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कई तिमाही दूर है मौद्रिक नीति में सख्ती की शुरुआत : पूर्व डिप्टी गवर्नर - मौद्रिक नीति में सख्ती की शुरुआत

केंद्रीय बैंक के पूर्व डिप्टी गवर्नर आर गांधी ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा प्रणाली में पर्याप्त नकदी बनाए रखने के लिए अपने मौजूदा समायोजन के रुख को बरकरार रखने की उम्मीद है. साथ ही उन्होंने कहा कि मौद्रिक नीति में सख्ती की शुरुआत अभी कई तिमाही दूर है, क्योंकि अर्थव्यवस्था अभी कोविड-पूर्व स्तर पर नहीं पहुंची है. पढ़ें पूरी खबर...

भारतीय रिजर्व बैंक
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Published : Sep 26, 2021, 10:49 PM IST

कोलकाता : केंद्रीय बैंक के पूर्व डिप्टी गवर्नर आर गांधी ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा प्रणाली में पर्याप्त नकदी बनाए रखने के लिए अपने मौजूदा समायोजन के रुख को बरकरार रखने की उम्मीद है.

साथ ही उन्होंने कहा कि मौद्रिक नीति में सख्ती की शुरुआत अभी कई तिमाही दूर है, क्योंकि अर्थव्यवस्था अभी कोविड-पूर्व स्तर पर नहीं पहुंची है. उन्होंने कहा कि निम्न ब्याज दर वाली व्यवस्था आर्थिक गतिविधियों का समर्थन करना जारी रखेगी.

गांधी ने बंगाल चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री द्वारा शुक्रवार को आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, 'मेरे आकलन के मुताबिक भारत में सामान्यीकरण या मौद्रिक नीति का सख्त होना कई तिमाही दूर है. निश्चित रूप से चालू वित्त वर्ष में ऐसा नहीं होगा. अर्थव्यवस्था का पुनरुद्धार हो रहा है, लेकिन हम 2019-20 के कोविड-पूर्व स्तर तक नहीं पहुंचे हैं.'

उन्होंने कहा, 'आरबीआई (मौद्रिक नीति को सख्त) तब करेगा, जब अर्थव्यवस्था लगातार बढ़ रही होगी.' केंद्रीय बैंक ने छह अगस्त को अपनी समीक्षा में ब्याज दरों को रिकॉर्ड निचले स्तर पर बरकरार रखा था.

पढ़ें : आरबीआई ने निवेश समाधान का परीक्षण करने के लिए आठ फर्मों को दी मंजूरी

(पीटीआई-भाषा)

कोलकाता : केंद्रीय बैंक के पूर्व डिप्टी गवर्नर आर गांधी ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा प्रणाली में पर्याप्त नकदी बनाए रखने के लिए अपने मौजूदा समायोजन के रुख को बरकरार रखने की उम्मीद है.

साथ ही उन्होंने कहा कि मौद्रिक नीति में सख्ती की शुरुआत अभी कई तिमाही दूर है, क्योंकि अर्थव्यवस्था अभी कोविड-पूर्व स्तर पर नहीं पहुंची है. उन्होंने कहा कि निम्न ब्याज दर वाली व्यवस्था आर्थिक गतिविधियों का समर्थन करना जारी रखेगी.

गांधी ने बंगाल चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री द्वारा शुक्रवार को आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, 'मेरे आकलन के मुताबिक भारत में सामान्यीकरण या मौद्रिक नीति का सख्त होना कई तिमाही दूर है. निश्चित रूप से चालू वित्त वर्ष में ऐसा नहीं होगा. अर्थव्यवस्था का पुनरुद्धार हो रहा है, लेकिन हम 2019-20 के कोविड-पूर्व स्तर तक नहीं पहुंचे हैं.'

उन्होंने कहा, 'आरबीआई (मौद्रिक नीति को सख्त) तब करेगा, जब अर्थव्यवस्था लगातार बढ़ रही होगी.' केंद्रीय बैंक ने छह अगस्त को अपनी समीक्षा में ब्याज दरों को रिकॉर्ड निचले स्तर पर बरकरार रखा था.

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(पीटीआई-भाषा)

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