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मनी लॉन्ड्रिंग केस : अवंता समूह के गौतम थापर की जमानत याचिका खारिज - मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गौतम थापर

दिल्ली उच्च न्यायालय ने 515 करोड़ रुपये के कथित बैंक ऋण धोखाधड़ी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग (Money laundering case Avantha Group) मामले में अवंता समूह के प्रमोटर गौतम थापर (Avantha Group Gautam Thapar) की जमानत याचिका खारिज कर दी.

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Published : Mar 2, 2022, 1:36 PM IST

नई दिल्ली : मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गौतम थापर की बेल एप्लिकेशन खारिज हो गई है. दिल्ली हाईकोर्ट में न्यायमूर्ति मनोज कुमार ओहरी की पीठ ने थापर को जमानत देने से इनकार कर दिया. थापर को 3 अगस्त, 2021 को यस बैंक द्वारा ऋण के रूप में दिए गए धन की हेराफेरी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.

गौतम थापर की ओर से सीनियर एडवोकेट मुकुल रोहतगी ने पैरवी की थी. रोहतगी ने सुनवाई की अंतिम तारीख पर तर्क दिया था कि आवेदक पिछले छह महीने से जेल में है और इस मामले में कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है. रोहतगी ने कहा था कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा कोई आरोप पत्र भी दायर नहीं किया गया है.

तमाम दलीलों को सुनने के बाद बुधवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने गौतम थापर की जमानत याचिका खारिज कर दी. इससे पहले 30 सितंबर, 2021 को, उच्च न्यायालय ने थापर की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका को इस आधार पर खारिज कर दिया था कि उन्हें 24 घंटे की अवधि समाप्त होने के बाद निचली अदालत में पेश किया गया था.

(पीटीआई)

नई दिल्ली : मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गौतम थापर की बेल एप्लिकेशन खारिज हो गई है. दिल्ली हाईकोर्ट में न्यायमूर्ति मनोज कुमार ओहरी की पीठ ने थापर को जमानत देने से इनकार कर दिया. थापर को 3 अगस्त, 2021 को यस बैंक द्वारा ऋण के रूप में दिए गए धन की हेराफेरी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.

गौतम थापर की ओर से सीनियर एडवोकेट मुकुल रोहतगी ने पैरवी की थी. रोहतगी ने सुनवाई की अंतिम तारीख पर तर्क दिया था कि आवेदक पिछले छह महीने से जेल में है और इस मामले में कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है. रोहतगी ने कहा था कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा कोई आरोप पत्र भी दायर नहीं किया गया है.

तमाम दलीलों को सुनने के बाद बुधवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने गौतम थापर की जमानत याचिका खारिज कर दी. इससे पहले 30 सितंबर, 2021 को, उच्च न्यायालय ने थापर की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका को इस आधार पर खारिज कर दिया था कि उन्हें 24 घंटे की अवधि समाप्त होने के बाद निचली अदालत में पेश किया गया था.

(पीटीआई)

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