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मिलिंद के जाने से पार्टी या महा विकास अघाड़ी पर नहीं पड़ेगा कोई प्रभाव: कांग्रेस - कांग्रेस पार्टी

Congress Party, Lok Sabha Elections 2024, कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता मिलिंद देवड़ा कांग्रेस का दामन छोड़ एकनाथ शिंदे गुट की शिवसेना में शामिल हो गए हैं. अब इसे लेकर कांग्रेस का कहना है कि उनके पार्टी से निकलने के बाद कांग्रेस या महा विकास अघाड़ी पर न्यूनतम असर पड़ेगा.

Milind Deora joins Shiv Sena
मिलिंद देवड़ा शिवसेना में शामिल
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 15, 2024, 5:49 PM IST

नई दिल्ली: कांग्रेस पार्टी ने सोमवार को कहा कि वरिष्ठ नेता मिलिंद देवड़ा के जाने से सबसे पुरानी पार्टी या महा विकास अघाड़ी पर न्यूनतम चुनावी प्रभाव पड़ेगा, जो आगामी लोकसभा सीटों पर मिलकर चुनाव लड़ेंगे. एआईसीसी के महाराष्ट्र प्रभारी सचिव आशीष दुआ ने ईटीवी भारत को बताया कि देवड़ा के जाने से महाराष्ट्र में कांग्रेस या महा विकास अघाड़ी पर न्यूनतम प्रभाव पड़ेगा.

दुआ ने कहा कि उन्होंने राजनीतिक नफा-नुकसान का हिसाब-किताब करने के बाद यह फैसला लिया. कांग्रेस के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, देवड़ा दो बार से मुंबई दक्षिण संसदीय सीट पर शिवसेना यूबीटी के अरविंद सावंत से हार रहे थे और 2024 में इस पर उनका कोई दावा नहीं था. अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि इसके अलावा, कांग्रेस के पास उन्हें राज्यसभा में भेजने के लिए राज्य विधानसभा में पर्याप्त संख्याबल नहीं था.

पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने आगे कहा कि देवड़ा के असंतोष के बारे में पिछले महीनों में आलाकमान को पता चल गया था और इसलिए उन्हें हाल ही में पार्टी प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा संयुक्त एआईसीसी कोषाध्यक्ष बनाया गया था. एआईसीसी पदाधिकारी ने कहा कि सार्वजनिक चर्चा में देवड़ा के जाने को कांग्रेस के लिए एक बड़े नुकसान के रूप में पेश किया जा रहा है, लेकिन पूर्व बसपा सांसद दानिश अली के 14 जनवरी को मणिपुर में राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा में शामिल होने की सराहना नहीं की जा रही है.

कांग्रेस के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, एमवीए एक साथ मिलकर काम कर रहा था और आगामी संसदीय चुनाव एक साथ लड़ने पर व्यापक समझ थी. दुआ ने कहा कि 'एआईसीसी महासचिव प्रभारी रमेश चेन्निथला ने कहा है कि महाराष्ट्र पहला राज्य होगा, जहां I.N.D.I.A. गठबंधन द्वारा सीट बंटवारे की घोषणा की जाएगी. हालांकि सीट-बंटवारे की बातचीत अंतिम नहीं है, जल्द ही एक फॉर्मूले की घोषणा की जाएगी.'

एआईसीसी पदाधिकारी के अनुसार, एमवीए ने आगामी लोकसभा चुनावों की तैयारी पहले ही शुरू कर दी है और स्थानीय नेताओं के बीच बेहतर समन्वय सुनिश्चित करने और वोटों का रूपांतरण सुनिश्चित करने के लिए जल्द ही सभी 48 संसदीय सीटों पर समन्वय पैनल तैनात करेगा. दुआ ने कहा कि 'तीनों पार्टियां पहली बार एक साथ चुनाव लड़ रही हैं. नेता एक-दूसरे से परिचित हैं, लेकिन कार्यकर्ताओं को भी एकमत होना चाहिए.'

दुआ ने आगे कहा कि 'इन सीट-वार समन्वय पैनलों में तीनों दलों के नेता होंगे और गठबंधन की सफलता के लिए काम करेंगे. ये पैनल समर्थन जुटाने के लिए स्थानीय समुदाय के नेताओं के साथ भी संपर्क में रहेंगे. जहां कांग्रेस यह सुनिश्चित कर रही है कि गठबंधन सुचारू रूप से चले, वहीं कांग्रेस, पार्टी संगठन को मजबूत करने पर भी ध्यान केंद्रित कर रही है. दुआ ने कहा कि 'नए प्रभारी महासचिव ने 11 और 12 जनवरी को राज्य के वरिष्ठ नेताओं के साथ लोकसभा चुनाव की समीक्षा की और अब वह संभागवार संगठन समीक्षा बैठकें करने के लिए राज्य भर में यात्रा करेंगे.

अनुमान के मुताबिक, कांग्रेस के पास महाराष्ट्र में लगभग 19 प्रतिशत वोट शेयर है, लेकिन दोनों सहयोगी दलों शिव सेना यूबीटी और एनसीपी ने पिछले वर्षों में हुए विभाजन के कारण अपने वोट शेयर का कुछ हिस्सा खो दिया है. दुआ ने आगे कहा कि 'राज्य में गठबंधन सहयोगियों की मदद के लिए कांग्रेस को खुद को मजबूत करना होगा. इसलिए, हम अपना काम कर रहे हैं और जहां भी संभव हो सहयोगियों के साथ सहयोग भी कर रहे हैं.'

नई दिल्ली: कांग्रेस पार्टी ने सोमवार को कहा कि वरिष्ठ नेता मिलिंद देवड़ा के जाने से सबसे पुरानी पार्टी या महा विकास अघाड़ी पर न्यूनतम चुनावी प्रभाव पड़ेगा, जो आगामी लोकसभा सीटों पर मिलकर चुनाव लड़ेंगे. एआईसीसी के महाराष्ट्र प्रभारी सचिव आशीष दुआ ने ईटीवी भारत को बताया कि देवड़ा के जाने से महाराष्ट्र में कांग्रेस या महा विकास अघाड़ी पर न्यूनतम प्रभाव पड़ेगा.

दुआ ने कहा कि उन्होंने राजनीतिक नफा-नुकसान का हिसाब-किताब करने के बाद यह फैसला लिया. कांग्रेस के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, देवड़ा दो बार से मुंबई दक्षिण संसदीय सीट पर शिवसेना यूबीटी के अरविंद सावंत से हार रहे थे और 2024 में इस पर उनका कोई दावा नहीं था. अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि इसके अलावा, कांग्रेस के पास उन्हें राज्यसभा में भेजने के लिए राज्य विधानसभा में पर्याप्त संख्याबल नहीं था.

पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने आगे कहा कि देवड़ा के असंतोष के बारे में पिछले महीनों में आलाकमान को पता चल गया था और इसलिए उन्हें हाल ही में पार्टी प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा संयुक्त एआईसीसी कोषाध्यक्ष बनाया गया था. एआईसीसी पदाधिकारी ने कहा कि सार्वजनिक चर्चा में देवड़ा के जाने को कांग्रेस के लिए एक बड़े नुकसान के रूप में पेश किया जा रहा है, लेकिन पूर्व बसपा सांसद दानिश अली के 14 जनवरी को मणिपुर में राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा में शामिल होने की सराहना नहीं की जा रही है.

कांग्रेस के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, एमवीए एक साथ मिलकर काम कर रहा था और आगामी संसदीय चुनाव एक साथ लड़ने पर व्यापक समझ थी. दुआ ने कहा कि 'एआईसीसी महासचिव प्रभारी रमेश चेन्निथला ने कहा है कि महाराष्ट्र पहला राज्य होगा, जहां I.N.D.I.A. गठबंधन द्वारा सीट बंटवारे की घोषणा की जाएगी. हालांकि सीट-बंटवारे की बातचीत अंतिम नहीं है, जल्द ही एक फॉर्मूले की घोषणा की जाएगी.'

एआईसीसी पदाधिकारी के अनुसार, एमवीए ने आगामी लोकसभा चुनावों की तैयारी पहले ही शुरू कर दी है और स्थानीय नेताओं के बीच बेहतर समन्वय सुनिश्चित करने और वोटों का रूपांतरण सुनिश्चित करने के लिए जल्द ही सभी 48 संसदीय सीटों पर समन्वय पैनल तैनात करेगा. दुआ ने कहा कि 'तीनों पार्टियां पहली बार एक साथ चुनाव लड़ रही हैं. नेता एक-दूसरे से परिचित हैं, लेकिन कार्यकर्ताओं को भी एकमत होना चाहिए.'

दुआ ने आगे कहा कि 'इन सीट-वार समन्वय पैनलों में तीनों दलों के नेता होंगे और गठबंधन की सफलता के लिए काम करेंगे. ये पैनल समर्थन जुटाने के लिए स्थानीय समुदाय के नेताओं के साथ भी संपर्क में रहेंगे. जहां कांग्रेस यह सुनिश्चित कर रही है कि गठबंधन सुचारू रूप से चले, वहीं कांग्रेस, पार्टी संगठन को मजबूत करने पर भी ध्यान केंद्रित कर रही है. दुआ ने कहा कि 'नए प्रभारी महासचिव ने 11 और 12 जनवरी को राज्य के वरिष्ठ नेताओं के साथ लोकसभा चुनाव की समीक्षा की और अब वह संभागवार संगठन समीक्षा बैठकें करने के लिए राज्य भर में यात्रा करेंगे.

अनुमान के मुताबिक, कांग्रेस के पास महाराष्ट्र में लगभग 19 प्रतिशत वोट शेयर है, लेकिन दोनों सहयोगी दलों शिव सेना यूबीटी और एनसीपी ने पिछले वर्षों में हुए विभाजन के कारण अपने वोट शेयर का कुछ हिस्सा खो दिया है. दुआ ने आगे कहा कि 'राज्य में गठबंधन सहयोगियों की मदद के लिए कांग्रेस को खुद को मजबूत करना होगा. इसलिए, हम अपना काम कर रहे हैं और जहां भी संभव हो सहयोगियों के साथ सहयोग भी कर रहे हैं.'

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