नई दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) सुरक्षा एजेंसियों को नवीनतम अत्याधुनिक एंटी ड्रोन गन उपलब्ध कराने को पूरी तरह से तैयार है. गृह मंत्रालय ने हाल ही में एंटी ड्रोन गन पर कार्य कर रहे हितधारकों और फर्मों से 23 अगस्त तक सभी विवरणों के साथ सीमा सुरक्षा बल (BSF) से संपर्क करने का निर्देश दिया है. गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ईटीवी भारत को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि बीएसएफ ने मंत्रालय को एंटी ड्रोन गन के लिए आवश्यक "जरूरी विशेषताओं" पर सुझाव दिया है. गौरतलब है कि अंतरराष्ट्रीय सीमा पर तैनात सुरक्षा बल खासकर बीएसएफ भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर सीमा पार से आने वाले ड्रोन का पता लगा रहे हैं.
मंत्रालय ने एंटी ड्रोन गन के संबंध में गुणात्मक आवश्यकताओं और परीक्षण निर्देशों के मसौदे को जारी करते हुए कहा कि एंटी ड्रोन गन को हाथ से पकड़ने, बैक पैक या दोनों के संयोजन के साथ-साथ तिपाई पर माउंट करने योग्य, आसानी से परिवहन योग्य और दिन-रात के वातावरण में उपयोग के लिए सक्षम होना चाहिए. गृह मंत्रालय ने कहा, "सिस्टम (एंटी ड्रोन गन) को आसानी से तैनात किया जा सकता है और हल्के वजन वाले मानव रहित विमान प्रणाली (Unmanned Aircraft System-UAS) काउंटरमेजर सॉल्यूशन होना चाहिए, जो एक हाथ या दोनों हाथों से ऑपरेटिव, बैक पैक या दोनों के संयोजन के लिए डिजाइन किया गया हो." मसौदे में आगे कहा गया कि ये सिस्टम डेटा लिंक को बाधित कर यूएएस और रिमोट कंट्रोलर के बीच संचार को काटने में सक्षम होना चाहिए. सिस्टम को रेडियो फ्रीक्वेंसी स्टेटस इंडिकेटर भी प्रदान किया जाना चाहिए."
संचालन क्षमता : गृह मंत्रालय के अनुसार, यूएएस को एक जगह से दूसरी जगह बड़े आराम से ले जा सकेगा. Back Pack या हैंड हेल्ड वाले इस ड्रोन्स को एक ही जवान बड़े आराम से ऑपरेट कर सकेगा. यूएएस सिस्टम में ददो तरीके के एंटी ड्रोन सिस्टम होंगे, एक ड्रोन का वजन होगा 10 किलोग्राम. इसके जरिए दो किलोमीटर तक के ड्रोन्स को मारा जा सकेगा. दूसरा एन्टी ड्रोन 6 किलोग्राम का होगा, जिसके जरिए एक किलोमीटर तक के दायरे में किसी भी ड्रोन को मार गिराना आसान होगा. सिस्टम की सबसे खास बात ये कि ये दुश्मन के ड्रोन्स के सिग्नल या फ्रीक्वेंसी को जैम कर देता है, जिससे ड्रोन्स पर काबू पाने में आसानी होती है. बीएसएफ इन ड्रोन्स को उन सभी 112 BoP पर तैनात करेगी, जहां पाकिस्तान से आए दिन ड्रोन्स के जरिए भारतीय सीमा में ड्रोन्स के जरिए हथियारों और ड्रग्स की सप्लाई की जा रही है.
पावर सोर्स और बैकअप : सिस्टम लिथियम आधारित रिचार्जेबल बैटरी पर काम करने करना चाहिए. आपूर्ति की गई बैटरी की तीन साल की वारंटी होनी चाहिए. निरंतर संचालन के लिए बैटरियों में कम से कम एक घंटे का बैकअप होना चाहिए.