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मिजोरम के मुख्य सचिव की नियुक्ति को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय में शिकायत - मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथांगा

मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथांगा (Mizoram chief minister Zoramthanga) ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah ) से मिजो भाषा बोलने वाले व्यक्ति को राज्य के मुख्य सचिव के रूप में नियुक्त करने की अपील की है. वहीं इनर लाइन रिजर्व फॉरेस्ट डिमांड (ILRFD) ने वर्तमान मुख्य सचिव पर केंद्र और असम सरकार के इशारे पर काम करने का आरोप लगाया. पढ़िए ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता गौतम देब रॉय की रिपोर्ट...

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Published : Nov 15, 2021, 6:44 PM IST

Updated : Nov 19, 2021, 6:11 AM IST

नई दिल्ली: मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथांगा (Mizoram chief minister Zoramthanga) ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah ) से मिजो भाषा बोलने वाले व्यक्ति को राज्य के मुख्य सचिव के रूप में नियुक्त करने की अपील की है. वहीं इनर लाइन रिजर्व फॉरेस्ट डिमांड (ILRFD) ने वर्तमान मुख्य सचिव पर केंद्र और असम सरकार के इशारे पर काम करने का आरोप लगाया. जबकि इससे पहले ज्वाइंट एक्शन कमेटी (JAC) भी यही मांग कर चुकी है.

इस बारे में ईटीवी भारत से बात करते हुए आईएलआरएफडी के महासचिव राफेल लालरिनमाविया ने कहा कि वर्तमान मुख्य सचिव मिजोरम के लोगों के हित के लिए काम नहीं कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि वो केंद्र और असम सरकार के निर्देशों पर काम कर रहे हैं.

उन्होंने बताया कि JAC ने गृह मंत्रालय से अपने उस आदेश को रद्द करने की भी अपील की है जिसकी वजह से सीमावर्ती क्षेत्रों में विकास कार्य रुक गए हैं. इस सिलसिले में उन्होंने सोमवार को गृह मंत्रालय को ज्ञापन सौंपा.

बता दें कि मिजोरम में पिछले माह केंद्र सरकार ने मुख्य सचिव के पद पर रेणु शर्मा की नियुक्ति कर दी. इसी दिन मिजोरम सरकार ने अपर मुख्य सचिव जेसी रामथंगा को मुख्य सचिव का कार्यभार संभालने का आदेश जारी कर दिया. इसके बाद से प्रदेश में स्थिति ठीक नहीं है.

ये भी पढ़ें - मिजोरम-असम सीमा पर हिंसक झड़प, सोनोवाल ने पीएमओ को दी जानकारी

लालरिनमाविया ने कहा कि मिजोरम और असम राज्य के बीच शांति और सद्भाव बनाए रखने के लिए हमने जो काम किया है वह केंद्र द्वारा नए मुख्य सचिव के लिए नोटिस जारी किए जाने के बाद बंद हो गया है. उन्होंने कहा कि असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की यथास्थिति बनाए रखने की योजना सीमा संघर्ष को जन्म दे सकती है. उन्होंने कहा कि 5 नवंबर को गृह मंत्रालय के नोटिस के अनुसार मिजोरम सरकार ने असम-मिजोरम सीमा पर सभी विकास कार्यों को रोक दिया है.

मुख्यमंत्री जोरामथंगा ने राज्य के मुख्य सचिव पद पर नियुक्ति को लेकर शिकायत दर्ज कराई है. इस संबंध में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को लिखे पत्र में उन्होंने कहा है किहमारे मंत्री हिंदी नहीं समझते हैं. कई मंत्री तो अंग्रेजी भी नहीं समझते हैं. इसलिए, मुख्य सचिव को बदला जाए. उन्होंने कहा कि मिजो भाषा में कार्य का ज्ञान रखने वाले को ही इस पद पर नियुक्त किया जाना बेहतर होगा. उन्होंने अनुरोध किया कि रेणु शर्मा के स्थान पर अपर मुख्य सचिव जेसी रामथंगा को नया मुख्य सचिव बनाया जाए.

हालांकि, 1988 बैच की एजीएमयूटी कैडर की आईएएस अधिकारी रेणु शर्मा ने मिजोरम के मुख्य सचिव का कार्यभार संभाला है. इससे पहले दिल्ली सरकार में अतिरिक्त मुख्य सचिव (परिवहन) के पद पर काम करने के अलावा विभिन्न राज्य सरकारों में भी उन्होंने कार्य किया है.

लालरिनमाविया ने असम के मुख्यमंत्री पर राज्य में गैर-मिजो मुख्य सचिव की नियुक्ति कराने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि जुलाई में दोनों राज्यों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद मिजोरम सरकार सीमावर्ती क्षेत्रों में पुलिस ड्यूटी पोस्ट और शिविरों को जोड़ने के लिए सड़कों और पुलों का निर्माण कर रही है. उन्होंने कहा कि हालांकि, गृह मंत्रालय के निर्देशों के बाद मिजोरम सरकार ने निर्माण गतिविधियों को आंशिक रूप से रोक दिया गया है. उन्होंने कहा, मिजोरम को सीमावर्ती इलाकों में अपना काम बंद करने के लिए कहा गया है, जबकि असम सरकार अपना काम जारी रखे हुए है.

नई दिल्ली: मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथांगा (Mizoram chief minister Zoramthanga) ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah ) से मिजो भाषा बोलने वाले व्यक्ति को राज्य के मुख्य सचिव के रूप में नियुक्त करने की अपील की है. वहीं इनर लाइन रिजर्व फॉरेस्ट डिमांड (ILRFD) ने वर्तमान मुख्य सचिव पर केंद्र और असम सरकार के इशारे पर काम करने का आरोप लगाया. जबकि इससे पहले ज्वाइंट एक्शन कमेटी (JAC) भी यही मांग कर चुकी है.

इस बारे में ईटीवी भारत से बात करते हुए आईएलआरएफडी के महासचिव राफेल लालरिनमाविया ने कहा कि वर्तमान मुख्य सचिव मिजोरम के लोगों के हित के लिए काम नहीं कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि वो केंद्र और असम सरकार के निर्देशों पर काम कर रहे हैं.

उन्होंने बताया कि JAC ने गृह मंत्रालय से अपने उस आदेश को रद्द करने की भी अपील की है जिसकी वजह से सीमावर्ती क्षेत्रों में विकास कार्य रुक गए हैं. इस सिलसिले में उन्होंने सोमवार को गृह मंत्रालय को ज्ञापन सौंपा.

बता दें कि मिजोरम में पिछले माह केंद्र सरकार ने मुख्य सचिव के पद पर रेणु शर्मा की नियुक्ति कर दी. इसी दिन मिजोरम सरकार ने अपर मुख्य सचिव जेसी रामथंगा को मुख्य सचिव का कार्यभार संभालने का आदेश जारी कर दिया. इसके बाद से प्रदेश में स्थिति ठीक नहीं है.

ये भी पढ़ें - मिजोरम-असम सीमा पर हिंसक झड़प, सोनोवाल ने पीएमओ को दी जानकारी

लालरिनमाविया ने कहा कि मिजोरम और असम राज्य के बीच शांति और सद्भाव बनाए रखने के लिए हमने जो काम किया है वह केंद्र द्वारा नए मुख्य सचिव के लिए नोटिस जारी किए जाने के बाद बंद हो गया है. उन्होंने कहा कि असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की यथास्थिति बनाए रखने की योजना सीमा संघर्ष को जन्म दे सकती है. उन्होंने कहा कि 5 नवंबर को गृह मंत्रालय के नोटिस के अनुसार मिजोरम सरकार ने असम-मिजोरम सीमा पर सभी विकास कार्यों को रोक दिया है.

मुख्यमंत्री जोरामथंगा ने राज्य के मुख्य सचिव पद पर नियुक्ति को लेकर शिकायत दर्ज कराई है. इस संबंध में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को लिखे पत्र में उन्होंने कहा है किहमारे मंत्री हिंदी नहीं समझते हैं. कई मंत्री तो अंग्रेजी भी नहीं समझते हैं. इसलिए, मुख्य सचिव को बदला जाए. उन्होंने कहा कि मिजो भाषा में कार्य का ज्ञान रखने वाले को ही इस पद पर नियुक्त किया जाना बेहतर होगा. उन्होंने अनुरोध किया कि रेणु शर्मा के स्थान पर अपर मुख्य सचिव जेसी रामथंगा को नया मुख्य सचिव बनाया जाए.

हालांकि, 1988 बैच की एजीएमयूटी कैडर की आईएएस अधिकारी रेणु शर्मा ने मिजोरम के मुख्य सचिव का कार्यभार संभाला है. इससे पहले दिल्ली सरकार में अतिरिक्त मुख्य सचिव (परिवहन) के पद पर काम करने के अलावा विभिन्न राज्य सरकारों में भी उन्होंने कार्य किया है.

लालरिनमाविया ने असम के मुख्यमंत्री पर राज्य में गैर-मिजो मुख्य सचिव की नियुक्ति कराने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि जुलाई में दोनों राज्यों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद मिजोरम सरकार सीमावर्ती क्षेत्रों में पुलिस ड्यूटी पोस्ट और शिविरों को जोड़ने के लिए सड़कों और पुलों का निर्माण कर रही है. उन्होंने कहा कि हालांकि, गृह मंत्रालय के निर्देशों के बाद मिजोरम सरकार ने निर्माण गतिविधियों को आंशिक रूप से रोक दिया गया है. उन्होंने कहा, मिजोरम को सीमावर्ती इलाकों में अपना काम बंद करने के लिए कहा गया है, जबकि असम सरकार अपना काम जारी रखे हुए है.

Last Updated : Nov 19, 2021, 6:11 AM IST
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