नई दिल्ली : विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने पाकिस्तान को फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की ग्रे लिस्ट में शामिल किए जाने का श्रेय मोदी सरकार को दिया है.
जयशंकर ने मोदी सरकार की विदेश नीति पर भाजपा नेताओं के प्रशिक्षण कार्यक्रम को वर्चुअली संबोधित करते हुए कहा कि पड़ोसियों के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध रखने की कोशिश करते हुए यह सुनिश्चित किया गया कि आतंकवाद को वैश्विक मुद्दे के रूप में देखा जाए, न कि केवल कुछ लोगों द्वारा सामना की जाने वाली समस्या के रूप में. विदेश मंत्री ने सदस्यों को यह भी बताया कि वैश्विक मंचों पर सरकार के प्रयासों का ही नतीजा है कि जैश और लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों पर प्रतिबंध लगाए गए हैं.
पड़ोसी देशों के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध बनाने के प्रयास
पड़ोसी देशों के बारे में बात करते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने पड़ोसी देशों के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध बनाने के प्रयास किए हैं. विदेश मंत्री ने अपनी ही सरकार की प्रशंसा करते हुए कहा कि पीएम मोदी ने G7 या G20 जैसी अंतरराष्ट्रीय बैठकों के माध्यम से आतंकवाद को वैश्विक चिंता का विषय बनाना सुनिश्चित किया.
एफएटीएफ आतंकवाद के लिए फंडिंग पर नियंत्रण रखता है और आतंकवाद का समर्थन करने वाले काले धन से निपटता है. जयशंकर ने कहा कि हमारे कारण, पाकिस्तान एफएटीएफ की नजर में है और इसे ग्रे लिस्ट में रखा गया है. हम पाकिस्तान पर दबाव बनाने में सफल रहे हैं. हकीकत यह है कि पाकिस्तान के व्यवहार में बदलाव आया है क्योंकि भारत अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान दबाव बनाने में सफल रहा है. भारत के दबाव का ही नतीजा है कि संयुक्त राष्ट्र में लश्कर और जैश के आतंकवादियों पर प्रतिबंध लगा है.
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सूत्रों ने मंत्री के हवाले से कहा, 'प्रधानमंत्री के जी20 या जी7 जैसे मंचों पर किए गए व्यक्तिगत प्रयासों ने राष्ट्रों को यह अहसास कराया कि आतंकवाद हर किसी की समस्या है.' सूत्रों ने कहा कि विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि भारत की वजह से विश्व स्तर पर काले धन का मामला सामने आया. राजनयिक महत्व और विदेश नीति के मुद्दे पर भाजपा नेताओं को जानकारी देते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि भारत ने कुछ चुनौतियों का सामना किया है और उनसे भी पार पाया है.