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जोधपुर जेल में 'ऐश' कर रहे कैदी, मोबाइल फोन और निषेध सामग्री का मिलना खड़े करता है सवाल - Jodhpur Central Jail

जोधपुर जेल में शनिवार को एक बार फिर तीन मोबाइल के साथ बड़ी मात्रा में निषेध सामग्री बरामद किया गया है. जेल प्रशासन ने इसको लेकर रातानाड़ा थाने में मुकदमा दर्ज करवाया है.

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Published : Aug 21, 2021, 3:49 PM IST

जोधपुर : देश की सुरक्षित जेलों में शामिल जोधपुर सेंट्रल जेल में बंदियों की ओर से मोबाइल का इस्तेमाल धड़ल्ले से हो रहा है. आलम यह है कि जेल प्रशासन की अनदेखी के चलते बंदी जेल के अलग-अलग हिस्सों में मोबाइल छुपा कर रखने लगे हैं. हाल ही में 18 अगस्त को तलाशी के दौरान सजायाफ्ता बंदी सलीम के पास मोबाइल मिला था.

इस मामले में एफआईआर दर्ज कराने के बाद जेल अधीक्षक के निर्देश पर उससे पूछताछ की गई. पूछताछ के बाद बताई गई जगह से जेल प्रहरियों ने तीन मोबाइल, 2 ईयर फोन सहित अन्य निषेध सामग्री बरामद की है. इससे यह स्पष्ट हो रहा है कि जेल में बेरोकटोक मोबाइल अंदर जा रहे हैं और बंदी अपनी इच्छा के अनुसार इनका उपयोग कर रहे हैं.

इसको लेकर जेल अधीक्षक ने रातानाड़ा थाने में सलीम के खिलाफ एक और मामला दर्ज करवाया है. इसमें बताया गया है कि उससे की गई पूछताछ के दौरान उद्योग शाला में अलग-अलग जगह पर छुपाए गए तीन मोबाइल और 2 ईयर फोन बरामद किए गए हैं.

पॉलीथिन में पैक कर पानी के टांके में छुपाए

जेल में हुई पूछताछ के बाद सलीम की निशानदेही पर पॉलिथीन में चेक किए गए 3 कीपैड मोबाइल और ईयर फोन पानी के टांके से निकाले गए. खास बात यह भी है कि इन तीनों कीपैड मोबाइल में पासवर्ड भी लगया था, जिससे किसी को मिल जाए तो इनका कोई उपयोग नहीं कर सके. इसके अलावा सलीम की निशानदेही पर जर्दे, गुटखे और धूम्रपान सामग्री के भी कई पैकेट बरामद किए गए हैं. रातानाड़ा थाने में इसको लेकर दर्ज मामले की जांच सहायक उपनिरीक्षक पुनाराम को दी गई है.

बड़ा सवाल कड़ी जांच के बाद भी कैसे पहुंचते हैं मोबाइल

जोधपुर जेल को देश की सुरक्षित जिलों में शामिल किया गया है, लेकिन यहां मोबाइल मिलने की घटनाएं लगातार जारी हैं. ऐसे में बड़ा सवाल यह उठता है कि आखिरकार जेल में मोबाइल पहुंचता कैसे है, जबकि जेल में प्रवेश करने वाले प्रत्येक बंदी की कड़ी तलाशी ली जाती है. इसके लिए मेटल डिटेक्टर भी लगाए गए हैं. इसके बावजूद मोबाइल का अंदर जाना कहीं ना कहीं जेल प्रशासन की खामियों को उजागर करता है. इससे पहले यहां स्टोर में मोबाइल मिलने की घटना में जेल के कर्मियों की मिलीभगत भी सामने आ चुकी है, जिसकी पुष्टि अभय कमांड के जेल में लगे सीसीटीवी कैमरे के फुटेज से हुई थी.

ये हैं मोबाइल बरामदगी के कुछ बड़े मामले:

13 जनवरी को दो बंदी प्रवेश के दौरान मुंह और प्राइवेट पार्ट्स में सिम ले जाते पकड़े गए.

4 फरवरी को जेल इतिहास में सर्वाधिक 17 मोबाइल बरामद हुए.

16 मार्च को किसी ने बाहर से पैकेट फेंका, जिसमें 4 मोबाइल और चार्जर मिले.

2 अप्रैल को तलाशी में 4 मोबाइल मिले.

21 अप्रैल को बैरक की तलाशी में 6 मोबाइल मिले.

14 मई को 3 मोबाइल मिले.

19 अगस्त को 3 मोबाइल उद्योगशाला से बरामद.

पढ़ेंः जब अवसर मिलता तो परिणाम देने में कोई कमी नहीं करती महिलाएं : निर्मला सीतारमण

जोधपुर : देश की सुरक्षित जेलों में शामिल जोधपुर सेंट्रल जेल में बंदियों की ओर से मोबाइल का इस्तेमाल धड़ल्ले से हो रहा है. आलम यह है कि जेल प्रशासन की अनदेखी के चलते बंदी जेल के अलग-अलग हिस्सों में मोबाइल छुपा कर रखने लगे हैं. हाल ही में 18 अगस्त को तलाशी के दौरान सजायाफ्ता बंदी सलीम के पास मोबाइल मिला था.

इस मामले में एफआईआर दर्ज कराने के बाद जेल अधीक्षक के निर्देश पर उससे पूछताछ की गई. पूछताछ के बाद बताई गई जगह से जेल प्रहरियों ने तीन मोबाइल, 2 ईयर फोन सहित अन्य निषेध सामग्री बरामद की है. इससे यह स्पष्ट हो रहा है कि जेल में बेरोकटोक मोबाइल अंदर जा रहे हैं और बंदी अपनी इच्छा के अनुसार इनका उपयोग कर रहे हैं.

इसको लेकर जेल अधीक्षक ने रातानाड़ा थाने में सलीम के खिलाफ एक और मामला दर्ज करवाया है. इसमें बताया गया है कि उससे की गई पूछताछ के दौरान उद्योग शाला में अलग-अलग जगह पर छुपाए गए तीन मोबाइल और 2 ईयर फोन बरामद किए गए हैं.

पॉलीथिन में पैक कर पानी के टांके में छुपाए

जेल में हुई पूछताछ के बाद सलीम की निशानदेही पर पॉलिथीन में चेक किए गए 3 कीपैड मोबाइल और ईयर फोन पानी के टांके से निकाले गए. खास बात यह भी है कि इन तीनों कीपैड मोबाइल में पासवर्ड भी लगया था, जिससे किसी को मिल जाए तो इनका कोई उपयोग नहीं कर सके. इसके अलावा सलीम की निशानदेही पर जर्दे, गुटखे और धूम्रपान सामग्री के भी कई पैकेट बरामद किए गए हैं. रातानाड़ा थाने में इसको लेकर दर्ज मामले की जांच सहायक उपनिरीक्षक पुनाराम को दी गई है.

बड़ा सवाल कड़ी जांच के बाद भी कैसे पहुंचते हैं मोबाइल

जोधपुर जेल को देश की सुरक्षित जिलों में शामिल किया गया है, लेकिन यहां मोबाइल मिलने की घटनाएं लगातार जारी हैं. ऐसे में बड़ा सवाल यह उठता है कि आखिरकार जेल में मोबाइल पहुंचता कैसे है, जबकि जेल में प्रवेश करने वाले प्रत्येक बंदी की कड़ी तलाशी ली जाती है. इसके लिए मेटल डिटेक्टर भी लगाए गए हैं. इसके बावजूद मोबाइल का अंदर जाना कहीं ना कहीं जेल प्रशासन की खामियों को उजागर करता है. इससे पहले यहां स्टोर में मोबाइल मिलने की घटना में जेल के कर्मियों की मिलीभगत भी सामने आ चुकी है, जिसकी पुष्टि अभय कमांड के जेल में लगे सीसीटीवी कैमरे के फुटेज से हुई थी.

ये हैं मोबाइल बरामदगी के कुछ बड़े मामले:

13 जनवरी को दो बंदी प्रवेश के दौरान मुंह और प्राइवेट पार्ट्स में सिम ले जाते पकड़े गए.

4 फरवरी को जेल इतिहास में सर्वाधिक 17 मोबाइल बरामद हुए.

16 मार्च को किसी ने बाहर से पैकेट फेंका, जिसमें 4 मोबाइल और चार्जर मिले.

2 अप्रैल को तलाशी में 4 मोबाइल मिले.

21 अप्रैल को बैरक की तलाशी में 6 मोबाइल मिले.

14 मई को 3 मोबाइल मिले.

19 अगस्त को 3 मोबाइल उद्योगशाला से बरामद.

पढ़ेंः जब अवसर मिलता तो परिणाम देने में कोई कमी नहीं करती महिलाएं : निर्मला सीतारमण

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