नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने पंजाब के पूर्व मंत्री और अकाली दल के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया को दी गई जेड श्रेणी की सुरक्षा वापस ले ली है. 2010 में केंद्र में यूपीए सरकार के शासनकाल में उन्हें जेड सुरक्षा दी गई थी. हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए कृषि बिलों के विरोध में शिरोमणि अकाली दल ने एनडीए से नाता तोड़ लिया. साथ ही हरसिमरत कौर बादल ने भी केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया. बिक्रम सिंह मजीठिया हरसिमरत कौर बादल के भाई हैं.
सुरक्षा वापस लेने पर प्रतिक्रिया देते हुए अकाली दल ने केंद्र सरकार को दोषी ठहराया और आरोप लगाया कि यह एक राजनीति से प्रेरित कदम है. अकाली दल के नेता दलजीत सिंह ने कहा कि जिस तरह से सुरक्षा वापस ली गई है, वह राजनीतिक रूप से प्रेरित और अलोकतांत्रिक है. मजीठिया को 2010 में यूपीए सरकार द्वारा सुरक्षा दी गई थी, जब पी चिदंबरम गृह मंत्री थे. उन पर गंभीर खतरे को देखते हुए सुरक्षा दी गई थी. आज अचानक 10 साल बाद सुरक्षा वापस ले ली गई. किस आधार पर खतरे का आकलन किया गया है, यह समझ से परे है.
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चीमा ने शौर्य चक्र पुरस्कार विजेता बलविंदर सिंह की हत्या का भी उल्लेख किया और कहा कि यह स्पष्ट रूप से गलत तरीके से सुरक्षा में कटौती का उदाहरण है. बलविंदर की सुरक्षा वापस लेने के कारण ही हत्या हुई. आज कोई भी राष्ट्रीय अपराध ब्यूरो डेटा की जांच कर सकता है, जो यह साबित करता है कि पंजाब में कानून और व्यवस्था की स्थिति पिछले कुछ वर्षों में खराब हो गई है.
आप एक फिल्म सेलिब्रिटी को सुरक्षा दे सकते हैं लेकिन एक सक्रिय राजनेता को नहीं. केंद्र सरकार क्या संदेश देना चाहती है? अकाली दल के नेता ने कहा कि हम इस कदम की निंदा करते हैं. गृह मंत्रालय और अमित शाह को इसका जवाब देना चाहिए.