नई दिल्ली: अफगान तालिबान के एक बड़े नेता ने पाकिस्तान को शर्मशार कर दिया. दरअसल उसने 1971 में भारत- पाक युद्ध में आत्मसमर्पण की तस्वीर शेयर कर दी और लिखा कि हमला किया तो वैसा ही हाल होगा. तालिबान के बड़े नेता अहमद यासिर ने तालिबान पर हमला करने के खिलाफ पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए ट्वीट किया, 'पाकिस्तान के आंतरिक मंत्री! बहुत बढ़िया सर! अफगानिस्तान...सीरिया, पाकिस्तान या तुर्की नहीं है.
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د پاکستان داخله وزیر ته !
— Ahmad Yasir (@AhmadYasir711) January 2, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
عالي جنابه! افغانستان سوريه او پاکستان ترکیه نده چې کردان په سوریه کې په نښه کړي.
دا افغانستان دى د مغرورو امپراتوريو هديره.
په مونږ دنظامي يرغل سوچ مه کړه کنه دهند سره دکړې نظامي معاهدې د شرم تکرار به وي داخاوره مالک لري هغه چې ستا بادار يې په ګونډو کړ. pic.twitter.com/FFu8DyBgio
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— Ahmad Yasir (@AhmadYasir711) January 2, 2023
عالي جنابه! افغانستان سوريه او پاکستان ترکیه نده چې کردان په سوریه کې په نښه کړي.
دا افغانستان دى د مغرورو امپراتوريو هديره.
په مونږ دنظامي يرغل سوچ مه کړه کنه دهند سره دکړې نظامي معاهدې د شرم تکرار به وي داخاوره مالک لري هغه چې ستا بادار يې په ګونډو کړ. pic.twitter.com/FFu8DyBgioد پاکستان داخله وزیر ته !
— Ahmad Yasir (@AhmadYasir711) January 2, 2023
عالي جنابه! افغانستان سوريه او پاکستان ترکیه نده چې کردان په سوریه کې په نښه کړي.
دا افغانستان دى د مغرورو امپراتوريو هديره.
په مونږ دنظامي يرغل سوچ مه کړه کنه دهند سره دکړې نظامي معاهدې د شرم تکرار به وي داخاوره مالک لري هغه چې ستا بادار يې په ګونډو کړ. pic.twitter.com/FFu8DyBgio
यह अफगानिस्तान है. यहां बड़ी-बड़ी हुकूमतों की कब्रगाहें हैं. हम पर सैन्य हमले के बारे में मत सोचिए, अन्यथा भारत के साथ शर्मनाक सैन्य समझौते जैसी स्थिति होगी. विशेष रूप से, द्वितीय विश्व युद्ध के बाद यह सबसे बड़ा सैन्य आत्मसमर्पण था, जब पाकिस्तानी सेना के 93,000 सैनिकों ने भारतीय सेना के सामने अपने हथियार डाल दिए - एक नए राष्ट्र बांग्लादेश को मुक्त और जन्म दिया.
1971 का भारत-पाक युद्ध पाकिस्तान की ओर से शुरू हुआ, जिसमें बड़ी संख्या में भारतीय वायु सेना (IAF) के ठिकानों पर पूर्व-खाली हमले हुए. इन अकारण हमलों का त्वरित जवाब भारतीय रक्षा बलों द्वारा पश्चिमी और पूर्वी मोर्चों पर, भूमि, समुद्र और वायु माध्यमों से दिया गया.
भारतीय सशस्त्र बलों की सक्रिय कार्रवाई के साथ, लगभग 93,000 पाकिस्तानी सैनिकों ने ढाका में आत्मसमर्पण कर दिया और बांग्लादेश एक स्वतंत्र देश के रूप में उभरा. अफ़ग़ानिस्तान में अशरफ़ ग़नी की सरकार के पतन के बाद, पाकिस्तान उन कुछ देशों में से एक था, जिसने युद्ध से तबाह देश पर तालिबान के अधिग्रहण की सराहना की थी, जबकि इसे रणनीतिक जीत के रूप में लाभ प्राप्त करने की उम्मीद थी. हालांकि, पाकिस्तान में उग्रवाद में वृद्धि और पिछले साल अगस्त से तालिबान के साथ सीमा पर हुई झड़पों ने अन्यथा संकेत दिया.
पाकिस्तान ने ऐतिहासिक रूप से अफगानिस्तान के प्रति एक रणनीतिक गहराई नीति का पालन किया है, जिसके तहत वह देश को एक राजनीतिक मोहरे के रूप में नियंत्रित करने का प्रयास करता है और भारत की तुलना में रणनीतिक बचाव करता है. अगस्त 2021 में जब लोकतांत्रिक सरकार को अपदस्थ किया गया था, तब पाकिस्तान के तत्कालीन खुफिया प्रमुख इस अधिग्रहण का जश्न मनाने के लिए काबुल गए थे.
(एएनआई)