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मोरबी नगर पालिका ने ब्रिज गिरने के लिए अजंता मैन्युफैक्चरिंग को जिम्मेदार ठहराया - नगर पालिका कारपोरेशन

मोरबी नगर पालिका (Morbi Nagar Palika) ने मोरबी में पुल के ढहने के लिए अजंता मैन्युफैक्चरिंग लिमिटेड (ओरेवा समूह) को दोषी ठहराया है. इसमें कहा गया है कि कंपनी ने फिटनेस के वैज्ञानिक परीक्षण मंजूरी के बिना ही पुल को खोल दिया था.

morbi bridge collapse
मोरबी पुल ढहा
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Published : Nov 17, 2022, 4:38 PM IST

अहमदाबाद : मोरबी नगर पालिका (Morbi Nagar Palika) ने गुरुवार को 30 अक्टूबर को हुए पुल के ढहने के लिए अजंता मैन्युफैक्चरिंग लिमिटेड (ओरेवा समूह) को यह कहते हुए दोषी ठहराया कि इसने न केवल जनता के लिए बल्कि इसकी स्थिरता और फिटनेस के वैज्ञानिक परीक्षण मंजूरी के बिना पुल को खोल दिया. मोरबी नगर पालिका के प्रभारी मुख्य अधिकारी नारन मुछार द्वारा गुजरात उच्च न्यायालय (Gujarat High Court) के समक्ष दायर एक हलफनामे में आरोप लगाए गए थे.

इस हादसे में 51 बच्चों सहित लगभग 140 लोग मारे गए, जिसके बाद गुजरात उच्च न्यायालय (Gujarat High Court) ने मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए कार्यवाही शुरू की. अधिकारी ने आगे कहा, '26 अक्टूबर 2022 को बिना किसी पूर्व स्वीकृति के कंपनी ने सस्पेंशन ब्रिज को बड़े पैमाने पर मोरबी नगर पालिका को बताए बिना कि कंपनी द्वारा किए गए मरम्मत कार्य के बारे में बताए बिना साथ ही कथित सस्पेंशन ब्रिज की सामग्री परीक्षण, फिटनेस, धारण क्षमता और संरचना स्थिरता से संबंधित किसी भी स्वतंत्र तीसरे पक्ष के प्रमाण पत्र प्रदान किए बिना जनता के लिए फिर से खोल दिया.'

हालांकि उपरोक्त एमओयू की अवधि 15 अगस्त 2017 को समाप्त हो गई थी, किसी नए समझौते के अभाव में सस्पेंशन ब्रिज का रखरखाव और प्रबंधन कंपनी द्वारा जारी रखा गया था.

अहमदाबाद : मोरबी नगर पालिका (Morbi Nagar Palika) ने गुरुवार को 30 अक्टूबर को हुए पुल के ढहने के लिए अजंता मैन्युफैक्चरिंग लिमिटेड (ओरेवा समूह) को यह कहते हुए दोषी ठहराया कि इसने न केवल जनता के लिए बल्कि इसकी स्थिरता और फिटनेस के वैज्ञानिक परीक्षण मंजूरी के बिना पुल को खोल दिया. मोरबी नगर पालिका के प्रभारी मुख्य अधिकारी नारन मुछार द्वारा गुजरात उच्च न्यायालय (Gujarat High Court) के समक्ष दायर एक हलफनामे में आरोप लगाए गए थे.

इस हादसे में 51 बच्चों सहित लगभग 140 लोग मारे गए, जिसके बाद गुजरात उच्च न्यायालय (Gujarat High Court) ने मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए कार्यवाही शुरू की. अधिकारी ने आगे कहा, '26 अक्टूबर 2022 को बिना किसी पूर्व स्वीकृति के कंपनी ने सस्पेंशन ब्रिज को बड़े पैमाने पर मोरबी नगर पालिका को बताए बिना कि कंपनी द्वारा किए गए मरम्मत कार्य के बारे में बताए बिना साथ ही कथित सस्पेंशन ब्रिज की सामग्री परीक्षण, फिटनेस, धारण क्षमता और संरचना स्थिरता से संबंधित किसी भी स्वतंत्र तीसरे पक्ष के प्रमाण पत्र प्रदान किए बिना जनता के लिए फिर से खोल दिया.'

हालांकि उपरोक्त एमओयू की अवधि 15 अगस्त 2017 को समाप्त हो गई थी, किसी नए समझौते के अभाव में सस्पेंशन ब्रिज का रखरखाव और प्रबंधन कंपनी द्वारा जारी रखा गया था.

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(आईएएनएस)

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