दोनों सदनों की कार्यवाही स्थगित
हंगामे के चलते लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी गई है.
नई दिल्ली: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के संदर्भ में अधीर रंजन चौधरी की टिप्पणी तथा इस मुद्दे पर सोनिया गांधी और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के बीच लोकसभा में कथित नोकझोंक को लेकर शुक्रवार को सदन में कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के सदस्यों ने हंगामा किया जिस वजह से कार्यवाही आरंभ होने के साथ ही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी. सदन की कार्यवाही आरंभ होते ही दोनों दलों के सदस्य अपने-अपने स्थान पर खड़े हो गए और हंगामा करने लगे. भारतीय जनता पार्टी के सदस्य कांग्रेस नेता चौधरी की टिप्पणी के विषय को उठा रहे थे वहीं कांग्रेस के सदस्य अपनी पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ बृहस्पतिवार को सदन में भाजपा सदस्यों की कथित नोकझोंक का मुद्दा उठाने का प्रयास कर रहे थे.
पीठासीन सभापति किरीट भाई सोलंकी ने सदस्यों से अपने-अपने स्थान पर जाने और सदन चलने देने की अपील की. हंगामा जारी रहने पर उन्होंने आरंभ होने के कुछ मिनट बाद ही सभा की बैठक दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी. राष्ट्रपति को 'राष्ट्रपत्नी' कहने से जुड़ी चौधरी की टिप्पणी पर भारतीय जनता पार्टी के सांसदों ने बृहस्पतिवार को लोकसभा में भारी हंगामा किया था जिस कारण सदन की कार्यवाही दो बार के स्थगन के बाद पूरे दिन के लिए स्थगित करनी पड़ी थी.
पढ़ें: अधीर रंजन के बयान पर संसद में आज भी हंगामे के आसार
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और भाजपा की कई अन्य महिला सांसदों ने इस विषय को जोरदार तरीके से उठाया था और सोनिया गांधी से माफी की मांग की थी. उधर, कांग्रेस ने आरोप लगाया कि 'लोकसभा में बृहस्पतिवार को स्मृति ईरानी समेत भाजपा के कई सांसदों एवं मंत्रियों ने सोनिया गांधी के साथ अमर्यादित और अपमानजनक व्यवहार किया तथा ऐसी स्थिति पैदा कर दी गई थी कि उन्हें (सोनिया को) चोट भी लग सकती थी.'
राज्यसभा में हंगामा, बैठक बारह बजे तक स्थगित
राज्यसभा की बैठक शुक्रवार को अलग-अलग मुद्दों पर सत्ता पक्ष और विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण शुरू होने के कुछ ही देर बाद दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई. हंगामे के कारण आज भी उच्च सदन में शून्यकाल नहीं हो पाया. बैठक शुरू होने पर उपसभापति हरिवंश ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए. इसके बाद उन्होंने सदन को सूचित किया कि नियत कामकाज स्थगित कर कुछ विषयों पर चर्चा के लिए नियम 267 के तहत नोटिस मिले हैं.
उन्होंने बताया कि कांग्रेस के दीपेंद्र सिंह हुड्डा और रंजीत रंजन ने सेना में भर्ती की 'अग्निपथ योजना' पर चर्चा के लिए नोटिस दिया है. उन्होंने बताया कि कांग्रेस सदस्य के सी वेणुगोपाल और मल्लिकार्जुन खड़गे, समाजवादी पार्टी के जावेद अली खान, भाकपा सदस्य विनय विश्वम और माकपा के इलामारम करीम ने महंगाई के मुद्दे पर चर्चा के लिए नोटिस दिए हैं. हरिवंश ने बताया कि सभापति एम वेंकैया नायडू ने इन्हें अस्वीकार कर दिया है. उन्होंने बताया कि सभापति के अनुसार, महंगाई के विषय पर अगले सप्ताह चर्चा होने जा रही है और पांच नोटिस महंगाई से संबंधित हैं.
उपसभापति हरिवंश ने कहा कि कल सभापति ने कहा था कि अन्य विषयों को उन्होंने शून्यकाल में उठाने के लिए मंजूरी दी थी लेकिन ये मुद्दे नहीं उठाए जा सके. इसी बीच कांग्रेस सदस्य और सदन में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कुछ कहना चाहा. उपसभापति ने उन्हें अपनी बात रखने के लिए कहा, लेकिन इसी दौरान सदन में हंगामा शुरू हो गया. कुछ सदस्य आसन के समक्ष आकर नारेबाजी करने लगे. सत्ता पक्ष के सदस्यों ने लोकसभा में कांग्रेस के नेता द्वारा राष्ट्रपति को 'राष्ट्रपत्नी' कहे जाने के मुद्दे पर कांग्रेस अध्यक्ष से माफी की मांग उठाई.
वहीं विपक्षी सदस्य अपने कुछ साथियों का निलंबन रद्द करने, गुजरात में जहरीली शराब से कई लोगों की मौत होने, महंगाई और अन्य मुद्दों पर तत्काल चर्चा की मांग कर रहे थे. उपसभापति ने सदस्यों से शांत रहने और कार्यवाही चलने देने का अनुरोध किया लेकिन सदन में व्यवस्था बनते न देख उन्होंने 11 बज कर करीब 10 मिनट पर ही बैठक को दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दिया.
पीटीआई-भाषा