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जम्मू कश्मीर टारगेट किलिंग: गृह मंत्रालय का खुफिया एजेंसियों को निर्देश, OGW पर रखें नजर

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Published : Jun 6, 2022, 10:20 PM IST

केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला ने सोमवार को शुक्रवार की बैठक में दी गई सिफारिशों को लागू करने के लिए उठाए गए कदमों का जायजा लिया. इसके साथ ही सभी खुफिया एजेंसियों को भी जम्मू-कश्मीर में रहने वाले संदिग्ध ओवर ग्राउंड वर्कर्स पर कड़ी नजर रखने का निर्देश दिया गया है. पढ़ें, ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता गौतम देवरॉय की ये रिपोर्ट...

गृह मंत्रालय
गृह मंत्रालय

नई दिल्ली : गृह मंत्री अमित शाह द्वारा जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा परिदृश्य की समीक्षा करने के कुछ दिनों बाद, केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला ने सोमवार को शुक्रवार की बैठक में दी गई सिफारिशों को लागू करने के लिए उठाए गए कदमों का जायजा लिया. शाम को नॉर्थ ब्लॉक में हुई बैठक के बारे में गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने ईटीवी भारत को जानकारी दी. उन्होंने बताया कि सभी खुफिया एजेंसियों को भी जम्मू-कश्मीर में रहने वाले संदिग्ध ओवर ग्राउंड वर्कर्स पर कड़ी नजर रखने का निर्देश दिया गया है. पता चला है कि ओवर ग्राउंड वर्कर (OGW) पाकिस्तान स्थित गैर-राज्य वासियों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं.

उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तान समर्थक सहानुभूति रखने वालों का एक वर्ग भी जम्मू-कश्मीर में चल रही टारगेट किलिंग को बढ़ावा दे रहा है. उनका एकमात्र इरादा जम्मू-कश्मीर में कानून-व्यवस्था की स्थिति को अस्थिर करना और एक भय मनोविकृति पैदा करना है.

दिलचस्प बात यह है कि सोमवार की बैठक जिसमें केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के शीर्ष अधिकारियों ने भाग लिया था, खुफिया एजेंसियों ने भी क्षेत्र में सुरक्षा बलों की नई तैनाती के मुद्दे पर चर्चा की. भल्ला ने बैठक की अध्यक्षता करते हुए सभी केंद्रीय एजेंसियों को संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखने को कहा.

गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर में कानून व्यवस्था की स्थिति को लेकर शुक्रवार की बैठक के दौरान गृह मंत्री शाह ने उस प्रवृत्ति पर गंभीर चिंता व्यक्त की, जहां स्थानीय युवा राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल हो रहे हैं. बैठक के बाद, कश्मीर में अल्पसंख्यक समुदाय के कई परिवारों को पहले ही सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया गया है. मई के महीने में पुलिस कांस्टेबल गुलाम हसन डार, राहुल भट, एक कश्मीरी पंडित, रियाज अहमद थोकर, एक पुलिस कांस्टेबल, रजनी बाला, एक शिक्षिका सहित 10 से अधिक लोग मारे गए हैं.

नई दिल्ली : गृह मंत्री अमित शाह द्वारा जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा परिदृश्य की समीक्षा करने के कुछ दिनों बाद, केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला ने सोमवार को शुक्रवार की बैठक में दी गई सिफारिशों को लागू करने के लिए उठाए गए कदमों का जायजा लिया. शाम को नॉर्थ ब्लॉक में हुई बैठक के बारे में गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने ईटीवी भारत को जानकारी दी. उन्होंने बताया कि सभी खुफिया एजेंसियों को भी जम्मू-कश्मीर में रहने वाले संदिग्ध ओवर ग्राउंड वर्कर्स पर कड़ी नजर रखने का निर्देश दिया गया है. पता चला है कि ओवर ग्राउंड वर्कर (OGW) पाकिस्तान स्थित गैर-राज्य वासियों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं.

उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तान समर्थक सहानुभूति रखने वालों का एक वर्ग भी जम्मू-कश्मीर में चल रही टारगेट किलिंग को बढ़ावा दे रहा है. उनका एकमात्र इरादा जम्मू-कश्मीर में कानून-व्यवस्था की स्थिति को अस्थिर करना और एक भय मनोविकृति पैदा करना है.

दिलचस्प बात यह है कि सोमवार की बैठक जिसमें केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के शीर्ष अधिकारियों ने भाग लिया था, खुफिया एजेंसियों ने भी क्षेत्र में सुरक्षा बलों की नई तैनाती के मुद्दे पर चर्चा की. भल्ला ने बैठक की अध्यक्षता करते हुए सभी केंद्रीय एजेंसियों को संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखने को कहा.

गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर में कानून व्यवस्था की स्थिति को लेकर शुक्रवार की बैठक के दौरान गृह मंत्री शाह ने उस प्रवृत्ति पर गंभीर चिंता व्यक्त की, जहां स्थानीय युवा राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल हो रहे हैं. बैठक के बाद, कश्मीर में अल्पसंख्यक समुदाय के कई परिवारों को पहले ही सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया गया है. मई के महीने में पुलिस कांस्टेबल गुलाम हसन डार, राहुल भट, एक कश्मीरी पंडित, रियाज अहमद थोकर, एक पुलिस कांस्टेबल, रजनी बाला, एक शिक्षिका सहित 10 से अधिक लोग मारे गए हैं.

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