नई दिल्ली : दिल्ली के केशवपुरम और वजीरपुर औद्योगिक क्षेत्र से भी बड़ी संख्या में मजदूर अपने प्रदेशों को लौट रहे हैं. हैरानी की बात यह है कि बसों के संचालक इन मजदूरों को लेकर बेहद असंवेदनशील हैं. नॉर्थ दिल्ली के केशवपुरम इलाके में ऐसी एक बस की पड़ताल ईटीवी भारत ने की, जिसमें क्षमता से कहीं ज्यादा लोगों को भरकर उत्तर प्रदेश ले जाया जा रहा था.
बसों में सवार होने वालों में हर उम्र वर्ग के लोग शामिल थे. आस-पास के लोगों से बातचीत करने पर जानकारी मिली कि केशवपुरम और वजीरपुर क्षेत्र से प्रतिदिन इस तरह की प्राइवेट बसें उत्तर प्रदेश और बिहार के लिए खुलती हैं. सभी बसों में क्षमता से ज्यादा लोगों को ठूंसकर बिठाया जाता है. ऐसा बस संचालक ज्यादा आमदनी के लिए करते हैं.
लेकिन आपदा को अवसर में बदलकर ज्यादा कमाई करने की लालच में बस संचालक कोरोना जैसी जानलेवा बीमारी को आमंत्रण दे रहे हैं. इन बसों को न तो सैनिटाइज किया जाता है और न ही प्रशासन इनकी जांच करता है.
ईटीवी भारत के कैमरे पर बातचीत करने से बस ड्राइवर और कंडक्टर ने इनकार कर दिया और तुरंत बस लेकर निकल गए लेकिन आसपास के लोगों ने बताया कि प्रवासी मजदूर अपने घरों को वापस जाने के लिए दुगना किराया देकर इन बसों में सवार होते हैं.
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दिल्ली में लॉकडाउन बेशक एक हफ्ते का लगा हो लेकिन मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए प्रवासी मजदूरों को चिंता है कि एक बार फिर पिछले साल वाले हालात पैदा हो सकते हैं. लॉकडाउन बढ़ सकता है इसलिए लोग वापस अपने घरों को जा रहे हैं. :