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मुंबई: अंधेरी से लापता हुई बच्ची नौ साल बाद अपने परिवार से मिली

मुंबई में अंधेरी के डीएन नगर इलाके में 9 साल पहले लापता हुई बच्ची को आखिरकार पुलिस ने ढूंढ निकाला. इसमें पुलिस के एक रिटायर्ड अधिकारी ने बड़ी मदद की.

Mumbai: Missing girl found from her family after nine years
मुंबई: नौ साल बाद अपने परिवार से मिली लापता लड़की
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Published : Aug 7, 2022, 12:25 PM IST

Updated : Aug 7, 2022, 12:58 PM IST

मुंबई: डीएन नगर पुलिस ने मुंबई के अंधेरी के डीएन नगर पुलिस इलाके में 9 साल पहले लापता हुई बच्ची का पता लगाने में सफलता हासिल की है. बच्ची 22 जनवरी 2013 को लापता हो गई थी. उस समय वह सात साल की थी. गत 4 अगस्त को लापता बच्ची अपने परिवार से मिल पायी. इस मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपी डिसूजा और उसकी पत्नी सोनी को गिरफ्तार किया है. मुंबई पुलिस बल के एक सेवानिवृत्त सहायक उप-निरीक्षक राजेंद्र ढोंडू भोसले ने इसमें बहुत योगदान दिया.

अंधेरी से लापता हुई बच्ची नौ साल बाद मिली

मुंबई के पुलिस कमिश्नर विवेक फनसालकर ने भी डीएन नगर पुलिस की कार्रवाई की सराहना की है. दिलचस्प बात यह है कि राजेंद्र ढोंडू भोसले मुंबई के डीएन नगर पुलिस स्टेशन में सहायक उप-निरीक्षक थे. अपने कार्यकाल के दौरान, उन्होंने लड़कियों के लापता होने के 166 मामले दर्ज किए. ये लड़कियां 2008 से 2015 के बीच लापता हुईं थी. राजेंद्र भोसले और उनकी टीम ने लड़कियों की तलाश में अथक प्रयास किया और 166 में से 165 को ढूंढ निकाला. लेकिन इस बीच 166वीं लड़की का कोई पता नहीं चला.

सेवानिवृत्ति के बाद भी भोसले लड़की को खोजने की कोशिश करते रहे. जब गिरफ्तार किए गए डिसूजा से मुंबई पुलिस ने पूछताछ की, तो उसने कहा कि उसने बच्ची को स्कूल के पास देखा था और उसे आरोपी के साथ ले गया था क्योंकि उसकी अपनी कोई संतान नहीं थी. उधर, बच्ची के स्कूल के बाद घर नहीं पहुंचने पर परिजनों ने डीएन नगर थाने में शिकायत दर्ज करायी.

यह मामला तत्कालीन सहायक उपनिरीक्षक राजेंद्र ढोंडू भोसले के संज्ञान में आया. इसी बीच मीडिया में बच्ची के लापता होने की खबरें आने लगीं और स्थानीय लोगों ने भी लड़की को खोजने का अभियान शुरू कर दिया. आरोपी डिसूजा ने जवाब में पुलिस को बताया कि इन सब के डर से उसने बच्ची को उसके पैतृक घर कर्नाटक के रायचूर के एक हॉस्टल में भेज दिया. डिसूजा और सोनी को 2016 में एक बेटा हुआ था. ऐसे में उन्होंने बच्ची को कर्नाटक से वापस बुला लिया.

ये भी पढ़ें- महाराष्ट्र: अहमदनगर में नूपुर शर्मा का स्टेटस लगाने पर युवक पर हमला, चार गिरफ्तार

क्योंकि वे दो बच्चों की परवरिश नहीं कर सकते थे, उन्होंने उसे दाई के रूप में काम करने के लिए मजबूर किया. डीएन नगर स्टेशन के वरिष्ठ निरीक्षक मिलिंद कुर्डे ने कहा कि डिसूजा परिवार अंधेरी (पश्चिम) के उसी गिल्बर्ट हिल इलाके में एक घर में स्थानांतरित हो गया, जहां लड़की मूल रूप से रहती थी. डिसूजा परिवार को अब यकीन हो गया था कि इतने लंबे समय के बाद कोई भी लड़की को पहचान नहीं पाएगा. डिसूजा ने कहा कि युवती को इलाके में किसी से बात करने की इजाजत नहीं थी. इस मामले में पुलिस ने डिसूजा और उनकी पत्नी के खिलाफ अपहरण, मानव तस्करी और गलत तरीके से हिरासत में लेने समेत विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है.

मुंबई: डीएन नगर पुलिस ने मुंबई के अंधेरी के डीएन नगर पुलिस इलाके में 9 साल पहले लापता हुई बच्ची का पता लगाने में सफलता हासिल की है. बच्ची 22 जनवरी 2013 को लापता हो गई थी. उस समय वह सात साल की थी. गत 4 अगस्त को लापता बच्ची अपने परिवार से मिल पायी. इस मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपी डिसूजा और उसकी पत्नी सोनी को गिरफ्तार किया है. मुंबई पुलिस बल के एक सेवानिवृत्त सहायक उप-निरीक्षक राजेंद्र ढोंडू भोसले ने इसमें बहुत योगदान दिया.

अंधेरी से लापता हुई बच्ची नौ साल बाद मिली

मुंबई के पुलिस कमिश्नर विवेक फनसालकर ने भी डीएन नगर पुलिस की कार्रवाई की सराहना की है. दिलचस्प बात यह है कि राजेंद्र ढोंडू भोसले मुंबई के डीएन नगर पुलिस स्टेशन में सहायक उप-निरीक्षक थे. अपने कार्यकाल के दौरान, उन्होंने लड़कियों के लापता होने के 166 मामले दर्ज किए. ये लड़कियां 2008 से 2015 के बीच लापता हुईं थी. राजेंद्र भोसले और उनकी टीम ने लड़कियों की तलाश में अथक प्रयास किया और 166 में से 165 को ढूंढ निकाला. लेकिन इस बीच 166वीं लड़की का कोई पता नहीं चला.

सेवानिवृत्ति के बाद भी भोसले लड़की को खोजने की कोशिश करते रहे. जब गिरफ्तार किए गए डिसूजा से मुंबई पुलिस ने पूछताछ की, तो उसने कहा कि उसने बच्ची को स्कूल के पास देखा था और उसे आरोपी के साथ ले गया था क्योंकि उसकी अपनी कोई संतान नहीं थी. उधर, बच्ची के स्कूल के बाद घर नहीं पहुंचने पर परिजनों ने डीएन नगर थाने में शिकायत दर्ज करायी.

यह मामला तत्कालीन सहायक उपनिरीक्षक राजेंद्र ढोंडू भोसले के संज्ञान में आया. इसी बीच मीडिया में बच्ची के लापता होने की खबरें आने लगीं और स्थानीय लोगों ने भी लड़की को खोजने का अभियान शुरू कर दिया. आरोपी डिसूजा ने जवाब में पुलिस को बताया कि इन सब के डर से उसने बच्ची को उसके पैतृक घर कर्नाटक के रायचूर के एक हॉस्टल में भेज दिया. डिसूजा और सोनी को 2016 में एक बेटा हुआ था. ऐसे में उन्होंने बच्ची को कर्नाटक से वापस बुला लिया.

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क्योंकि वे दो बच्चों की परवरिश नहीं कर सकते थे, उन्होंने उसे दाई के रूप में काम करने के लिए मजबूर किया. डीएन नगर स्टेशन के वरिष्ठ निरीक्षक मिलिंद कुर्डे ने कहा कि डिसूजा परिवार अंधेरी (पश्चिम) के उसी गिल्बर्ट हिल इलाके में एक घर में स्थानांतरित हो गया, जहां लड़की मूल रूप से रहती थी. डिसूजा परिवार को अब यकीन हो गया था कि इतने लंबे समय के बाद कोई भी लड़की को पहचान नहीं पाएगा. डिसूजा ने कहा कि युवती को इलाके में किसी से बात करने की इजाजत नहीं थी. इस मामले में पुलिस ने डिसूजा और उनकी पत्नी के खिलाफ अपहरण, मानव तस्करी और गलत तरीके से हिरासत में लेने समेत विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है.

Last Updated : Aug 7, 2022, 12:58 PM IST

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