वाराणसी : शहर की 14 साल की रिया 10वीं की छात्रा हैं. एक खास कोर्स को करने के बाद वह आंखों पर काली पट्टी बांधकर हर काम कर लेती हैं. आंखों पर पट्टी बांधने के बाद आम लोगों को बिल्कुल दिखाई नहीं देता है जबकि रिया साइकिल चलाने से लेकर कपड़ों के रंग भी आसानी से बता देती हैं. अपनी इन खूबियों के कारण इन दिनों शहर में उनकी चर्चाएं हैं.
आंखों पर पट्टी बांधकर कई किमी तक साइकिल भी चला लेती हैं : जिले के लोहता हरपालपुर गांव की रिया तिवारी 10वीं पढ़ती हैं. ईटीवी भारत से बातचीत में छात्रा ने बताया कि उन्हें पढ़ाई-लिखाई के अलावा मेडिटेशन का भी शौक है. इसके कारण उन्होंने पढ़ाई के साथ-साथ मिड ब्रेन एक्टिवेशन का कोर्स किया. तीन महीने का कोर्स करने के बाद उन्हें बिना देखे ही चीजों को पहचानने का हुनर आ गया. अब वह आंखों पर पट्टी बांधकर कई किलोमीटर तक साइकिल चला लेती हैं. रंगों को पहचान लेती हैं. इससे अलावा रुपये भी गिन लेती हैं. वह आंखों पर पट्टी बांधकर अच्छी तरह खेल भी लेती हैं. पढ़ाई-लिखाई भी कर लेती हैं. रिया बताती हैं कि 5 से 15 साल का कोई भी बच्चा इस कोर्स को कर सकता है.
मेडिटेशन से बढ़ जाती है बच्चों की क्षमता : रिया के पिता राजन तिवारी का कहना है कि रिया में कोई दैवीय शक्ति नहीं है, बल्कि यह मेडिटेशन से संभव हुआ है. मिड ब्रेन एक्टिवेशन कोर्स से ऐसा संभव हुआ है. इस कोर्स से बच्चों की याददाश्त तेज होती है. इसमें आंखों पर काली पट्टी बांधकर सबकुछ देखने की कला सिखाई जाती है. रिया आम बच्चों की तरह ही अपने दैनिक कार्यों को तो करती ही हैं, आंखों पर काली पट्टी बांधकर भी वह आसानी से अपने सभी काम कर लेती हैं. ऐसे बच्चे प्रतियोगीता परीक्षाओं को आसानी से पास कर लेते हैं.
क्या है मिड ब्रेन एक्टिवेशन : मस्तिष्क तीन भागों में बंटा होता है. राइट ब्रेन और लेफ्ट ब्रेन के अलावा दोनों को जोड़ने वाले हिस्से को इंटर ब्रेन अथवा मिड ब्रेन कहा जाता है. आम तौर पर लोग लेफ्ट ब्रेन का उपयोग करते हैं. राइट ब्रेन का प्रयोग काफी कम हो पाता है. इंसान मस्तिष्क के छोटे से हिस्से लेफ्ट ब्रेन का ही प्रयोग कर पाता है. यह हिस्सा तार्किक क्षमता वाला है. जबकि राइट ब्रेन भी काफी पॉवरफुल होता है, लेकिन इसका प्रयोग न के बराबर ही हो पाता है. दोनों अर्ध मस्तिष्कों के बीच का सेतु एक्टिव होने पर बच्चा ऑलराउंडर बन जाता है. ऐसे बच्चे के आईक्यू और ईक्यू एक साथ बढ़ते हैं. लेफ्ट ब्रेन पढ़ाई, लॅाजिकल सोच आदि के लिए काफी आवश्यक है. राइट ब्रेन आविष्कारक सोच व सृजनात्मकता के लिए जरूरी है. एक्टिवेशन के जरिए मिड ब्रेन को दक्ष बनाया जाता है.
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