आइजोल : मिजोरम की तुइरियल विधानसभा पर उपचुनाव 30 अक्टूबर को होंगे लेकिन इस बार निर्वाचन आयोग द्वारा त्रिपुरा में रह रहे मिजोरम की ब्रू जनजाति के लोगों के लिए मतदान की विशेष व्यवस्था करने की संभावना नहीं है. एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी.
उल्लेखनीय है कि ब्रू जनजाति के हजारों लोग वर्ष 1997 से ही त्रिपुरा के राहत शिविरों में रहे हैं. इस जनजाति के लोग जातीय संघर्ष की वजह से गृह राज्य को छोड़कर पड़ोसी त्रिपुरा राज्य चले गए थे. अब आंतरिक रूप से विस्थापित इन लोगों की संख्या करीब 30 हजार है.
मिजोरम के मुख्य चुनाव अधिकारी (सीईओ) पी जवाहर ने को बताया कि त्रिपुरा के राहत शिविरों में रह रहे ब्रू जनजाति के मतदाताओं के लिए फिलहाल विशेष मतदान केंद्र बनाने की कोई योजना नहीं है.
उन्होंने कहा, 'अब तक ब्रू मतदाताओं (त्रिपुरा में रह रहे) के लिए निर्वाचन आयोग से कोई निर्देश प्राप्त नहीं हुआ है. फिलहाल ब्रू मतदाताओं को उनके राहत शिविरों में ही अपने मतदान करने की सुविधा देने की योजना नहीं है.' हालांकि, पहले मिजोरम-त्रिपुरा सीमा पर इन लोगों के लिए मतदान केंद्र स्थापित किए जाते थे.
सीईओ ने कहा कि जबतक ब्रू मतदाताओं लिए विशेष व्यवस्था नहीं की जाती उन्हें स्वयं तुइरियल विधानसभा क्षेत्र के संबंधित मतदान केंद्रों में आकर मतदान करना होगा.
उन्होंने बताया कि इस समय त्रिपुरा के राहत शिविरों में 663 ब्रू मतदाता रह रहे हैं और उन्हें उसी राज्य में स्थायी रूप से बसने की अनुमति दी गई है.
ब्रू लोगों को मिजोरम में दोबारा बसाने की कोशिश असफल होने के बाद उन्हें त्रिपुरा में ही बसने की व्यस्था की गई है.
गौरतलब है कि ब्रू जनजाति के विस्थापित लोगों की संख्या इस समय करीब 30 हजार है और इनके कुल 4400 से अधिक परिवार हैं. पिछले साल ब्रू समुदाय के प्रतिनिधियों, केंद्र, त्रिपुरा और मिजोरम सरकार में समझौता हुआ था जिसके तहत उन्हें त्रिपुरा में स्थायी रूप से बसाने का फैसला किया गया था.
राजनीतिक पार्टियों और सेंट्रल यंग मिजो एसोसिएशन जैसे नागरिक समाज संगठनों ने त्रिपुरा में रह रहे ब्रू जनजाति के मतदाताओं के लिए मतदान की विशेष व्यवस्था करने का विरोध किया था और उनका नाम मिजोरम की मतदाता सूची से हटाने की मांग की थी क्योंकि वे स्थायी रूप से त्रिपुरा में बस गए हैं.
तुइरियल विधानसभा सीट के उपचुनाव के लिए कुल चार प्रत्याशी मैदान में हैं. यह सीट निवर्तमान विधायक एंड्रयू एच थांगलियान की अगस्त में हुई मृत्यु के कारण खाली हुई.
(पीटीआई भाषा)