खगड़िया: बिहार के खगड़िया में अगुवानी-सुलतानगंज पुल हादसे में लापता गार्ड विभाष यादव का शव परिजनों के लगातार अथक प्रयास के बाद मंगलवार को गंगा नदी से बरामद कर लिया गया. परिजनों ने आरोप लगाया कि शव बरामदगी में प्रशासन ने समुचित सहयोग नहीं किया. घटना के दसवें दिन आज शव परिजनों ने खुद खोज निकाला. परिजनों के मुताबिक अभी तक किसी भी प्रकार का आर्थिक सहयोग निर्माण कंपनी और सरकार की ओर से प्राप्त नहीं हुआ है.
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हादसे के दस दिन बाद मिला शव: बीते 4 जून को खगड़िया जिले के अगुवानी और भागलपुर जिले के सुल्तानगंज के बीच गंगा नदी पर निर्माणाधीन पुल का बड़ा हिस्सा धराशाई हो गया था. हादसे के दौरान पिलर संख्या 10 पर तैनात सिंगला कंस्ट्रक्शन के गार्ड खीराडीह निवासी विभाष कुमार लापता हो गये थे. घटना के 10वें दिन आज लापता विभाष का शव खगड़िया-भागलपुर सीमा के कौवाकोल दियारा के पास गंगा नदी की धारा से बरामद किया गया. सीओ चंदन कुमार ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद सरकारी नियमानुसार मृतक के परिजन को मुआवजा दिया जाएगा.
हादसे के बाद से गायब था विभाष: बताया जाता है कि नदी में शव तैरता देख उनके परिजन को सूचना दी गई और परिजन ने शव की शिनाख्त कर ली. इसके बाद नौका से शव को अगुआनी-गंगा घाट लाया गया. जहां परबत्ता पुलिस ने कानूनी प्रक्रिया करते हुए शव को पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया और पोस्टमार्टम के बाद शव को परिजनों को सौंप दिया गया. इधर घटना के दिन से ही मृतक के परिजन बेसुध थे और लगातार विभाष यादव की शव बरामदगी को लेकर प्रशासन से गुहार लगा रहे थे. प्रशासन ने शुरुआत में प्रयास किया, लेकिन सफलता नहीं मिल पाई.
"पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद सरकारी नियमानुसार मृतक के परिजन को मुआवजा दिया जाएगा" - चंदन कुमार, सीओ
शुरुआती खोजबीन के बाद प्रशासन ने छोड़ दी थी उम्मीद: गौरतलब है कि घटना के बाद करीब 4 दिनों तक एसडीआरएफ टीम ने सघन तलाशी अभियान चलाया था. लेकिन उन्हें सफलता हाथ नहीं लगी और टीम को वापस लौटना पड़ा. इसके बाद परिजन लापता की तलाश में भटकते रहे. आज शव मिलने की सूचना से परिजनों में कोहराम मच गया. गंगा घाट पर पहुंचते ही मृतक की पत्नी दहाड़ मार कर रोने लगी और काफी मशक्कत के बाद मौजूद लोगों ने समझा-बुझाकर सभी को घर भेजा. मृतक के परिजन की माने तो उन्हें किसी भी प्रकार का आर्थिक सहयोग नहीं मिला है.