चेन्नई : विधानसभा चुनाव में द्रमुक को मिली भारी जीत के बाद पार्टी अध्यक्ष मुथुवेल करुणानिधि स्टालिन ने शुक्रवार को तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली. स्टालिन को आम सहमति से पार्टी के विधायक दल का नेता चुना गया था. राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने 68 वर्षीय स्टालिन को राजभवन में आयोजित साधारण समारोह में पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई. स्टालिन पहली बार मुख्यमंत्री बने हैं. मंत्रिमंडल में स्टालिन सहित 34 मंत्री होंगे.
स्टालिन के अलावा 33 अन्य विधायक मंत्री पद की शपथ ली है. विपक्षी अन्नाद्रमुक के शीर्ष नेता ओ पनीरसेल्वम, कांग्रेस के पी चिदंबरम समेत गठबंधन के नेता, एमडीएमके अध्यक्ष वाइको और राज्य के शीर्ष अधिकारी शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए.
शपथ ग्रहण समारोह कोविड-19 नियमों का पालन करते हुए आयोजित किया गया था और सभी ने मास्क लगाया हुआ था.
नेता पी. के. सेकरबाबू पहली बार मंत्री
द्रमुक के वरिष्ठ नेता एवं पार्टी महासचिव दुरईमुरुगन जल संसाधन मंत्री होंगे. वह 2006 से 2011 के बीच द्रमुक सरकार में लोक निर्माण मंत्री थे. दुरईमुरुगन उन 18 पूर्व मंत्रियों में शुमार हैं, जिन्हें इस बार भी मंत्रिमंडल में जगह दी गई है. चेन्नई के पूर्व मेयर एम सुब्रमण्यन और उत्तर चेन्नई से पार्टी के नेता पी. के. सेकरबाबू उन व्यक्तियों में शामिल होंगे जो पहली बार मंत्री बनेंगे. सुब्रमण्यन और सेकरबाबू को क्रमशः स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण और हिंदू धार्मिक एवं धर्मार्थ प्रबंधन विभाग आवंटित किए गए हैं.
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सरकार बनाने का दावा
पूर्व निवेश बैंकर पी त्यागराजन को वित्त और अंबिल महेश पोय्यामोझी को स्कूल शिक्षा विभाग सौंपा गया है.स्टालिन को विधायक दल का नेता चुनने के लिए पार्टी मुख्यालय अन्ना अरिवलयम’में बैठक हुई जिसमें 133 विधायकों ने हिस्सा लिया जिनमें द्रमुक के अलावा सहयोगी दलों के आठ विधायक शामिल थे. राजभवन ने यहां जारी एक विज्ञप्ति में कहा कि निर्वाचित मुख्यमंत्री स्टालिन द्वारा मंत्रियों के रूप में नियुक्ति के लिए दी गई व्यक्तियों की सूची को राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने मंजूरी दे दी है. स्टालिन ने तमिलनाडु के राज्यपाल से मुलाकात कर सरकार बनाने का दावा पेश किया.
विधानसभा चुनावों में 133 सीटें जीती
द्रमुक अध्यक्ष एम के स्टालिन ने यहां राजभवन में राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित के साथ बुधवार को मुलाकात की और सरकार बनाने का दावा किया. इससे एक दिन पहले ही सर्वसम्मति से विधायक दल का नेता निर्वाचित किया गया था. द्रमुक ने विधानसभा चुनावों में 133 सीटें जीती और कांग्रेस समेत उसके अन्य सहयोगियों ने 234 सदस्यीय विधानसभा में कुल 159 सीटें जीती हैं. अन्नाद्रमुक ने 66 सीटों पर जीत हासिल की है जबकि उसकी सहयोगी भाजपा और पीएमके ने क्रमश: चार और पांच सीटें जीती हैं.