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गृह मंत्रालय ने नगालैंड और अरुणाचल प्रदेश के अशांत क्षेत्रों में AFSPA के विस्तार को लेकर जारी की अधिसूचना

सरकार ने नगालैंड के कुछ क्षेत्रों और अरुणाचल प्रदेश के तीन जिलों में AFSPA बढ़ाने करने का निर्णय लिया है. वहीं, सरकार ने पूर्वोत्तर राज्य में दशकों से लागू आफस्पा कानून को कुछ इलाकों से हटाने का फैसला किया है.

Ministry of Home Affairs issues notification regarding extension of  AFSPA in nagaland and arunachal pradesh disturb areas
गृह मंत्रालय ने नागालैंड और अरुणाचल प्रदेश के अशांत क्षेत्रों में AFSPA के विस्तार के संबंध में अधिसूचना जारी की
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Published : Apr 1, 2022, 9:26 AM IST

नई दिल्ली : गृह मंत्रालय ने नगालैंड के कुछ क्षेत्रों और अरुणाचल प्रदेश के 3 जिलों में अफस्पा बढ़ाने करने का निर्णय लिया है. इस संबंध में मंत्रालय की ओर से अधिसूचना जारी की गयी है. जानकारी के अनुसार गृह मंत्रालय ने नागालैंड में 'अशांत क्षेत्रों' के संबंध में अधिसूचना जारी की, जहां अगले छह महीने तक अफस्पा लागू रहेगा. वहीं, सरकार ने अरुणाचल प्रदेश के 3 जिलों में AFSPA का विस्तार किया है. जिन जिलों में अफस्पा का विस्तार किया गया है उनमें तिरप, चांगलांग और लोंगडिंग शामिल हैं ( Tirap, Changlang and Longding districts). साथ ही असम की सीमा से लगे नामसाई जिले में नामसाई और महादेवपुर पुलिस स्टेशनों (Namsai & Mahadevpur police stations in Namsai dist) के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों को एक अप्रैल से 30 सितंबर तक AFSPA की धारा 3 के तहत 'अशांत क्षेत्र' घोषित किया गया.

अफस्पा
अफस्पा

गौरतलब है कि सरकार ने पूर्वोत्तर राज्य में दशकों से लागू आफस्पा कानून को कुछ इलाकों से हटाने का फैसला किया है. इसका पूर्वोत्तर के राजनीतिक दलों ने स्वागत किया है.नगालैंड के मुख्यमंत्री नेफियू रियो और सियासी दलों ने पूर्वोत्तर राज्य में दशकों से लागू आफस्पा कानून को कुछ इलाकों से हटाने के केन्द्र सरकार के फैसले का बृहस्पतिवार को स्वागत किया. हालांकि, कुछ लोगों ने इसपर अप्रसन्नता जताते हुए कहा कि लंबे समय से लोग इस कानून को समाप्त करने की मांग कर रहे हैं, लेकिन उसे पूरा नहीं किया गया.

ये भी पढ़ें- केंद्र ने नागालैंड, असम व मणिपुर में AFSPA के तहत अशांत क्षेत्र कम करने का लिया फैसला : शाह

आफस्पा हटाने की घोषणा

केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने नगालैंड के सात जिलों के 15 पुलिस थाना क्षेत्रों से एक अप्रैल से आफस्पा हटाने की घोषणा की है. इस विवादित कानून को असम और मणिपुर के ज्यादातर क्षेत्रों से भी हटा दिया गया है. नगालैंड में 1995 से ही अंशात क्षेत्र अधिसूचना लागू है. नगालैंड में दिसंबर, 2021 में सेना के जवानों द्वारा 14 असैन्य नागरिकों की हत्या के बाद स्थिति तनावपूर्ण हो गयी थी और लोगों ने आफस्पा हटाने की मांग की थी. मुख्यमंत्री रियो ने ट्वीट किया है, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह के नेतृत्व में नगालैंड, असम और मणिपुर में आफस्पा लागू क्षेत्रों में कमी किए जाने पर भारत सरकार का आभारी हूं. यह पूर्वोत्तर क्षेत्र में स्थिरता, सुरक्षा और समृद्धि लाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है.' केन्द्र के इस कदम का स्वागत करते हुए नगा होहो के महासचिव के. ईलु नदांग ने कहा, ‘हमारी मांग आफस्पा को नगा आबादी वाले सभी क्षेत्रों, खास तौर से पूर्वोत्तर क्षेत्र से हटाने की है.'नगा होहो पूर्वोत्तर राज्यों अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर और नगालैंड में नगा समुदाय का प्रमुख संगठन है.

नई दिल्ली : गृह मंत्रालय ने नगालैंड के कुछ क्षेत्रों और अरुणाचल प्रदेश के 3 जिलों में अफस्पा बढ़ाने करने का निर्णय लिया है. इस संबंध में मंत्रालय की ओर से अधिसूचना जारी की गयी है. जानकारी के अनुसार गृह मंत्रालय ने नागालैंड में 'अशांत क्षेत्रों' के संबंध में अधिसूचना जारी की, जहां अगले छह महीने तक अफस्पा लागू रहेगा. वहीं, सरकार ने अरुणाचल प्रदेश के 3 जिलों में AFSPA का विस्तार किया है. जिन जिलों में अफस्पा का विस्तार किया गया है उनमें तिरप, चांगलांग और लोंगडिंग शामिल हैं ( Tirap, Changlang and Longding districts). साथ ही असम की सीमा से लगे नामसाई जिले में नामसाई और महादेवपुर पुलिस स्टेशनों (Namsai & Mahadevpur police stations in Namsai dist) के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों को एक अप्रैल से 30 सितंबर तक AFSPA की धारा 3 के तहत 'अशांत क्षेत्र' घोषित किया गया.

अफस्पा
अफस्पा

गौरतलब है कि सरकार ने पूर्वोत्तर राज्य में दशकों से लागू आफस्पा कानून को कुछ इलाकों से हटाने का फैसला किया है. इसका पूर्वोत्तर के राजनीतिक दलों ने स्वागत किया है.नगालैंड के मुख्यमंत्री नेफियू रियो और सियासी दलों ने पूर्वोत्तर राज्य में दशकों से लागू आफस्पा कानून को कुछ इलाकों से हटाने के केन्द्र सरकार के फैसले का बृहस्पतिवार को स्वागत किया. हालांकि, कुछ लोगों ने इसपर अप्रसन्नता जताते हुए कहा कि लंबे समय से लोग इस कानून को समाप्त करने की मांग कर रहे हैं, लेकिन उसे पूरा नहीं किया गया.

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आफस्पा हटाने की घोषणा

केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने नगालैंड के सात जिलों के 15 पुलिस थाना क्षेत्रों से एक अप्रैल से आफस्पा हटाने की घोषणा की है. इस विवादित कानून को असम और मणिपुर के ज्यादातर क्षेत्रों से भी हटा दिया गया है. नगालैंड में 1995 से ही अंशात क्षेत्र अधिसूचना लागू है. नगालैंड में दिसंबर, 2021 में सेना के जवानों द्वारा 14 असैन्य नागरिकों की हत्या के बाद स्थिति तनावपूर्ण हो गयी थी और लोगों ने आफस्पा हटाने की मांग की थी. मुख्यमंत्री रियो ने ट्वीट किया है, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह के नेतृत्व में नगालैंड, असम और मणिपुर में आफस्पा लागू क्षेत्रों में कमी किए जाने पर भारत सरकार का आभारी हूं. यह पूर्वोत्तर क्षेत्र में स्थिरता, सुरक्षा और समृद्धि लाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है.' केन्द्र के इस कदम का स्वागत करते हुए नगा होहो के महासचिव के. ईलु नदांग ने कहा, ‘हमारी मांग आफस्पा को नगा आबादी वाले सभी क्षेत्रों, खास तौर से पूर्वोत्तर क्षेत्र से हटाने की है.'नगा होहो पूर्वोत्तर राज्यों अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर और नगालैंड में नगा समुदाय का प्रमुख संगठन है.

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