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कश्मीर : प्रवासी मजदूरों में भय का माहाैल, पलायन काे मजबूर

कश्मीर के कुलगाम जिले में संदिग्ध आतंकवादियों द्वारा दो गैर-स्थानीय मजदूरों की हत्या के एक दिन बाद सोमवार को सैकड़ों प्रवासी मजदूर इस क्षेत्र को छोड़कर जम्मू पहुंच गए.

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Published : Oct 18, 2021, 8:35 PM IST

Updated : Oct 18, 2021, 10:30 PM IST

जम्मू : प्रवासी मजदूरों ने कहा कि वे अपनी जान बचाने के लिए इस क्षेत्र से भाग गए क्योंकि आतंकवादी उन्हें निशाना बना रहे थे.

कुलगाम जिले के वानपोह इलाके में रविवार शाम बिहार के तीन मजदूरों को उग्रवादियों ने गोली मार दी, जिसमें दो की मौत हो गई और एक अन्य मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गया.

इससे ठीक एक दिन पहले, दो और दिहाड़ी मजदूर - उत्तर प्रदेश के एक बढ़ई और एक गोलगप्पा विक्रेता - क्रमशः पुलवामा और श्रीनगर क्षेत्र में मारे गए थे.

गैर-स्थानीय मजदूरों की हत्याओं ने हर साल कश्मीर आने वाले हजारों मजदूरों में भय पैदा कर दिया है, जिससे उनमें से कई को घाटी छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा है.

प्रवासी मजदूरों में भय का माहाैल, पलायन काे मजबूर

तीन सप्ताह से भी कम समय में कम से कम एक दर्जन नागरिक आतंकवादियों द्वारा मारे गए हैं. मारे गए लोगों में एक प्रमुख फार्मासिस्ट एमएल बिंदू और दो स्कूल शिक्षक, एक महिला सिख शिक्षक और एक पंडित प्रिंसिपल शामिल हैं. सोमवार को दर्जनों मजदूर श्रीनगर से जम्मू जाने वाली कैब में अपना सामान लेकर भाग गए और जम्मू रेलवे स्टेशन व बस अड्डे पर पहुंच गए.

मजदूरों ने कहा कि वे कश्मीर में असुरक्षित महसूस करते हैं और महसूस करते हैं कि अगर वे नहीं छोड़ते हैं तो शायद उन्हें भी उग्रवादियों द्वारा निशाना बनाया जा सकता है.

जम्मू रेलवे स्टेशन पर एक मजदूर ने कहा कि आतंकवादी गरीब मजदूरों की हत्या कर रहे हैं. हम छत्तीसगढ़ में अपने गांव वापस जाना चाहते हैं.

इसे भी पढ़ें : जम्मू-कश्मीर : बिहार के दो मजदूर टारगेट किलिंग के शिकार, आतंकियों ने की हत्या

जम्मू : प्रवासी मजदूरों ने कहा कि वे अपनी जान बचाने के लिए इस क्षेत्र से भाग गए क्योंकि आतंकवादी उन्हें निशाना बना रहे थे.

कुलगाम जिले के वानपोह इलाके में रविवार शाम बिहार के तीन मजदूरों को उग्रवादियों ने गोली मार दी, जिसमें दो की मौत हो गई और एक अन्य मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गया.

इससे ठीक एक दिन पहले, दो और दिहाड़ी मजदूर - उत्तर प्रदेश के एक बढ़ई और एक गोलगप्पा विक्रेता - क्रमशः पुलवामा और श्रीनगर क्षेत्र में मारे गए थे.

गैर-स्थानीय मजदूरों की हत्याओं ने हर साल कश्मीर आने वाले हजारों मजदूरों में भय पैदा कर दिया है, जिससे उनमें से कई को घाटी छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा है.

प्रवासी मजदूरों में भय का माहाैल, पलायन काे मजबूर

तीन सप्ताह से भी कम समय में कम से कम एक दर्जन नागरिक आतंकवादियों द्वारा मारे गए हैं. मारे गए लोगों में एक प्रमुख फार्मासिस्ट एमएल बिंदू और दो स्कूल शिक्षक, एक महिला सिख शिक्षक और एक पंडित प्रिंसिपल शामिल हैं. सोमवार को दर्जनों मजदूर श्रीनगर से जम्मू जाने वाली कैब में अपना सामान लेकर भाग गए और जम्मू रेलवे स्टेशन व बस अड्डे पर पहुंच गए.

मजदूरों ने कहा कि वे कश्मीर में असुरक्षित महसूस करते हैं और महसूस करते हैं कि अगर वे नहीं छोड़ते हैं तो शायद उन्हें भी उग्रवादियों द्वारा निशाना बनाया जा सकता है.

जम्मू रेलवे स्टेशन पर एक मजदूर ने कहा कि आतंकवादी गरीब मजदूरों की हत्या कर रहे हैं. हम छत्तीसगढ़ में अपने गांव वापस जाना चाहते हैं.

इसे भी पढ़ें : जम्मू-कश्मीर : बिहार के दो मजदूर टारगेट किलिंग के शिकार, आतंकियों ने की हत्या

Last Updated : Oct 18, 2021, 10:30 PM IST
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