छत्रपति संभाजीनगर : मराठा आरक्षण के लिए चल रहे आंदोलन के दौरान बड़े पैमाने पर हिंसा और आगजनी की खबरें सामने आ रही हैं. वहीं, सोमवार शाम को महाराष्ट्र के बीड जिले के कुछ हिस्सों में हालात को देखते हुए कर्फ्यू लगाने की नौबत आ गई. महाराष्ट्र के बीड जिले में सोमवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के विधायक प्रकाश सोलंके के घर के बाहर लोगों ने मराठा आरक्षण की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया. पुलिस ने कहा कि मराठा आरक्षण की मांग को लेकर ताजा हिंसा के बीच उनके आवास में आग लगा दी गई और पथराव भी किया गया.
विधायक का एक ऑडियो क्लिप वायरल होने के बाद एक ग्रुप ने माजलगांव में सोलंकी के घर पर खड़ी एक कार को भी आग लगा दी, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर मराठा आरक्षण आंदोलन के बारे में बात की थी. उन्होंने अनशन कर रहे कोटा कार्यकर्ता मनोज जारांगे पर टिप्पणी की थी. ये स्पष्ट नहीं है कि माजलगांव विधायक, सुबह करीब 11 बजे जब घटना हुई, तब घर के अंदर मौजूद थे या नहीं. प्रकाश सोलंगे, उप-मुख्यमंत्री अजीत पवार के गुट वाली एनसीपी से हैं.
ऑडियो क्लिप में, सोलंके को कथित तौर पर ये कहते सुना गया था कि मुद्दा (आरक्षण की मांग और सरकार को इसके कार्यान्वयन के लिए 24 अक्टूबर तक 40 दिनों का अल्टीमेटम) बच्चों का खेल बन गया है. उन्होंने जारांगे पर स्पष्ट रूप से कटाक्ष करते हुए कहा कि वो व्यक्ति, जिसने ग्राम पंचायत का चुनाव भी नहीं लड़ा, आज एक चतुर व्यक्ति बन गया है.
मराठा समुदाय के सदस्य अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के तहत सरकारी नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. विरोध के दूसरे चरण के तहत जारांगे के 25 अक्टूबर से जालना जिले के अंतरवाली सरती गांव में अनिश्चितकालीन उपवास पर बैठने के बाद आंदोलन तेज हो गया. सोलंके ने एक समाचार चैनल को बताया कि जब ये घटना घटी तब वो माजलगांव में अपने घर पर ही थे.
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उन्होंने कहा कि आंदोलनकारियों ने मेरे घर को चारों तरफ से घेर लिया था और कोई भी कुछ सुनने को तैयार नहीं था. मेरे घर पर पत्थर फेंके गए और गाड़ियों को आग लगा दी गई. मैं मराठा आरक्षण की मांग के साथ खड़ा हूं. मराठा समुदाय की मदद से मैं चार बार चुनाव जीत चुका हूं और मैं एक मराठा विधायक हूं.