ETV Bharat / bharat

साइबर अपराध और यूएवी को लेकर राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन करेगा गृह मंत्रालय

साइबर अपराध और मानव रहित हवाई वाहनों (यूएवी) से संबंधित नवीनतम मुद्दों पर चर्चा करने के लिए गृह मंत्रालय ने राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन करने का फैसला किया है. इस सम्मेलन में 250 से अधिक युवा पुलिस अधीक्षकों के भाग लेने की उम्मीद है.

कॉन्सेप्ट इमेज
कॉन्सेप्ट इमेज
author img

By

Published : Dec 7, 2020, 11:04 PM IST

नई दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्रालय (एमएचए) ने मार्च 2021 में देशभर में युवा पुलिस अधीक्षकों के लिए एक राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजन करने का फैसला किया है. इस सम्मेलन में साइबर अपराध और मानव रहित हवाई वाहनों (यूएवी) से संबंधित नवीनतम मुद्दों के साथ कानून लागू करने वाली एजेंसियों को अपडेट करने पर चर्चा की जाएगी.

यह सम्मेलन ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट (बीपीआरडी) द्वारा आयोजित किया जाएगा. युवा अधीक्षक के लिए आयोजित होने वाले चौथे राष्ट्रीय सम्मेलन में 250 से अधिक युवा एसपी के भाग लेने की संभावना है.

ईटीवी भारत से बात करते हुए वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी और एसपी साइबर अपराध प्रो त्रिवेणी सिंह ने कहा कि डिजिटल प्रौद्योगिकी में निवेश करना समय की आवश्यकता है, इस तरह का कार्यक्रम सर्वोत्तम कार्यों और ज्ञान को साझा करने का सबसे अच्छा मंच है.

सिंह ने आगे कहा कि साइबर अपराध लोगों के दैनिक जीवन पर नजर रख रहा है और हमारे सामने भविष्य में अपराधों के लिए खुद को तैयार करना ही असल चुनौती है, जो अनदेखी और विकसित हो रही हैं.

उन्होंने कहा, हर टेक्नोलॉजी को दो पहलू हैं और यूएवी का भी है. वे अनुसंधान और अध्ययन को लिए बेहद मददगार हैं, लेकिन जासूसी और हमला करने के लिए यह बेहद खतरनाक भी हैं.

सिंह ने कहा कि ड्रोन भविष्य में बड़ी चुनौती बन कर उभरेगा और सभी बलों को इस पर नजर रखने के लिए तैयार रहने की जरूरत है.

सिंह का बयान इस तथ्य को महत्व देता है कि भारत की सीमा रक्षक एजेंसियां सीमा पार से आने वाले ऐसे ड्रोन और यूएवी का पता लगाती रहती हैं.

हाल ही में सीमा सुरक्षा बल (BSF) के सतर्क बलों ने भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा के साथ कई ऐसे ड्रोनों को मार गिराया.

20 जून को बीएसएफ कर्मियों ने जम्मू कश्मीर के कठुआ जिले में एक परिष्कृत राइफल और कुछ हथगोले के साथ लोड किए गए एक पाकिस्तानी ड्रोन को मार गिराया था.

नवंबर में पश्चिमी सीमांतों के साथ ऐसी ही घटनाएं हुईं, जब बीएसएफ के जवानों ने जम्मू जिले में एक ड्रोन देखा, जिसने सुरक्षा बलों पर गोलीबारी की और वापस लौट गया.

पाकिस्तान और चीन जैसे देशों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले ड्रोन भारत के लिए गंभीर चिंता का कारण बन गए हैं.

पढ़ें - सशस्त्र सेना झंडा दिवस: रक्षा मंत्री ने वीर सेनानियों को किया याद

इस मुद्दे पर वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि चीन और पाकिस्तान दोनों के पास ड्रोन बनाने की क्षमता है और वह अराजकता पैदा करने के लिए जल्द ही उनका इस्तेमाल करेंगे.

भारत ने अब तक मुख्य रूप से खुफिया और निगरानी के उद्देश्य के लिए ही ड्रोन का उपयोग किया है.

बीपीआरडी अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रीय स्तर के सेमिनार में नवीनतम संचार उपकरण, निगरानी उपकरण, तटीय सुरक्षा, ड्रोन और एंटी-ड्रोन प्रौद्योगिकियों और साइबर अपराध प्रबंधन पर चर्चा की जाएगी.

कार्यक्रम में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहाकार अजीत डोभाल और गृह सचिव अजय कुमार भल्ला कार्यक्रम में शामिल हो सकते हैं.

नई दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्रालय (एमएचए) ने मार्च 2021 में देशभर में युवा पुलिस अधीक्षकों के लिए एक राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजन करने का फैसला किया है. इस सम्मेलन में साइबर अपराध और मानव रहित हवाई वाहनों (यूएवी) से संबंधित नवीनतम मुद्दों के साथ कानून लागू करने वाली एजेंसियों को अपडेट करने पर चर्चा की जाएगी.

यह सम्मेलन ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट (बीपीआरडी) द्वारा आयोजित किया जाएगा. युवा अधीक्षक के लिए आयोजित होने वाले चौथे राष्ट्रीय सम्मेलन में 250 से अधिक युवा एसपी के भाग लेने की संभावना है.

ईटीवी भारत से बात करते हुए वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी और एसपी साइबर अपराध प्रो त्रिवेणी सिंह ने कहा कि डिजिटल प्रौद्योगिकी में निवेश करना समय की आवश्यकता है, इस तरह का कार्यक्रम सर्वोत्तम कार्यों और ज्ञान को साझा करने का सबसे अच्छा मंच है.

सिंह ने आगे कहा कि साइबर अपराध लोगों के दैनिक जीवन पर नजर रख रहा है और हमारे सामने भविष्य में अपराधों के लिए खुद को तैयार करना ही असल चुनौती है, जो अनदेखी और विकसित हो रही हैं.

उन्होंने कहा, हर टेक्नोलॉजी को दो पहलू हैं और यूएवी का भी है. वे अनुसंधान और अध्ययन को लिए बेहद मददगार हैं, लेकिन जासूसी और हमला करने के लिए यह बेहद खतरनाक भी हैं.

सिंह ने कहा कि ड्रोन भविष्य में बड़ी चुनौती बन कर उभरेगा और सभी बलों को इस पर नजर रखने के लिए तैयार रहने की जरूरत है.

सिंह का बयान इस तथ्य को महत्व देता है कि भारत की सीमा रक्षक एजेंसियां सीमा पार से आने वाले ऐसे ड्रोन और यूएवी का पता लगाती रहती हैं.

हाल ही में सीमा सुरक्षा बल (BSF) के सतर्क बलों ने भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा के साथ कई ऐसे ड्रोनों को मार गिराया.

20 जून को बीएसएफ कर्मियों ने जम्मू कश्मीर के कठुआ जिले में एक परिष्कृत राइफल और कुछ हथगोले के साथ लोड किए गए एक पाकिस्तानी ड्रोन को मार गिराया था.

नवंबर में पश्चिमी सीमांतों के साथ ऐसी ही घटनाएं हुईं, जब बीएसएफ के जवानों ने जम्मू जिले में एक ड्रोन देखा, जिसने सुरक्षा बलों पर गोलीबारी की और वापस लौट गया.

पाकिस्तान और चीन जैसे देशों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले ड्रोन भारत के लिए गंभीर चिंता का कारण बन गए हैं.

पढ़ें - सशस्त्र सेना झंडा दिवस: रक्षा मंत्री ने वीर सेनानियों को किया याद

इस मुद्दे पर वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि चीन और पाकिस्तान दोनों के पास ड्रोन बनाने की क्षमता है और वह अराजकता पैदा करने के लिए जल्द ही उनका इस्तेमाल करेंगे.

भारत ने अब तक मुख्य रूप से खुफिया और निगरानी के उद्देश्य के लिए ही ड्रोन का उपयोग किया है.

बीपीआरडी अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रीय स्तर के सेमिनार में नवीनतम संचार उपकरण, निगरानी उपकरण, तटीय सुरक्षा, ड्रोन और एंटी-ड्रोन प्रौद्योगिकियों और साइबर अपराध प्रबंधन पर चर्चा की जाएगी.

कार्यक्रम में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहाकार अजीत डोभाल और गृह सचिव अजय कुमार भल्ला कार्यक्रम में शामिल हो सकते हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.