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उत्तर प्रदेश में न तो सुविधा है और न ही संसाधन : दीक्षा सिंह

यूपी के जौनपुर में जिला पंचायत चुनाव लड़ रहीं मिस इंडिया फेमिना 2015 की रनर अप दीक्षा सिंह ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कहा है कि मुंबई और गोवा के मुकाबले उत्तर प्रदेश में न तो सुविधा है और न ही संसाधन. पेश है दीक्षा सिंह से बाचतीत के प्रमुख अंशः

दीक्षा सिंह
दीक्षा सिंह
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Published : Apr 4, 2021, 5:44 PM IST

Updated : Apr 4, 2021, 6:30 PM IST

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले के पंचायत चुनाव में बॉलीवुड का तड़का लग गया है. 2015 में मिस इंडिया फेमिना की रनरअप रह चुकी और कई नामी-गिरामी कंपनियों के लिए काम कर चुकी चितौड़ी गांव की रहने वाली दीक्षा सिंह इस बार पंचायत चुनाव में अपनी किस्मत आजमा रही हैं.

ईटीवी भारत से खास बातचीत में दीक्षा सिंह ने बताया कि बाहरी राज्यों के मुकाबले उत्तर प्रदेश में संसाधनों की कमी है. यहां न तो आगे बढ़ने के लिए कोई सुविधा है और न ही किसी भी प्रकार के संसाधन.

राजनीति में आने के लिए अचानक फैसला नहीं लिया
विधानसभा या लोकसभा के चुनाव में अक्सर सेलिब्रिटी अपनी किस्मत आजमाते हैं लेकिन दीक्षा सिंह का मानना है कि अगर सुविधाओं को घर तक पहुंचाना हो तो सबसे महत्वपूर्ण पंचायत चुनाव हैं. पंचायत के चुनाव में जमीनी स्तर का काम किया जा सकता है. उनका कहना है कि उनकी जो गांव में रहने वाली बहने हैं, गांव में रहकर अच्छी सुविधाएं और संसाधन नहीं पा सकती हैं. उनके लिए निश्चित रूप से इस पंचायती चुनाव में काम करेंगी.

ईटीवी भारत से बात करतीं दीक्षा सिंह

महिला सशक्तिकरण को देना होगा बढ़ावा
दीक्षा सिंह कहती हैं कि लड़कियों का काम सिर्फ शादी करना और बच्चे पैदा करना नहीं है. लड़कियों के भी सपने होते हैं और उन्हें भी अपने सपने साकार करने का पूरा हक है, लेकिन माहौल ऐसा हो जाता है कि वह उन्हें पूरा करने के लिए कई बार सोचती हैं.

दीक्षा सिंह कहती हैं कि उनके घर वालों ने काफी मदद की. अगर घरवाले इतना सहयोग ना करते तो वह इस मुकाम पर नहीं पहुंचती. दीक्षा सिंह का मानना है कि गांव में भी महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देना होगा, जिससे कि गांव में रहने वाली महिलाएं भी आगे आकर अपने सपनों को पूरा कर सकें.

रील और रियल लाइफ की दुनिया अलग
दीक्षा सिंह कहती हैं कि रील लाइफ और रियल लाइफ की दुनिया में जमीन आसमान का अंतर है. रील लाइफ के मुकाबले रियल लाइफ जिंदगी काफी आसान है. रील लाइफ में चकाचौंध जरूर है, लेकिन इसके लिए बहुत मेहनत करनी पड़ती है. दूर से देखने में भले ही यह बहुत आसान लगता हो लेकिन यहां टिके रहना बहुत ही कठिन है.

पढ़ें - बिना समाधान वापस लौटे तो आने वाली पीढ़ी किसानों को माफ नहीं करेगी : नरेश टिकैत

जनता के लिए समर्पित भाव से करूंगी काम
जीतने के बाद जब जनता की उम्मीदें बढ़ जाएंगे मॉडलिंग के सवाल पर दीक्षा सिंह ने कहा कि एक्टिंग की दुनिया में वह बाद में भी जा सकती हैं. लेकिन पहले व जनता के लिए काम करना चाहती हैं. इसके लिए उन्हें कोई खास दिक्कत भी नहीं है. दीक्षा ने कहा कि उन्हें महसूस होता है कि वह कई लोगों का एक चेहरा हैं. पहले जनता के लिए समर्पित भाव से काम करेंगी, उसके बाद वह एक्टिंग का काम कर सकती हैं.

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले के पंचायत चुनाव में बॉलीवुड का तड़का लग गया है. 2015 में मिस इंडिया फेमिना की रनरअप रह चुकी और कई नामी-गिरामी कंपनियों के लिए काम कर चुकी चितौड़ी गांव की रहने वाली दीक्षा सिंह इस बार पंचायत चुनाव में अपनी किस्मत आजमा रही हैं.

ईटीवी भारत से खास बातचीत में दीक्षा सिंह ने बताया कि बाहरी राज्यों के मुकाबले उत्तर प्रदेश में संसाधनों की कमी है. यहां न तो आगे बढ़ने के लिए कोई सुविधा है और न ही किसी भी प्रकार के संसाधन.

राजनीति में आने के लिए अचानक फैसला नहीं लिया
विधानसभा या लोकसभा के चुनाव में अक्सर सेलिब्रिटी अपनी किस्मत आजमाते हैं लेकिन दीक्षा सिंह का मानना है कि अगर सुविधाओं को घर तक पहुंचाना हो तो सबसे महत्वपूर्ण पंचायत चुनाव हैं. पंचायत के चुनाव में जमीनी स्तर का काम किया जा सकता है. उनका कहना है कि उनकी जो गांव में रहने वाली बहने हैं, गांव में रहकर अच्छी सुविधाएं और संसाधन नहीं पा सकती हैं. उनके लिए निश्चित रूप से इस पंचायती चुनाव में काम करेंगी.

ईटीवी भारत से बात करतीं दीक्षा सिंह

महिला सशक्तिकरण को देना होगा बढ़ावा
दीक्षा सिंह कहती हैं कि लड़कियों का काम सिर्फ शादी करना और बच्चे पैदा करना नहीं है. लड़कियों के भी सपने होते हैं और उन्हें भी अपने सपने साकार करने का पूरा हक है, लेकिन माहौल ऐसा हो जाता है कि वह उन्हें पूरा करने के लिए कई बार सोचती हैं.

दीक्षा सिंह कहती हैं कि उनके घर वालों ने काफी मदद की. अगर घरवाले इतना सहयोग ना करते तो वह इस मुकाम पर नहीं पहुंचती. दीक्षा सिंह का मानना है कि गांव में भी महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देना होगा, जिससे कि गांव में रहने वाली महिलाएं भी आगे आकर अपने सपनों को पूरा कर सकें.

रील और रियल लाइफ की दुनिया अलग
दीक्षा सिंह कहती हैं कि रील लाइफ और रियल लाइफ की दुनिया में जमीन आसमान का अंतर है. रील लाइफ के मुकाबले रियल लाइफ जिंदगी काफी आसान है. रील लाइफ में चकाचौंध जरूर है, लेकिन इसके लिए बहुत मेहनत करनी पड़ती है. दूर से देखने में भले ही यह बहुत आसान लगता हो लेकिन यहां टिके रहना बहुत ही कठिन है.

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जनता के लिए समर्पित भाव से करूंगी काम
जीतने के बाद जब जनता की उम्मीदें बढ़ जाएंगे मॉडलिंग के सवाल पर दीक्षा सिंह ने कहा कि एक्टिंग की दुनिया में वह बाद में भी जा सकती हैं. लेकिन पहले व जनता के लिए काम करना चाहती हैं. इसके लिए उन्हें कोई खास दिक्कत भी नहीं है. दीक्षा ने कहा कि उन्हें महसूस होता है कि वह कई लोगों का एक चेहरा हैं. पहले जनता के लिए समर्पित भाव से काम करेंगी, उसके बाद वह एक्टिंग का काम कर सकती हैं.

Last Updated : Apr 4, 2021, 6:30 PM IST

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