नई दिल्ली: एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) द्वारा प्रकाशित हालिया रिपोर्ट के अनुसार, आगामी मिजोरम विधानसभा चुनाव 2023 में 174 उम्मीदवारों में से 7 यानी 4 प्रतिशत उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं, जबकि कुल 66 प्रतिशत करोड़पति उम्मीदवार हैं और केवल 10 प्रतिशत उम्मीदवार महिलाएं हैं.
इस रिपोर्ट का सबसे चौंकाने वाला पहलू महिला उम्मीदवारों का प्रतिशत है. इसके अनुसार, एमएनएफ, आईएनसी और जेडपीएम के 40 उम्मीदवारों में से केवल 2-2 महिलाएं हैं, जबकि शेष पुरुष हैं, यानी प्रत्येक में महिलाओं का प्रतिनिधित्व 5 प्रतिशत है. कुल 27 निर्दलीय उम्मीदवारों में से 9 महिला उम्मीदवार हैं, जो लगभग 33 प्रतिशत हैं, भाजपा के कुल 23 उम्मीदवारों में से 3 महिला उम्मीदवार हैं, जो लगभग 13 हैं.
कुल मिलाकर देखें तो कुल 174 उम्मीदवारों में से केवल 18 महिलाएं हैं, जबकि बाकी 156 पुरुष हैं. रिपोर्ट के अनुसार,
मिज़ो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) के कुल 40 उम्मीदवारों में से 90 प्रतिशत करोड़पति हैं, जिनकी संख्या 36 है. इसके बाद भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आईएनसी) के 40 में से 33 करोड़पति उम्मीदवार हैं, जो 83 प्रतिशत है. ज़ोरम पीपल्स मूवमेंट (ZPM) के 40 में से 29 उम्मीदवार करोड़पति हैं, जो 73 प्रतिशत है.
इसके अलावा भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के 23 में से 9 उम्मीदवार करोड़पति हैं, जो 39 प्रतिशत है. निर्दलीय के 27 में से 6 उम्मीदवार करोड़पति हैं, जो 22 प्रतिशत है, जबकि आम आदमी पार्टी (आप) के 4 में से एक उम्मीदवार 1 करोड़पति है. उच्चतम घोषित संपत्ति के मामले में, भाजपा के जेबी रुआलछिंगा के पास सबसे अधिक 90 करोड़ से अधिक की संपत्ति है.
इसके बाद कांग्रेस के आर वनलालट्लुआंगा के पास 55 करोड़ से अधिक और जेडपीएम के एच गिन्ज़ालाला के पास 36 करोड़ से अधिक की संपत्ति है. सबसे कम संपत्ति वाले रामलुन-एडेना, वीएल नघाका और लालमछुआनी, जो सभी स्वतंत्र हैं, क्रमशः 1,500 रुपये, 6,742 रुपये और 10,000 रुपये की कुल संपत्ति के साथ सूची में शीर्ष पर हैं.