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रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण लद्दाख में कनेक्टिविटी मजबूत करेगा गृह मंत्रालय

भारत के रक्षा दृष्टिकोण से लद्दाख (strategically important Ladakh) के रणनीतिक महत्व को देखते हुए गृह मंत्रालय (Ministry of home affairs) ने नागरिक उड्डयन मंत्रालय के साथ-साथ रेल मंत्रालय को काम में तेजी लाने के लिए कहा है. ताकि इस हिमालयी क्षेत्र से रेल व हवाई कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने की प्रक्रिया तेज हो सके. ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता गौतम देबरॉय की रिपोर्ट.

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लद्दाख
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Published : Apr 13, 2022, 8:44 PM IST

नई दिल्ली: गृह मंत्रालय (Ministry of home affairs) ने दो अन्य केंद्रीय मंत्रालयों के प्रतिनिधियों के साथ विस्तृत बैठक की है. जिसमें लद्दाख में कनेक्टिविटी प्रयासों की दिशा में वर्तमान स्थिति की समीक्षा की गई. बैठक की जानकारी रखने वाले गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ईटीवी भारत को बताया कि रेल मंत्रालय ने बताया कि हिमाचल प्रदेश से लद्दाख को रेल संपर्क से जोड़ने के लिए कार्य चल रहा है. इसके लिए 498 किलोमीटर बिलासपुर-लेह रेलवे लाइन के निर्माण के लिए सर्वेक्षण और डीपीआर तैयार करने का काम चल रहा है.

क्यों पड़ी जरुरत: बहुत जरूरी रेलवे परियोजना का महत्व अब और अधिक महसूस किया जा रहा है, क्योंकि चीन ने भारतीय सीमा के करीब अपने रेल और सड़क के बुनियादी ढांचे का विस्तार किया है. इसी तरह भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण की सिफारिश पर लद्दाख के यूटी प्रशासन ने अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (आईसीएओ) से कारगिल हवाई अड्डे से वाणिज्यिक उड़ानों का व्यवहार्यता अध्ययन करने का अनुरोध किया है.

हवाई संपर्क बढ़ेगा: गृह मंत्रालय के अधिकारी ने कहा कि यूटी लद्दाख प्रशासन ने आईसीएओ को परामर्श शुल्क का भुगतान किया है. लद्दाख में सब्सिडी वाली हेलीकॉप्टर सेवाओं के संचालन के लिए भी बजट पेश किया गया है. फिलहाल प्रशासन लद्दाख के विभिन्न सेक्टरों और कारगिल से श्रीनगर और जम्मू तक दो पवन हंस हेलीकॉप्टर बी3 और एमआई-172 का संचालन कर रहा है. कारगिल के लिए नियमित वाणिज्यिक उड़ानों द्वारा हवाई संपर्क की लंबे समय से आवश्यकता महसूस की जा रही है.

सुरक्षाबलों को फायदा: अधिकारी ने कहा कि यहां 6000 फीट के रनवे के साथ एक हवाई अड्डा है. हालांकि, बड़े आकार के विमानों की लैंडिंग में तकनीकी समस्याएं है. अधिकारी ने आगे कहा कि लेह और कारगिल के विभिन्न स्थानों पर लगभग 40 हेलीपैड का निर्माण किया जा रहा है. गृह मंत्रालय के अधिकारी ने कहा कि ये नए हवाई संपर्क न केवल पर्यटन को बढ़ावा देंगे बल्कि प्राकृतिक आपदा के दौरान राहत की त्वरित डिलीवरी सुनिश्चित करने के अलावा भारत के सशस्त्र बलों के लिए भी फायदेमंद होगा.

यह भी पढ़ें- लद्दाख में निर्माणाधीन पुल ढहा, चार कर्मियों के शव बरामद

सुरंग बनाई जा रही: जहां तक ​​लद्दाख से सड़क संपर्क का संबंध है तो श्रीनगर-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग पर 14.50 किलोमीटर की जोजिला सुरंग का निर्माण सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (एमओआरटीएच) द्वारा एनएचआईडीसीएल के माध्यम से किया जा रहा है. श्रीनगर से लद्दाख तक पूरे वर्ष के लिए यह काम करेगा. जोजिला को चार लेन की सुरंग बनाने के लिए प्रस्तावित सर्विस टनल को एक अतिरिक्त पूर्ण सुरंग में बदलने के लिए लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन द्वारा MoRTH को नया प्रस्ताव भी भेजा गया है. इसके अलावा MoRTH से हिमस्खलन सुरक्षा के लिए संरचनाओं के निर्माण पर विचार करने का भी अनुरोध किया गया है.

नई दिल्ली: गृह मंत्रालय (Ministry of home affairs) ने दो अन्य केंद्रीय मंत्रालयों के प्रतिनिधियों के साथ विस्तृत बैठक की है. जिसमें लद्दाख में कनेक्टिविटी प्रयासों की दिशा में वर्तमान स्थिति की समीक्षा की गई. बैठक की जानकारी रखने वाले गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ईटीवी भारत को बताया कि रेल मंत्रालय ने बताया कि हिमाचल प्रदेश से लद्दाख को रेल संपर्क से जोड़ने के लिए कार्य चल रहा है. इसके लिए 498 किलोमीटर बिलासपुर-लेह रेलवे लाइन के निर्माण के लिए सर्वेक्षण और डीपीआर तैयार करने का काम चल रहा है.

क्यों पड़ी जरुरत: बहुत जरूरी रेलवे परियोजना का महत्व अब और अधिक महसूस किया जा रहा है, क्योंकि चीन ने भारतीय सीमा के करीब अपने रेल और सड़क के बुनियादी ढांचे का विस्तार किया है. इसी तरह भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण की सिफारिश पर लद्दाख के यूटी प्रशासन ने अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (आईसीएओ) से कारगिल हवाई अड्डे से वाणिज्यिक उड़ानों का व्यवहार्यता अध्ययन करने का अनुरोध किया है.

हवाई संपर्क बढ़ेगा: गृह मंत्रालय के अधिकारी ने कहा कि यूटी लद्दाख प्रशासन ने आईसीएओ को परामर्श शुल्क का भुगतान किया है. लद्दाख में सब्सिडी वाली हेलीकॉप्टर सेवाओं के संचालन के लिए भी बजट पेश किया गया है. फिलहाल प्रशासन लद्दाख के विभिन्न सेक्टरों और कारगिल से श्रीनगर और जम्मू तक दो पवन हंस हेलीकॉप्टर बी3 और एमआई-172 का संचालन कर रहा है. कारगिल के लिए नियमित वाणिज्यिक उड़ानों द्वारा हवाई संपर्क की लंबे समय से आवश्यकता महसूस की जा रही है.

सुरक्षाबलों को फायदा: अधिकारी ने कहा कि यहां 6000 फीट के रनवे के साथ एक हवाई अड्डा है. हालांकि, बड़े आकार के विमानों की लैंडिंग में तकनीकी समस्याएं है. अधिकारी ने आगे कहा कि लेह और कारगिल के विभिन्न स्थानों पर लगभग 40 हेलीपैड का निर्माण किया जा रहा है. गृह मंत्रालय के अधिकारी ने कहा कि ये नए हवाई संपर्क न केवल पर्यटन को बढ़ावा देंगे बल्कि प्राकृतिक आपदा के दौरान राहत की त्वरित डिलीवरी सुनिश्चित करने के अलावा भारत के सशस्त्र बलों के लिए भी फायदेमंद होगा.

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सुरंग बनाई जा रही: जहां तक ​​लद्दाख से सड़क संपर्क का संबंध है तो श्रीनगर-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग पर 14.50 किलोमीटर की जोजिला सुरंग का निर्माण सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (एमओआरटीएच) द्वारा एनएचआईडीसीएल के माध्यम से किया जा रहा है. श्रीनगर से लद्दाख तक पूरे वर्ष के लिए यह काम करेगा. जोजिला को चार लेन की सुरंग बनाने के लिए प्रस्तावित सर्विस टनल को एक अतिरिक्त पूर्ण सुरंग में बदलने के लिए लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन द्वारा MoRTH को नया प्रस्ताव भी भेजा गया है. इसके अलावा MoRTH से हिमस्खलन सुरक्षा के लिए संरचनाओं के निर्माण पर विचार करने का भी अनुरोध किया गया है.

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