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चड्ढी पहन कर कॉलेज चला स्टूडेंट, मिलिए एमपी के मोगली से जिसके सामने जंगल वाले मोगली की लाइफ भी फेल

क्या कोई कॉलेज स्टूडेंट सिर्फ अंडरवियर पहनकर क्लास अटैंड कर सकता है. सवाल सुनने में ही बड़ा अजीब और अटपटा है. लेकिन मध्यप्रदेश के बड़वानी में एक ऐसा कॉलेज स्टूडेंट है, जो सिर्फ अंडरवियर पहनकर कॉलेज (Another Mogli of Madhya Pradesh) जाता है और क्लास भी अटैंड करता है. नाम है कन्हैया अवास्या. कन्हैया बड़वानी के शहीद भीमा नायक शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में बीए का स्टूडेंट (MP Badvani college student kanhaiya) है. फर्स्ट ईयर में फर्स्ट क्लास आने के बाद वह अब सेकेंड ईयर की पढ़ाई कर रहा है. कन्हैया पढ़ने में बहुत मेधावी है. वह कबड्डी का शानदार खिलाड़ी है. लेकिन उसे कपड़े पहनने से (Kanhaiya hates clothes)चिढ़ है. पूरा स्कूली जीवन भी अंडरवियर में बीता. यहां तक कि वह शर्ट भी नहीं पहनता. इंटरमीडिएट पास करने के बाद जब कॉलेज में टीचर्स ने बहुत समझाया तो अपने बदन पर एक टॉवेल जरूर डाल लेता है. अब कॉलेज के स्टूडेंट्स व टीचर्स भी उसे ऐसे ही देखने के अभ्यस्त हो गए हैं. (Student attends class in underwear) (College class in underwear)(Kanhaiya hates clothes) (BA student Kanaihya in underwear) (badwani boy mogli video)

Meet Mogli of MP who attends college only in underwear
मिलिए एमपी के मोगली से
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Published : Oct 18, 2022, 8:53 PM IST

बड़वानी। मध्यप्रदेश के जंगलों में रहकर बड़े हुए मोगली की कहानी काफी चर्चा में रही है. पेंच के जंगल में मोगली पर हॉलीवुड फिल्म भी बनी. लेकिन यहां हम बात कर रहे हैं मध्य प्रदेश के बड़वानी के कॉलेज के एक स्टूडेंट की. इसके सामने मोगली का जीवन भी फेल हो जाएगा. बड़वानी का ये किशोर कन्हैया रोजाना कॉलेज जाकर क्लास अटैंड करता है. इस दौरान वह सिर्फ अंडरवियर पहने होता है (mp underwear student). हां, कभी-कभी मजबूरी में बदन पर टॉवेल डाल लेता है. खास बात यह है कि उसी के साथ उसका भाई भी इसी क्लास में पढ़ता है, जो जींस व शर्ट पहनकर साथ जाता है. कन्हैया बेहद सिंपल परिवार से ताल्लुक रखता है. चार भाई-बहनों में कन्हैया सबसे छोटा है. (badwani boy mogli video)

Meet Mogli of MP
मिलिए एमपी के मोगली से जिसके सामने जंगल वाले मोगली की लाइफ भी फेल

बचपन से ही कपड़ों से दुश्मनी : दरअसल, परिजनों का कहना है कि बचपन से ही कन्हैया को कपड़ों से एक प्रकार से दुश्मनी है. अगर उससे कोई कपड़े पहनने की बात करता है तो वह उससे बात ही करना बंद कर देता है. प्राइमरी स्कूल में पढ़ाई के दौरान ही परिजनों ने बहुत कोशिश की. टीचर्स ने बहुत समझाया लेकिन उस पर इसका कोई असर नहीं हुआ. चूंकि वह पढ़ने में बहुत तेज है. साथ ही उसका व्यवहार भी आदर्श छात्र की भांति है. इसलिए टीचर्स ने उससे कपड़ों के बारे में बात करना ही बंद कर दिया. कन्हैया की मां बताती हैं कि शुरू से ही जब उसे कपड़े पहनाने की कोशिश की तो वह उतारकर फेंक देता था. जब ज्यादा दबाव डालो तो कपड़े फाड़ देता था. (badwani boy mogli video) (mp underwear student)

मिलिए एमपी के मोगली से

अंडरवियर में कटा स्कूली जीवन : प्राइमरी स्कूल की शिक्षा पूरी करने के बाद जब कन्हैया ने मिडिल क्लास में एडिमिशन लिया तो परिजनों को उम्मीद थी कि वह कपड़े पहनना शुरू कर देगा. लेकिन कन्हैया वैसा ही रहा. टीचर्स उसके लिए नए -नए कपड़े लेकर आए लेकिन उसने उन कपड़ों को ट्रायल करके भी नहीं देखा. मिडिल स्कूल के टीचर्स कन्हैया के घर आते रहे और परिजनों के साथ बैठकर उसे काफी गाइड करते रहे पर कन्हैया टस से मस नहीं हुआ. मिडिल स्कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद जब कन्हैया के परिजन उसे हाई स्कूल में एडिमशन कराने के लिए बड़वानी के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय क्रमांक-2 में ले गए तो टीचर्स भी चकरा गए. टीचर्स ने एडमिशन करने से साफ इनकार कर दिया. कलेक्टर की परमिशन के बाद ही स्कूल में प्रवेश हो सका. और इस प्रकार कन्हैया ने इंडरमीडिएट तक क्लास अंडरवियर में ही अटैंड की.

बड़ी मशक्कत के बाद कॉलेज में एडमिशन : इंटरमीडिएट करने के बाद जब कॉलेज में एडमिशन लेने की बारी आई तो कन्हैया ने परिजनों से साफ कह दिया कि उसे नहीं पढ़ना अब आगे. क्योंकि कॉलेज में उसे कपड़े पहनने के लिए मजबूर किया जाएगा. चूंकि कन्हैया पढ़ने -लिखने के अलावा खेलकूद में होशियार है. इस प्रतिभा को देखकर उसके प्राइमरी और मिडिल स्कूल के दो टीचर्स हमेशा साथ देते आए हैं. एक शिक्षक हैं थॉमस सर और दूसरे हैं रमेश चंद सराफ. दोनों टीचर्स कन्हैया का हर कदम पर साथ देते हैं. उन्हें उसकी प्रतिभा पर पूरा भरोसा है. दोनों टीचर्स ने भारी मशक्कत कर कन्हैया का एडमिशन कॉलेज में कराया. अब वह अंडरवियर में ही कॉलेज जाकर क्लास अटैंड करता है. उसके व्यवहार को देखकर अब कॉलेज के टीचर्स व साथी स्टूडेंट उसे सामान्य तरीके से लेने लगे हैं. परिजनों को उम्मीद है कि पढ़ाई पूरी करने के बाद शायद उसकी इस बारे में सोच बदल जाए और कपड़े पहनने लगे.

(Another Mogli of Madhya Pradesh) (Student attends class in underwear) (College class in underwear) (MP Badvani college student kanhaiya) (Kanhaiya hates clothes) (badwani boy mogli video) (mp underwear student)

बड़वानी। मध्यप्रदेश के जंगलों में रहकर बड़े हुए मोगली की कहानी काफी चर्चा में रही है. पेंच के जंगल में मोगली पर हॉलीवुड फिल्म भी बनी. लेकिन यहां हम बात कर रहे हैं मध्य प्रदेश के बड़वानी के कॉलेज के एक स्टूडेंट की. इसके सामने मोगली का जीवन भी फेल हो जाएगा. बड़वानी का ये किशोर कन्हैया रोजाना कॉलेज जाकर क्लास अटैंड करता है. इस दौरान वह सिर्फ अंडरवियर पहने होता है (mp underwear student). हां, कभी-कभी मजबूरी में बदन पर टॉवेल डाल लेता है. खास बात यह है कि उसी के साथ उसका भाई भी इसी क्लास में पढ़ता है, जो जींस व शर्ट पहनकर साथ जाता है. कन्हैया बेहद सिंपल परिवार से ताल्लुक रखता है. चार भाई-बहनों में कन्हैया सबसे छोटा है. (badwani boy mogli video)

Meet Mogli of MP
मिलिए एमपी के मोगली से जिसके सामने जंगल वाले मोगली की लाइफ भी फेल

बचपन से ही कपड़ों से दुश्मनी : दरअसल, परिजनों का कहना है कि बचपन से ही कन्हैया को कपड़ों से एक प्रकार से दुश्मनी है. अगर उससे कोई कपड़े पहनने की बात करता है तो वह उससे बात ही करना बंद कर देता है. प्राइमरी स्कूल में पढ़ाई के दौरान ही परिजनों ने बहुत कोशिश की. टीचर्स ने बहुत समझाया लेकिन उस पर इसका कोई असर नहीं हुआ. चूंकि वह पढ़ने में बहुत तेज है. साथ ही उसका व्यवहार भी आदर्श छात्र की भांति है. इसलिए टीचर्स ने उससे कपड़ों के बारे में बात करना ही बंद कर दिया. कन्हैया की मां बताती हैं कि शुरू से ही जब उसे कपड़े पहनाने की कोशिश की तो वह उतारकर फेंक देता था. जब ज्यादा दबाव डालो तो कपड़े फाड़ देता था. (badwani boy mogli video) (mp underwear student)

मिलिए एमपी के मोगली से

अंडरवियर में कटा स्कूली जीवन : प्राइमरी स्कूल की शिक्षा पूरी करने के बाद जब कन्हैया ने मिडिल क्लास में एडिमिशन लिया तो परिजनों को उम्मीद थी कि वह कपड़े पहनना शुरू कर देगा. लेकिन कन्हैया वैसा ही रहा. टीचर्स उसके लिए नए -नए कपड़े लेकर आए लेकिन उसने उन कपड़ों को ट्रायल करके भी नहीं देखा. मिडिल स्कूल के टीचर्स कन्हैया के घर आते रहे और परिजनों के साथ बैठकर उसे काफी गाइड करते रहे पर कन्हैया टस से मस नहीं हुआ. मिडिल स्कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद जब कन्हैया के परिजन उसे हाई स्कूल में एडिमशन कराने के लिए बड़वानी के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय क्रमांक-2 में ले गए तो टीचर्स भी चकरा गए. टीचर्स ने एडमिशन करने से साफ इनकार कर दिया. कलेक्टर की परमिशन के बाद ही स्कूल में प्रवेश हो सका. और इस प्रकार कन्हैया ने इंडरमीडिएट तक क्लास अंडरवियर में ही अटैंड की.

बड़ी मशक्कत के बाद कॉलेज में एडमिशन : इंटरमीडिएट करने के बाद जब कॉलेज में एडमिशन लेने की बारी आई तो कन्हैया ने परिजनों से साफ कह दिया कि उसे नहीं पढ़ना अब आगे. क्योंकि कॉलेज में उसे कपड़े पहनने के लिए मजबूर किया जाएगा. चूंकि कन्हैया पढ़ने -लिखने के अलावा खेलकूद में होशियार है. इस प्रतिभा को देखकर उसके प्राइमरी और मिडिल स्कूल के दो टीचर्स हमेशा साथ देते आए हैं. एक शिक्षक हैं थॉमस सर और दूसरे हैं रमेश चंद सराफ. दोनों टीचर्स कन्हैया का हर कदम पर साथ देते हैं. उन्हें उसकी प्रतिभा पर पूरा भरोसा है. दोनों टीचर्स ने भारी मशक्कत कर कन्हैया का एडमिशन कॉलेज में कराया. अब वह अंडरवियर में ही कॉलेज जाकर क्लास अटैंड करता है. उसके व्यवहार को देखकर अब कॉलेज के टीचर्स व साथी स्टूडेंट उसे सामान्य तरीके से लेने लगे हैं. परिजनों को उम्मीद है कि पढ़ाई पूरी करने के बाद शायद उसकी इस बारे में सोच बदल जाए और कपड़े पहनने लगे.

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