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भाजपा के मुस्लिम संपर्क अभियान को लेकर कश्मीर में मिली-जुली प्रतिक्रिया - कश्मीर में भाजपा के नेता अशरफ आजाद

देशभर में भाजपा का अल्पसंख्यक मोर्चा 10 मार्च से पूरे मुल्क में मुस्लिम संपर्क अभियान शुरू करने जा रहा है. मुसलमानों के दरमयान पकड़ बनाने के लिए भाजपा के इस संपर्क कार्यक्रम को लेकर काफी मिली जुली प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है. पहले चरण के लिए कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में फैले 64 जिलों को इसके लिए चुना गया है.

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Published : Mar 9, 2023, 7:02 PM IST

श्रीनगर: देशभर में मुसलमानों के बीच पहुंच बनाने के लिए शुक्रवार को शुरू होने वाले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के संपर्क कार्यक्रम को लेकर मिली-जुली प्रतिक्रिया देखी जा रही है. हालांकि इस बात को लेकर सर्वसम्मति है कि घाटी और देश के बाकी हिस्से के बीच दूरी को पाटने की जरूरत है. भाजपा का अल्पसंख्यक मोर्चा 10 मार्च से देशभर में मुस्लिम संपर्क अभियान शुरू करेगा. पार्टी ने पहले चरण के लिए कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में फैले 64 जिलों का इसके लिये चयन किया है.

जम्मू-कश्मीर के मुफ्ती-ए-आजम नासिर उल इस्लाम ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, “जम्मू-कश्मीर के मुसलमानों के पास बहुत सारे मुद्दे और शिकायतें हैं, जिनका वे हल चाहते हैं, इसके अलावा भारत के अन्य हिस्सों में भी मुसलमानों में सुरक्षा की भावना पैदा करने की आवश्यकता है. सत्ता में जो हैं, अगर वे समाधान ढूंढ रहे हैं तो यह स्वागत योग्य कदम है.” उन्होंने कहा कि हाल में हरियाणा में दो मुस्लिम व्यक्तियों की हत्या जैसी घटनाओं ने समुदाय की भावनाओं को आहत किया है.

इस्लाम ने कहा, “केंद्र सरकार और कश्मीर घाटी के मुसलमानों के बीच एक दूरी और मतभेद रहा है. अनुच्छेद 370 हटने के बाद कई दावे किए गए, लेकिन कुछ भी सच नहीं निकला. क्या वे तोड़फोड़ अभियान से लोगों का दिल जीत सकते हैं? वे लोगों को मूर्ख नहीं बना सकते.”

उन्होंने कहा कि कश्मीर में भाजपा के मुस्लिम संपर्क कार्यक्रम में स्थानीय आबादी की चिंताओं को दूर करने के लिए अगर व्यावहारिक उपाय नहीं किये जाते तो इसे केवल बयानबाजी ही कहा जा सकता है. इस्लाम ने कहा, “ये कार्यक्रम खोखली बयानबाजी नहीं होना चाहिए. इसका व्यावहारिक प्रभाव होना चाहिए और उन्हें लोगों तक पहुंचना चाहिए.” भाजपा के नेता अशरफ आजाद को भी लगता है कि जम्मू-कश्मीर के लिए संपर्क कार्यक्रम की सख्त जरूरत है.

उन्होंने कहा, “जम्मू-कश्मीर के मुसलमान अलग-थलग महसूस कर रहे हैं. इस कार्यक्रम के कारण वे भारत की शेष आबादी के निकट आएंगे. हमें एक-दूसरे पर भरोसा करना होगा और आगे बढ़ने का यही एकमात्र तरीका है.”

आजाद ने कहा कि पूरे देश को कश्मीर पर ध्यान देने की जरूरत है. उन्होंने कहा, “हम कश्मीरियों को देश के खिलाफ इस्तेमाल किया गया. यह कार्यक्रम विश्वास पैदा करेगा. कश्मीर के लोग, खासकर युवा पीढ़ी, इस मौके का इंतजार कर रही थी.” कई आम निवासी घाटी में भाजपा की नई पहल को लेकर असमंजस में हैं.

स्थानीय निवासी अजमत हुसैन ने कहा, “हमारा भाजपा के साथ बहुत कम संपर्क है. भाजपा कश्मीर में क्या कर रही है, इसकी हमें गहन जानकारी नहीं है, लेकिन अगर केंद्र सरकार या भाजपा इस तरह का कोई कार्यक्रम शुरू करने जा रही है, तो यह कश्मीर के लिए अच्छा होगा, हम अच्छे की ही उम्मीद करते हैं।”

यह भी पढ़ें: Tamil Nadu CM accuses BJP : तमिलनाडु सीएम ने बीजेपी पर प्रवासी श्रमिकों पर 'हमलों' की अफवाह फैलाने का आरोप लगाया

(पीटीआई-भाषा)

श्रीनगर: देशभर में मुसलमानों के बीच पहुंच बनाने के लिए शुक्रवार को शुरू होने वाले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के संपर्क कार्यक्रम को लेकर मिली-जुली प्रतिक्रिया देखी जा रही है. हालांकि इस बात को लेकर सर्वसम्मति है कि घाटी और देश के बाकी हिस्से के बीच दूरी को पाटने की जरूरत है. भाजपा का अल्पसंख्यक मोर्चा 10 मार्च से देशभर में मुस्लिम संपर्क अभियान शुरू करेगा. पार्टी ने पहले चरण के लिए कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में फैले 64 जिलों का इसके लिये चयन किया है.

जम्मू-कश्मीर के मुफ्ती-ए-आजम नासिर उल इस्लाम ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, “जम्मू-कश्मीर के मुसलमानों के पास बहुत सारे मुद्दे और शिकायतें हैं, जिनका वे हल चाहते हैं, इसके अलावा भारत के अन्य हिस्सों में भी मुसलमानों में सुरक्षा की भावना पैदा करने की आवश्यकता है. सत्ता में जो हैं, अगर वे समाधान ढूंढ रहे हैं तो यह स्वागत योग्य कदम है.” उन्होंने कहा कि हाल में हरियाणा में दो मुस्लिम व्यक्तियों की हत्या जैसी घटनाओं ने समुदाय की भावनाओं को आहत किया है.

इस्लाम ने कहा, “केंद्र सरकार और कश्मीर घाटी के मुसलमानों के बीच एक दूरी और मतभेद रहा है. अनुच्छेद 370 हटने के बाद कई दावे किए गए, लेकिन कुछ भी सच नहीं निकला. क्या वे तोड़फोड़ अभियान से लोगों का दिल जीत सकते हैं? वे लोगों को मूर्ख नहीं बना सकते.”

उन्होंने कहा कि कश्मीर में भाजपा के मुस्लिम संपर्क कार्यक्रम में स्थानीय आबादी की चिंताओं को दूर करने के लिए अगर व्यावहारिक उपाय नहीं किये जाते तो इसे केवल बयानबाजी ही कहा जा सकता है. इस्लाम ने कहा, “ये कार्यक्रम खोखली बयानबाजी नहीं होना चाहिए. इसका व्यावहारिक प्रभाव होना चाहिए और उन्हें लोगों तक पहुंचना चाहिए.” भाजपा के नेता अशरफ आजाद को भी लगता है कि जम्मू-कश्मीर के लिए संपर्क कार्यक्रम की सख्त जरूरत है.

उन्होंने कहा, “जम्मू-कश्मीर के मुसलमान अलग-थलग महसूस कर रहे हैं. इस कार्यक्रम के कारण वे भारत की शेष आबादी के निकट आएंगे. हमें एक-दूसरे पर भरोसा करना होगा और आगे बढ़ने का यही एकमात्र तरीका है.”

आजाद ने कहा कि पूरे देश को कश्मीर पर ध्यान देने की जरूरत है. उन्होंने कहा, “हम कश्मीरियों को देश के खिलाफ इस्तेमाल किया गया. यह कार्यक्रम विश्वास पैदा करेगा. कश्मीर के लोग, खासकर युवा पीढ़ी, इस मौके का इंतजार कर रही थी.” कई आम निवासी घाटी में भाजपा की नई पहल को लेकर असमंजस में हैं.

स्थानीय निवासी अजमत हुसैन ने कहा, “हमारा भाजपा के साथ बहुत कम संपर्क है. भाजपा कश्मीर में क्या कर रही है, इसकी हमें गहन जानकारी नहीं है, लेकिन अगर केंद्र सरकार या भाजपा इस तरह का कोई कार्यक्रम शुरू करने जा रही है, तो यह कश्मीर के लिए अच्छा होगा, हम अच्छे की ही उम्मीद करते हैं।”

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(पीटीआई-भाषा)

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