबंधन करने वाले ओरेवा समूह के दो टिकट बुकिंग क्लर्क शामिल हैं. उन्होंने बताया कि पुल गिरने से मरने वालों की संख्या बढ़कर 134 हो गई है.

पढ़ें: Gujarat bridge collapse: ब्रिज से लटक कर नीचे गिर रहे थे लोग: चश्मदीद

मोरबी (गुजरात): मोरबी बार एसोसिएशन और राजकोट बार एसोसिएशन ने फैसला किया है कि वे मोरबी पुल ढहने के नौ आरोपियों के पक्ष से अदालत में पेश नहीं होंगे और ना ही उनका प्रतिनिधित्व करेंगे. मोरबी बार एसोसिएशन के वरिष्ठ अधिवक्ता एसी प्रजापति ने कहा कि दोनों बार एसोसिएशन ने यह प्रस्ताव पारित किया है. गुजरात के मोरबी में केबल पुल हादसे के सिलसिले में गिरफ्तार नौ लोगों में से चार लोगों को एक मजिस्ट्रेट अदालत ने मंगलवार को पुलिस हिरासत में जबकि अन्य पांच को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया.

अदालत ने पुल की मरम्मत के लिए जिम्मेदार कंपनी ओरेवा ग्रुप के दो प्रबंधकों और दो सब-कांट्रैक्टर को शनिवार तक के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया. अभियोजक एचएस पांचाल ने बताया कि मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एमजे खान ने सुरक्षा गार्ड और टिकट बुक करने वाले क्लर्क सहित गिरफ्तार पांच लोगों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है क्योंकि पुलिस ने उनकी हिरासत नहीं मांगी थी.इससे पहले मंगलवार को मोरबी हादसे को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका (PIL) दायर की गई.

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पीआईएल में मोरबी पुल ढहने की जांच शुरू करने के लिए शीर्ष अदालत के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की देखरेख में एक न्यायिक आयोग को तुरंत नियुक्त करने का निर्देश देने की मांग की गई. एक वकील द्वारा दायर याचिका में राज्य सरकारों को पर्यावरणीय व्यवहार्यता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पुराने और जोखिम भरे स्मारकों और पुलों के सर्वेक्षण और जोखिम मूल्यांकन के लिए समिति बनाने का निर्देश देने की मांग भी की गई . याचिका में राज्यों में स्थायी आपदा जांच दल को ऐसी त्रासदियों में तुरंत शामिल होने के निर्देश देने की भी मांग की गई है. इस मामले की सुनवाई 14 नवंबर को होगी.

पढ़ें: मोरबी हादसे की व्यापक जांच कर इससे जुड़े सबक को अमल में लाया जाए : मोदी

गुजरात के मोरबी में ब्रिटिश काल का एक सस्पेंशन ब्रिज दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें 134 लोग मारे गए और कई अन्य घायल हो गए. रविवार शाम करीब साढ़े छह बजे जब यह पुल दुर्घटनाग्रस्त हुआ तो लोगों से खचाखच भरा हुआ था. व्यापक मरम्मत और नवीनीकरण के बाद पांच दिन पहले सदियों पुराने पुल को फिर से खोल दिया गया था. इस बीच, पुलिस ने सोमवार को ओरेवा समूह के चार लोगों सहित नौ लोगों को गिरफ्तार किया, जो मोरबी निलंबन पुल का प्रबंधन कर रहे थे, और संरचना के रखरखाव और संचालन के लिए काम करने वाली फर्मों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.

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रविवार की शाम को पुल ढहने से पहले का वीडियो फुटेज सामने आया, जिसमें कुछ सेकंड में पुल टूटते हुए देखा जा सकता है. राजकोट रेंज के आईजी अशोक यादव ने कहा कि मोरबी पुल ढहने के मामले में नौ लोगों को गिरफ्तार किया गया है. उनमें दो प्रबंधक और पुल का प्रबंधन करने वाले ओरेवा समूह के दो टिकट बुकिंग क्लर्क शामिल हैं. उन्होंने बताया कि पुल गिरने से मरने वालों की संख्या बढ़कर 134 हो गई है.

पढ़ें: Gujarat bridge collapse: ब्रिज से लटक कर नीचे गिर रहे थे लोग: चश्मदीद

Last Updated : Nov 2, 2022, 11:59 AM IST
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