मुंबई: महाराष्ट्र विधानमंडल का मानसून सत्र सोमवार को मुंबई में शुरू होने वाला है. इससे पहले कांग्रेस विधायकों ने सरकार के खिलाफ नारे लगाए. तीन सप्ताह का सत्र आज से 4 अगस्त तक नरीमन पॉइंट स्थित विधान भवन परिसर में आयोजित किया जाएगा. पूर्व विपक्षी एवं राकांपा नेता अजित पवार के भाजपा-शिवसेना गठबंधन में शामिल होने के बाद यह पहला सत्र होगा. मानसून सत्र में 24 विधेयक प्रस्तावित हैं. इनमें से 10 को कैबिनेट से मंजूरी मिल गई है और 14 को कैबिनेट द्वारा पारित किया जाना बाकी है और उसके बाद इसे पेश किया जाएगा.
एक विधेयक जो विधान परिषद द्वारा पहले ही पारित किया जा चुका है, उसे विधानसभा में पेश किया जाएगा. इसके अलावा, एक विधेयक जो दोनों सदनों की संयुक्त समिति के पास लंबित है, उसे भी पेश किए जाने की उम्मीद है. इन 24 विधेयकों के अलावा पहले से लागू 6 अध्यादेशों को भी विधानमंडल की मंजूरी के लिए मानसून सत्र में पेश किया जाएगा.
इनके अलावा, पहले से प्रभावी छह अध्यादेशों को विधानमंडल से अनुमोदन प्राप्त करने के लिए मानसून सत्र में पेश किया जाएगा. इससे पहले रविवार को उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस ने रविवार को कहा कि सरकार राज्य विधानसभा में अपनी वर्तमान स्थिति का दुरुपयोग नहीं करेगी, भले ही सदन में गठबंधन की संख्या बढ़ गई हो.
राज्य विधानसभा सत्र की पूर्व संध्या पर, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस, सीएम एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम अजित पवार ने एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की और कहा कि गठबंधन की संख्या के बावजूद सरकार राज्य विधानसभा में अपनी वर्तमान स्थिति का दुरुपयोग नहीं करेगी. देवेंद्र फड़नवीस ने कहा कि भले ही हमारी ताकत बढ़ गई है, हम यह सुनिश्चित करेंगे कि हम इसका दुरुपयोग न करेंगे और विपक्ष द्वारा उठाया गया लोगों के कल्याण से संबंधित सभी मुद्दों का समाधान करेंगे.
पहले की तरह विपक्ष ने मानसून सत्र के चाय कार्यक्रम का बहिष्कार किया है. राज्य के मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि 210 से अधिक विधायक सरकार के साथ हैं. उन्होंने कहा कि विपक्ष को सरकार के खिलाफ सवाल उठाने का अधिकार है. कल्याण के लिए सवाल उठाए जाने चाहिए. हालांकि जब सरकार कुछ अच्छा करती है तो इसकी प्रशंसा करना भी विपक्ष का कर्तव्य है.
कांग्रेस विधायकों ने सरकार के खिलाफ लगाए नारे : महाराष्ट्र विधानमंडल के मानसून सत्र से पहले विपक्षी कांग्रेस के विधायकों ने सोमवार को राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और उस पर भ्रष्टाचार में लिप्त होने का आरोप लगाया. पूर्व मंत्री यशोमति ठाकुर और मुंबई कांग्रेस प्रमुख वर्षा गायकवाड़ के नेतृत्व में विधायक विधान भवन की सीढ़ियों पर एकत्र हुए और सरकार के खिलाफ नारे लगाए.
शिवसेना (यूबीटी) की ओर से केवल अंबादास दानवे राज्य विधान परिषद में विरोध के दौरान मौजूद थे. वह विपक्ष के नेता हैं. विरोध प्रदर्शन के दौरान शरद पवार के नेतृत्व वाले एनसीपी खेमे का कोई भी विधायक मौजूद नहीं था. शिवसेना (यूबीटी), कांग्रेस और एनसीपी (शरद पवार समूह) सहित विपक्षी खेमे ने रविवार को राज्य विधानमंडल के मानसून सत्र की पूर्व संध्या पर महाराष्ट्र सरकार द्वारा आयोजित पारंपरिक चाय पार्टी का बहिष्कार किया.
(एक्सट्रा इनपुट एजेंसी)