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Ministry of Education: स्कूली शिक्षा में होंगे बड़े बदलाव, शिक्षा मंत्रालय ने तैयार मसौदे पर मांगे सुझाव - नई शिक्षा नीति 2020

नई शिक्षा नीति 2020 को लेकर सरकार की कवायद जारी है. नई शिक्षा नीति की रूपरेखा को तैयार कर लिया गया है जिसे प्री- ड्राफ्ट कहा जाता है. शिक्षा मंत्रालय की ओर से प्री- ड्राफ्ट को जारी कर दिया गया. इसे विशेषज्ञों से विचार विमर्श के बाद इसे तैयार किया गया है. हालांकि, अभी भी इसमें सुधार को लेकर सुझाव मांगे गए हैं.

Ministry of Education invites suggestions on Draft National Curriculum Framework for school education
स्कूली शिक्षा में होंगे बड़े बदलाव, शिक्षा मंत्रालय ने तैयार मसौदे पर मांगे सुझाव
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Published : Apr 7, 2023, 8:34 AM IST

नई दिल्ली: शिक्षा मंत्रालय ने स्कूली शिक्षा के लिए राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा (एनसीएफ) के मसौदे पर सुझाव आमंत्रित किए हैं. नई शिक्षा नीति का उद्देश्य देश में स्कूली शिक्षा और उच्च शिक्षा को प्रभावशाली बनाना है. समय के साथ इसमें बदलाव किए गए हैं. स्कूली क्षित्रा बच्चों के लिए सबसे महत्वपूर्ण होता है. यह नींव के रूप में काम करती है.

नई शिक्षा नीति में वर्तमान व्यस्था 10 प्लस 2 पैटर्न को पूरी तरह से बदला जाएगा. वर्तमान व्यवस्था को बदलकर 5+3+3+4 करने पर का मसौदा तैयार किया गया है. यह विभिन्न चरणों- मूलभूत, प्रारंभिक, मध्य और माध्यमिक में पाठ्यचर्या और शैक्षणिक बदलावों का सुझाव देने वाले विकासात्मक दृष्टिकोण पर जोर देता है. राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 योग्यता-आधारित शिक्षा पर केंद्रित है. इसमें सांस्कृतिक जड़ता, इक्विटी और समावेशन, बहुभाषावाद, अनुभवात्मक शिक्षा, पाठ्यक्रम में कला और खेल का एकीकरण, आदि शामिल हैं.

मंत्रालय ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत प्रारंभिक शिक्षा, टीचर एजुकेशन और वयस्क शिक्षा पाठ्यक्रम को बढ़ावा दिया जा रहा है. इस संबंध में डॉ के कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता में एक समिति ने मार्गदर्शन की थी. वहीं, पाठ्यचर्या की रूपरेखा को लेकर शिक्षकों, माता-पिता, छात्रों, शैक्षिक संस्थानों, नव- और गैर-साक्षरों, विषय विशेषज्ञों, विद्वानों, चाइल्डकैअर कर्मियों आदि सहित विभिन्न हितधारकों से सुझाव लिए गए थे. डिजिटल मोड में व्यापक सार्वजनिक परामर्श किए गए.

मंत्रालय ने कहा कि विचार-विमर्श और चर्चा की इस प्रक्रिया में 500 से अधिक जिला स्तरीय परामर्श और विभिन्न मंत्रालयों, धार्मिक समूहों, नागरिक समाज संगठनों के साथ 50 से अधिक मंत्रालयों से परामर्श लिए गए हैं. साथ ही 8000 से अधिक विविध हितधारकों की भागीदारी के साथ गैर-सरकारी संगठनों और विश्वविद्यालयों से परामर्श लिए गए.

ये भी पढ़ें- शिक्षा मंत्रालय बना रहा देश में 15,000 'पीएम श्री' स्कूल स्थापित करने की योजना

मंत्रालय को डिजिटल मोड में मोबाइल ऐप सर्वेक्षण के माध्यम से लगभग 1,50,000 हितधारकों से फीडबैक प्राप्त हुआ है. जबकि, पिछले साल अगस्त में शुरू किए गए नागरिक-केंद्रित सर्वेक्षण में 12,00,000 से अधिक हितधारकों से इनपुट प्राप्त हुए हैं. ईसीसीई, स्कूली शिक्षा, शिक्षक शिक्षा और प्रौढ़ शिक्षा के सभी क्षेत्रों में इनपुट प्राप्त हो रहे हैं. शिक्षा मंत्रालय का कहना कहना है कि प्राप्त सुझावों से पता चला है कि नई शिक्षा नीति की सिफारिशों को सभी क्षेत्रों से समर्थन मिला है.'

(एएनआई)

नई दिल्ली: शिक्षा मंत्रालय ने स्कूली शिक्षा के लिए राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा (एनसीएफ) के मसौदे पर सुझाव आमंत्रित किए हैं. नई शिक्षा नीति का उद्देश्य देश में स्कूली शिक्षा और उच्च शिक्षा को प्रभावशाली बनाना है. समय के साथ इसमें बदलाव किए गए हैं. स्कूली क्षित्रा बच्चों के लिए सबसे महत्वपूर्ण होता है. यह नींव के रूप में काम करती है.

नई शिक्षा नीति में वर्तमान व्यस्था 10 प्लस 2 पैटर्न को पूरी तरह से बदला जाएगा. वर्तमान व्यवस्था को बदलकर 5+3+3+4 करने पर का मसौदा तैयार किया गया है. यह विभिन्न चरणों- मूलभूत, प्रारंभिक, मध्य और माध्यमिक में पाठ्यचर्या और शैक्षणिक बदलावों का सुझाव देने वाले विकासात्मक दृष्टिकोण पर जोर देता है. राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 योग्यता-आधारित शिक्षा पर केंद्रित है. इसमें सांस्कृतिक जड़ता, इक्विटी और समावेशन, बहुभाषावाद, अनुभवात्मक शिक्षा, पाठ्यक्रम में कला और खेल का एकीकरण, आदि शामिल हैं.

मंत्रालय ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत प्रारंभिक शिक्षा, टीचर एजुकेशन और वयस्क शिक्षा पाठ्यक्रम को बढ़ावा दिया जा रहा है. इस संबंध में डॉ के कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता में एक समिति ने मार्गदर्शन की थी. वहीं, पाठ्यचर्या की रूपरेखा को लेकर शिक्षकों, माता-पिता, छात्रों, शैक्षिक संस्थानों, नव- और गैर-साक्षरों, विषय विशेषज्ञों, विद्वानों, चाइल्डकैअर कर्मियों आदि सहित विभिन्न हितधारकों से सुझाव लिए गए थे. डिजिटल मोड में व्यापक सार्वजनिक परामर्श किए गए.

मंत्रालय ने कहा कि विचार-विमर्श और चर्चा की इस प्रक्रिया में 500 से अधिक जिला स्तरीय परामर्श और विभिन्न मंत्रालयों, धार्मिक समूहों, नागरिक समाज संगठनों के साथ 50 से अधिक मंत्रालयों से परामर्श लिए गए हैं. साथ ही 8000 से अधिक विविध हितधारकों की भागीदारी के साथ गैर-सरकारी संगठनों और विश्वविद्यालयों से परामर्श लिए गए.

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मंत्रालय को डिजिटल मोड में मोबाइल ऐप सर्वेक्षण के माध्यम से लगभग 1,50,000 हितधारकों से फीडबैक प्राप्त हुआ है. जबकि, पिछले साल अगस्त में शुरू किए गए नागरिक-केंद्रित सर्वेक्षण में 12,00,000 से अधिक हितधारकों से इनपुट प्राप्त हुए हैं. ईसीसीई, स्कूली शिक्षा, शिक्षक शिक्षा और प्रौढ़ शिक्षा के सभी क्षेत्रों में इनपुट प्राप्त हो रहे हैं. शिक्षा मंत्रालय का कहना कहना है कि प्राप्त सुझावों से पता चला है कि नई शिक्षा नीति की सिफारिशों को सभी क्षेत्रों से समर्थन मिला है.'

(एएनआई)

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