चंडीगढ़ : मोहाली की एक अदालत ने गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी की, उनकी चिकित्सकीय जांच के लिए एक मेडिकल बोर्ड के गठन को लेकर जेल अधिकारियों को निर्देश देने के अनुरोध वाली एक याचिका खारिज कर दी है.
न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी (जेएमआईसी) अमित बख्शी की अदालत ने कहा कि उच्चतम न्यायालय अंसारी की चिकित्सकीय जांच के संबंध में उसकी याचिका पर पहले ही विचार कर चुका है.
मोहाली अदालत के न्यायाधीश ने कहा कि 26 मार्च को शीर्ष अदालत के फैसले के बाद रिकॉर्ड पर ऐसा कुछ भी नहीं है जिसमें यह लगे कि आरोपी का फिर से कोई नया चिकित्सा संबंधी मामला हो.
न्यायाधीश ने 31 मार्च के अपने आदेश में लिखा कि आरोपी के इलाज के लिए बोर्ड के गठन का अलग से कोई आदेश पारित करने की जरूरत नहीं है.
अंसारी उत्तर प्रदेश में कई मामलों में वांछित है. उसे 2019 के कथित रंगदारी मामले में बुधवार को मोहाली अदालत में पेश किया गया. अदालत लाये जाने के वक्त वह व्हीलचेयर पर था.
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अंसारी ने अपने वकील राज सुमेर सिंह के माध्यम से जेल अधिकारियों को उसकी 'गंभीर बीमारियों और जटिलताओं' की चिकित्सकीय जांच का निर्देश देने का अनुरोध करते हुए एक याचिका दाखिल की थी.
वकील ने यह भी दावा किया कि आरोपी 29 मार्च 2020 को चिकित्सा संबंधी आपात स्थिति से गुजरा था और तब से उसे 'सीने में तेज दर्द' की शिकायत रहती है.
याचिका में कहा गया है कि अंसारी पहले से ही बीमार चल रहा है और उसे दो बार दिल का दौरा पड़ चुका है. ऐसी आशंका है कि अगर उसे उचित चिकित्सकीय मदद नहीं दी गयी तो बीमारी से उसकी जान जा सकती है.
वकील ने अर्जी पर फैसला करने से पहले रूपनगर जेल अधीक्षक से जवाब मांगा है. अंसारी इसी जेल में बंद है.