जयपुर : प्रदेश के यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने हाल ही में अपने एक बयान में कहा था कि 'क्या बुद्धि का ठेका ब्राह्मणों ने ले रखा है, जबकि कोटा के कोचिंग इंस्टिट्यूट से सफल होकर निकलने वालाें में वैश्य समाज के बच्चे ज्यादा हैं.' इस बयान के बाद ब्राह्मण संगठनों ने धारीवाल का जमकर विरोध किया.
वहीं सोमवार को विप्र सेना के प्रतिनिधि धारीवाल के आवास पर भी जा पहुंचे. यहां उनसे वार्ता के बाद धारीवाल ने कहा कि उनके और उनके दोस्त के बीच कोटा में बातचीत हो रही थी. उनकी ऐसी कोई भावना नहीं थी. खासकर ब्राह्मण समाज के लिए तो कभी बोल ही नहीं सकते, क्योंकि ब्राह्मण समाज को तो गाइड करने वाला समाज माना है. यदि कोई ये फैलाता है कि ब्राह्मण समाज का उन्होंने अपमान किया है तो ये बिल्कुल गलत है.
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उन्होंने कहा कि यदि किसी को उनके बयान से आहत पहुंची है, तो उसके लिए क्षमा प्रार्थी भी हैं. इससे पहले राजनीतिक गलियारों में भी धारीवाल के बयान पर चर्चाएं छिड़ीं. हालांकि, पार्टी के कद्दावर नेता धारीवाल को डिफेंड करते हुए दिखे थे, लेकिन अब धारीवाल ने विप्र सेना के सामने अपने बयान पर क्षमा मांगी है.