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मोहन भागवत ने पश्चिम बंगाल में संगठन विस्तार पर की चर्चा, बंद शाखाओं की सूची सौंपी गई

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत (RSS chief Mohan Bhagwat) ने पश्चिम बंगाल दौरे के दौरान राज्य में संगठन के विस्तार को लेकर चर्चा की. इस बारे में उन्हें राज्य में बंद हुई शाखाओं की रिपोर्ट भी सौंपी गई.

Mohan Bhagwat
मोहन भागवत (फाइल फोटो)
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Published : Feb 18, 2022, 1:07 AM IST

कोलकाता : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत (RSS chief Mohan Bhagwat) हाल ही में पश्चिम बंगाल के नौ दिवसीय दौरे पर गए थे, जहां उन्होंने दक्षिणपंथी संगठन के राज्य और क्षेत्रीय पदाधिकारियों के साथ बैठक की. इस दौरान उन्होंने पश्चिम बंगाल से संबंधित कई मुद्दों पर चर्चा की जिसमें राज्य में संगठन के विस्तार भी बातचीत की. आरएसएस के सूत्रों ने बताया कि शाखाओं के बंद होने के संबंध में एक रिपोर्ट आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को सौंपी गई है.

इस संबंध में आरएसएस के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने ईटीवी भारत को बताया कि भाजपा के लिए पहले विधानसभा चुनावों में और फिर हाल ही में संपन्न नगर निकाय चुनावों के बाद सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस बेलगाम बना दिया था. इसी वजह से वह राज्य में आरएसएस के मुक्त आंदोलन और कामकाज के लिए लगातार बाधाएं पैदा कर रही है. फलस्वरूप कई शाखाओं को बंद करना पड़ा. इस मुद्दे पर भी आलाकमान को जानकारी दी गई है.

ये भी पढ़ें - बंगाल में दिलीप घोष और सुभाष सरकार से मिले मोहन भागवत

बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनावों के समय पश्चिम बंगाल में आरएसएस की लगभग 2,300 शाखाएं थीं. लेकिन 2021 के राज्य विधानसभा चुनावों में भाजपा की हार के बाद करीब 1,000 शाखाएं बंद हो चुकी हैं. आरएसएस मुख्य रूप से इन शाखाओं के माध्यम से अपनी सामाजिक गतिविधियों का संचालन करता है. हालांकि, सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के दबाव ने इन शाखाओं को बंद करने या निष्क्रिय होने के लिए मजबूर कर दिया. ऐसी बंद शाखाओं की विस्तृत सूची भागवत को सौंपी गई है. इन शाखाओं को बंद या बंद क्यों किया गया, इस पर एक रिपोर्ट भी नागपुर में आरएसएस मुख्यालय को भेजी जाएगी.

कोलकाता : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत (RSS chief Mohan Bhagwat) हाल ही में पश्चिम बंगाल के नौ दिवसीय दौरे पर गए थे, जहां उन्होंने दक्षिणपंथी संगठन के राज्य और क्षेत्रीय पदाधिकारियों के साथ बैठक की. इस दौरान उन्होंने पश्चिम बंगाल से संबंधित कई मुद्दों पर चर्चा की जिसमें राज्य में संगठन के विस्तार भी बातचीत की. आरएसएस के सूत्रों ने बताया कि शाखाओं के बंद होने के संबंध में एक रिपोर्ट आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को सौंपी गई है.

इस संबंध में आरएसएस के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने ईटीवी भारत को बताया कि भाजपा के लिए पहले विधानसभा चुनावों में और फिर हाल ही में संपन्न नगर निकाय चुनावों के बाद सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस बेलगाम बना दिया था. इसी वजह से वह राज्य में आरएसएस के मुक्त आंदोलन और कामकाज के लिए लगातार बाधाएं पैदा कर रही है. फलस्वरूप कई शाखाओं को बंद करना पड़ा. इस मुद्दे पर भी आलाकमान को जानकारी दी गई है.

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बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनावों के समय पश्चिम बंगाल में आरएसएस की लगभग 2,300 शाखाएं थीं. लेकिन 2021 के राज्य विधानसभा चुनावों में भाजपा की हार के बाद करीब 1,000 शाखाएं बंद हो चुकी हैं. आरएसएस मुख्य रूप से इन शाखाओं के माध्यम से अपनी सामाजिक गतिविधियों का संचालन करता है. हालांकि, सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के दबाव ने इन शाखाओं को बंद करने या निष्क्रिय होने के लिए मजबूर कर दिया. ऐसी बंद शाखाओं की विस्तृत सूची भागवत को सौंपी गई है. इन शाखाओं को बंद या बंद क्यों किया गया, इस पर एक रिपोर्ट भी नागपुर में आरएसएस मुख्यालय को भेजी जाएगी.

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