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मेट्रो ट्रेन सेवा प्रदूषण स्तर को कम करने के साथ-साथ ईंधन की खपत को भी कम करती है : अध्ययन

भारत भर के विभिन्न शहरों में मेट्रो ट्रेनों के चलने से न केवल प्रदूषण का स्तर कम हुआ है, बल्कि ईंधन की खपत में भी कमी दर्ज की गई है. ईटीवी भारत के गौतम देबरॉय की रिपोर्ट...

मेट्रो ट्रेन सेवा
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Published : Jul 28, 2022, 2:06 PM IST

नई दिल्ली : आवास और शहरी मामलों की संसदीय समिति की एक ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि मेट्रो ट्रेनों के चलने से आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय लाभ हुए हैं. दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन की रिपोर्ट का हवाला देते हुए, आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने संसदीय समिति को बताया है कि द एनर्जी एंड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट द्वारा किए गए मेट्रो अध्ययन ने स्थापित किया है कि दिल्ली मेट्रो रोजाना 4,74,134 वाहनों का भार उठाने में मदद करती है. मंत्रालय ने कहा कि यह यातायात की भीड़, प्रदूषण, यात्रा समय में बचत आदि को कम करता है. रिपोर्ट के मुताबिक, ईंधन की खपत में सालाना 2,33,000 टन से लेकर 7,11,396 टन तक की कमी दर्ज की गई है.

पढ़ें: गुरुवार से मिलेगी बेंगलुरु मेट्रो की सुविधा, जानें समय

अध्ययन 2018-19 में ऊर्जा और संसाधन संस्थान (टेरी) चरण-III मेसर्स द्वारा आयोजित किया गया था. जिसमें दिल्ली मेट्रो के कारण आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय लाभों की पहचान की गई. उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (UPMRCL) ने CSIR- इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टॉक्सिकोलॉजी रिसर्च द्वारा 'लखनऊ शहर की परिवेशी वायु गुणवत्ता का आकलन' के लिए प्री-मानसून 2019 सर्वेक्षण भी किया है. यह पाया गया कि लखनऊ शहर के कुछ हिस्सों में जहां सुविधाजनक मेट्रो प्रणाली है वहां शहर के वायु प्रदूषण पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है.

पढ़ें: टी-शर्ट को लेकर मेट्रो ट्रेन में भिड़े, लड़की ने जड़े थप्पड़ ही थप्पड़

एमओएचयूए ने यूपीएमआरसीएल की रिपोर्ट के हवाले से कहा कि समग्र परिणाम बताते हैं कि निगरानी किए गए सभी मापदंडों में थोड़ी कमी देखी गई, जो मेट्रो रेल के पूर्ण संचालन, सड़क के किनारे के क्षेत्रों की सफाई के कारण हो सकती है. गौरतलब है कि बैंगलोर मेट्रो ने प्रदूषण कम करने पर पर्यावरण के अनुकूल मेट्रो रेल परियोजना के प्रभाव का आकलन करने के लिए हर तिमाही में एक पर्यावरण निगरानी रिपोर्ट तैयार करने के लिए बैंगलोर विश्वविद्यालय को भी नियुक्त किया है.

नई दिल्ली : आवास और शहरी मामलों की संसदीय समिति की एक ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि मेट्रो ट्रेनों के चलने से आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय लाभ हुए हैं. दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन की रिपोर्ट का हवाला देते हुए, आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने संसदीय समिति को बताया है कि द एनर्जी एंड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट द्वारा किए गए मेट्रो अध्ययन ने स्थापित किया है कि दिल्ली मेट्रो रोजाना 4,74,134 वाहनों का भार उठाने में मदद करती है. मंत्रालय ने कहा कि यह यातायात की भीड़, प्रदूषण, यात्रा समय में बचत आदि को कम करता है. रिपोर्ट के मुताबिक, ईंधन की खपत में सालाना 2,33,000 टन से लेकर 7,11,396 टन तक की कमी दर्ज की गई है.

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अध्ययन 2018-19 में ऊर्जा और संसाधन संस्थान (टेरी) चरण-III मेसर्स द्वारा आयोजित किया गया था. जिसमें दिल्ली मेट्रो के कारण आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय लाभों की पहचान की गई. उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (UPMRCL) ने CSIR- इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टॉक्सिकोलॉजी रिसर्च द्वारा 'लखनऊ शहर की परिवेशी वायु गुणवत्ता का आकलन' के लिए प्री-मानसून 2019 सर्वेक्षण भी किया है. यह पाया गया कि लखनऊ शहर के कुछ हिस्सों में जहां सुविधाजनक मेट्रो प्रणाली है वहां शहर के वायु प्रदूषण पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है.

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एमओएचयूए ने यूपीएमआरसीएल की रिपोर्ट के हवाले से कहा कि समग्र परिणाम बताते हैं कि निगरानी किए गए सभी मापदंडों में थोड़ी कमी देखी गई, जो मेट्रो रेल के पूर्ण संचालन, सड़क के किनारे के क्षेत्रों की सफाई के कारण हो सकती है. गौरतलब है कि बैंगलोर मेट्रो ने प्रदूषण कम करने पर पर्यावरण के अनुकूल मेट्रो रेल परियोजना के प्रभाव का आकलन करने के लिए हर तिमाही में एक पर्यावरण निगरानी रिपोर्ट तैयार करने के लिए बैंगलोर विश्वविद्यालय को भी नियुक्त किया है.

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