कोलकाता : पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव की तारीख करीब आने के साथ ही राजनीति सरगर्मी भी बढ़ गई है. अभिनेता और पूर्व तृणमूल सांसद मिथुन चक्रवर्ती कोलकाता के ब्रिगेड मैदान में भाजपा का दामन थाम लिया है. इस दौरान अभिनेता ने कहा कि हम गरीबों के लिए कुछ करना चाहते हैं. मैं दिल से बंगाली हूं.
मिथुन ने कहा कि बंगाल में रहने वाला हर कोई व्यक्ति बंगाली है. मेरा नाम मिथुन चक्रवर्ती है, मैं जो बोलता हूं, वही करता है. मुझपे भरोसा रखिए मैंने कभी जंग छोड़कर भागा नहीं. मिथुन ने जय हिंद,जय बीजेपी से अपना संबोधन खत्म किया.
अभिनेता ने ब्रिगेड मैदान में मंच से भाजपा का झंडा भी लहराया.
भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय एवं प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने अन्य नेताओं की उपस्थिति में मिथुन चक्रवर्ती का पार्टी में स्वागत किया.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने मुंबई में अभिनेता के आवास पर पिछले महीने उनसे मुलाकात की थी. इसके बाद उनके भाजपा में शामिल होने की अटकलें शुरू हो गयी थीं.
बता दें कि फरवरी 2014 में तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मिथुन चक्रवर्ती को राज्यसभा के सांसद के पद पर मनोनीत किया था. हालांकि दिसंबर 2016 में उन्होंने राज्यसभा सांसद के पद से इस्तीफा दे दिया था.
1950 के दशक में जन्में मिथुन चक्रवर्ती नक्सल आंदोलन के बीच बड़े हुए. बाद में वह पंश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री ज्योती बासू के नेतृत्व में वामपंथी विचारधारा से जुड़े. इसके बाद 2014 में वह ममता की टीएमसी में शामिल हुए.
मिथुन चक्रवर्ती पश्चिम बंगाल के कई शीर्ष वामपंथी नेताओं जैसे, ज्योती बासू और शुभाष चक्रवर्ती के साथ गहरे संबंध थे. 2009 में शुभाष चक्रवर्ती और उसके अगले वर्ष ज्योती बासू की मृत्यु के बाद मिथुन वाम दल से अलग हो गए थे. इसी दौरान ममता बनर्जी ने बंगला की राजनीतिक तस्वीर बदलने का बीड़ा उठाया और 2014 में मिथुन टीएमसी के टिकट पर राज्यसभा पहुंच गए.
शारदा चिट-फंड घोटाले की जांच में चक्रवर्ती का नाम आने के बाद उन्होंने राज्यसभा के सांसद के पद से इस्तीफा दे दिया था. हालांकि उन्होंने खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए राज्यसभा के सांसद के पद से इस्तीफा दिया था.
इस बात में कोई संदेह नहीं है कि चक्रवर्ती के भाजपा में शामिल होने के बाद बंगाल में भाजपा की स्थिति और मजबूत हो गई है. अभिनेता के तौर पर उनकी लोकप्रियता असीम है और बंगाल की राजनीति से जुड़े रहने का फायदा उन्हें जरूर मिलेगा.
भारतीय जनता पार्टी और तृणमूल कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में सारी ताकत झोंक दी है. राज्य में 294 सीटों के लिए आठ चरणों में मतदान होंगे. पहले चरण के लिए 27 मार्च को मतदान होंगे. नतीजे दो मई को घोषित किए जाएंगे.