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सड़कों पर भिखारियों की तरह गुजारते थे जिंदगी, अब थामा एक-दूजे का हाथ

हरियाणा के रोहतक जिले में एक ऐसे कपल एक दूसरे के जीवनसाथी बनें, जिनकी कहानी सुनकर आप भी हैरान हो जाएंगे. इन दोनों ने सड़कों पर लावारिस भिखारियों की जिंदगी गुजारी है और आज ये लोग एक दूसरे के साथ अपना हंसी-खुशी फ्यूचर प्लानिंग कर रहे हैं.

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Published : Jun 24, 2021, 8:25 PM IST

रोहतक : कहते हैं कि स्वर्ग से जोड़ियां बन कर आती हैं. हरियाणा के रोहतक (Rohtak) जिले में एक ऐसा ही उदाहरण देखने को मिला. ये कहानी इतनी मैजिकल है कि जिस पर आप को यकीन ही नहीं होगा. रोहतक के अनाथ आश्रम में रहने वाले कविता और जतिन की कहानी जितनी अविश्वसनीय है उतनी ही रोचक है.

रोहतक जिले में जनसेवा संस्थान केंद्र (Jan Seva Kendra, Rohtak) है. जहां पांच साल पहले कविता और जतिन को लावारिस हालत में लाया गया था. दोनों मानसिक रूप सें कमजोर थे, दोनों ही अपनी पिछली जिंदगी भूल चुके हैं. इन्हें बस अपना नाम याद है. कविता की हालत इतनी खराब थी कि वो खुद पर नियंत्रण भी नहीं रख पाती थी, वो लोगों पर पत्थर उठा कर मारती थी.

थामा एक-दूजे का हाथ

बेहद बुरी हालत में आश्रम पहुंचे थे दोनों

समाजिक संस्था के संचालक डॉ. परमानंद महामंडलेश्वर का कहना है कि उनकी हालत काफी खराब थी. वो सड़कों पर रहते थे. आते-जाते शरारती लोग उन्हें परेशान करते थे. कुड़े से उठाकर खाना खाते थे. वहीं जतिन तो काफी घायल था. उसे अपने नाम के सिवा कुछ याद नहीं था.

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शादी के बाद लगाया पौधा.

समाजिक संस्था ने किया इलाज

जनसेवा संस्थान केंद्र में दोनों का लंबा इलाज चला. कुछ दिनों बाद इनकी मानसिक स्थिति सुधरने लगी. पिछले कुछ सालों में ये दोनों आश्रम का काम काज करने लगे. आश्रम प्रबंधन ने दोनों की हालत सुधरते देख इनकी शादी पर विचार किया. दोनों की मानसिक स्थिति को लेकर डॉक्टर से भी सलाह ली गई. जिसके बाद इनकी शादी करवाने पर फैसला लिया गया.

गुरुवार को हुई दोनों की शादी

गुरुवार को दोनों शादी के बंधन में बंध गए. हिंदू रिती रिवाज के अनुसार इन्होंने अग्नि को साक्षी मानकर सारी जिंदगी साथ निभाने के लिए सात वचन लिए. हालांकि, दोनों को अपने अतीत के बारे में कुछ भी याद नहीं है, लेकिन अब ये दोनों एक साथ अपने भविष्य की प्लानिंग कर रहे हैं.

ये पढ़ें- पीएम मोदी जम्मू-कश्मीर के 14 नेताओं से मिले, कहा- खत्म हो 'दिल्ली और दिल' की दूरी

रोहतक : कहते हैं कि स्वर्ग से जोड़ियां बन कर आती हैं. हरियाणा के रोहतक (Rohtak) जिले में एक ऐसा ही उदाहरण देखने को मिला. ये कहानी इतनी मैजिकल है कि जिस पर आप को यकीन ही नहीं होगा. रोहतक के अनाथ आश्रम में रहने वाले कविता और जतिन की कहानी जितनी अविश्वसनीय है उतनी ही रोचक है.

रोहतक जिले में जनसेवा संस्थान केंद्र (Jan Seva Kendra, Rohtak) है. जहां पांच साल पहले कविता और जतिन को लावारिस हालत में लाया गया था. दोनों मानसिक रूप सें कमजोर थे, दोनों ही अपनी पिछली जिंदगी भूल चुके हैं. इन्हें बस अपना नाम याद है. कविता की हालत इतनी खराब थी कि वो खुद पर नियंत्रण भी नहीं रख पाती थी, वो लोगों पर पत्थर उठा कर मारती थी.

थामा एक-दूजे का हाथ

बेहद बुरी हालत में आश्रम पहुंचे थे दोनों

समाजिक संस्था के संचालक डॉ. परमानंद महामंडलेश्वर का कहना है कि उनकी हालत काफी खराब थी. वो सड़कों पर रहते थे. आते-जाते शरारती लोग उन्हें परेशान करते थे. कुड़े से उठाकर खाना खाते थे. वहीं जतिन तो काफी घायल था. उसे अपने नाम के सिवा कुछ याद नहीं था.

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शादी के बाद लगाया पौधा.

समाजिक संस्था ने किया इलाज

जनसेवा संस्थान केंद्र में दोनों का लंबा इलाज चला. कुछ दिनों बाद इनकी मानसिक स्थिति सुधरने लगी. पिछले कुछ सालों में ये दोनों आश्रम का काम काज करने लगे. आश्रम प्रबंधन ने दोनों की हालत सुधरते देख इनकी शादी पर विचार किया. दोनों की मानसिक स्थिति को लेकर डॉक्टर से भी सलाह ली गई. जिसके बाद इनकी शादी करवाने पर फैसला लिया गया.

गुरुवार को हुई दोनों की शादी

गुरुवार को दोनों शादी के बंधन में बंध गए. हिंदू रिती रिवाज के अनुसार इन्होंने अग्नि को साक्षी मानकर सारी जिंदगी साथ निभाने के लिए सात वचन लिए. हालांकि, दोनों को अपने अतीत के बारे में कुछ भी याद नहीं है, लेकिन अब ये दोनों एक साथ अपने भविष्य की प्लानिंग कर रहे हैं.

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