आइजोल: मिजोरम में सत्तारूढ़ मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) के जीत हासिल करने और त्रिशंकु विधानसभा न होने का विश्वास जताते हुए मुख्यमंत्री जोरमथांगा ने मंगलवार को कहा कि उनकी पार्टी का राज्य में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ गठबंधन नहीं हैं और केंद्र में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को उसका समर्थन 'मुद्दा-आधारित' है. उन्होंने कहा कि 'जो' जनजातियों को एकीकृत करने के एमएनएफ के प्रयासों से पार्टी को चुनावी लाभ मिलेगा. उन्होंने कहा कि म्यांमा, बांग्लादेश और मणिपुर से भाग कर आ रहे लोग मिजोरम में सुरक्षित महसूस करते हैं जहां उनकी पार्टी का शासन है.
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#WATCH | Mizoram Elections | CM Zoramthanga says, "I certainly believe that we shall be able to form the government on our own without any coalition. Situation will not arise in which we will need other parties. MNF will be able to form the government." pic.twitter.com/MC7MWtHXKG
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— ANI (@ANI) November 7, 2023#WATCH | Mizoram Elections | CM Zoramthanga says, "I certainly believe that we shall be able to form the government on our own without any coalition. Situation will not arise in which we will need other parties. MNF will be able to form the government." pic.twitter.com/MC7MWtHXKG
— ANI (@ANI) November 7, 2023
मिजोरम में 40 विधानसभा सीटों पर कड़ी सुरक्षा के बीच मतदान हो रहा है और यह शाम चार बजे तक जारी रहेगा. आइजोल में अपना वोट डालने से पहले पत्रकारों से बातचीत में जोरमथांगा ने कहा कि एमएनएफ वित्तीय बाधाओं के बावजूद विभिन्न विकास परियोजनाओं के क्रियान्वयन और विपक्षी दलों द्वारा अच्छे उम्मीदवार न उतार पाने समेत कई कारणों से चुनाव जीतेगी. भाजपा से अपनी पार्टी की दूरी बनाने की कवायद में उन्होंने कहा, 'हम केंद्र में एनडीए के साझेदार हैं और हमारा समर्थन मुख्यत: मुद्दा-आधारित है. राज्य में हमारा भाजपा के साथ कोई संबंध या गठबंधन नहीं है.'
एमएनएफ अध्यक्ष ने कहा कि उनकी पार्टी मिजो उप-राष्ट्रवाद पर ध्यान केंद्रित कर रही है और सभी जो जनजातियों को एकीकृत करने के लिए काफी प्रयास कर रही है. उन्होंने कहा, 'म्यांमा, बांग्लादेश और मणिपुर से भाग कर आए लोग एमएनएफ सरकार में सुरक्षित महसूस करते हैं.' जोरमथांगा (79) ने कहा कि एमएनएफ सत्ता में लौटने पर आवश्यकता के अनुसार, पूर्वनिर्मित मकानों का निर्माण कर म्यांमा और बांग्लादेश से आए शरणार्थियों और मणिपुर से विस्थापित लोगों के पुनर्वास के लिए कदम उठाएगी.
उन्होंने कहा कि हालांकि, सरकार की सर्वोच्च आकांक्षा यही है कि इन स्थानों पर शांति तथा सामान्य स्थिति बहाल हो. मुख्यमंत्री ने कहा, 'हमारी सबसे बड़ी आकांक्षा यह है कि म्यांमा, मणिपुर और बांग्लादेश में शांति आए और केंद्र इस दिशा में अपने प्रयास जारी रखे ताकि लोग अपने पैतृक स्थानों की ओर लौट सकें.' राज्य के गृह विभाग के अनुसार, मिजोरम ने अभी म्यांमा और बांग्लादेश के 32,492 शरणार्थियों और मणिपुर के 11,991 विस्थापितों को पनाह दे रखी है.
साल 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में 26 सीटें जीतने वाली एमएनएफ ने इस बार सभी 40 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं. मुख्य विपक्षी दल जोरम पीपुल्स मूवमेंट (जेडपीएम) और कांग्रेस ने भी 40-40 उम्मीदवार उतारे हैं. पिछले विधानसभा चुनाव में 39 सीटों पर चुनाव लड़ने वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) इस बार 23 सीटों पर चुनाव लड़ रही है और आम आदमी पार्टी (आप) ने चार प्रत्याशी खड़े किए हैं। इसके अलावा 27 निर्दलीय उम्मीदवार भी मैदान में हैं.
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राज्य के 8.57 लाख से अधिक मतदाता 174 उम्मीदवारों की चुनावी किस्मत का फैसला करेंगे. इनमें 4.39 लाख महिला मतदाता भी शामिल हैं. मतणगना तीन दिसंबर को होगी.