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'मेकेदातु परियोजना से तमिलनाडु पर नहीं पड़ेगा कोई प्रभाव'

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Published : Jul 16, 2021, 11:02 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से दिल्ली में बैठक से पहले कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा ने कहा, मेकेदातु परियोजना किसी भी तरह से तमिलनाडु को प्रभावित नहीं करेगी और यह परियोजना निश्चित रूप से अस्तित्व में आएगी. उन्होंने कहा, मैं सभी के साथ मेकेदातु परियोजना पर चर्चा करूंगा और हम इसे पूरा करने के लिए ईमानदारी से प्रयास करेंगे.

येदियुरप्पा
येदियुरप्पा

नई दिल्ली/बेंगलुरु : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) और गृह मंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) से दिल्ली में बैठक (meeting in Delhi) से पहले कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा (Karnataka Chief Minister BS Yediyurappa) ने शुक्रवार को कहा कि मेकेदातु परियोजना किसी भी तरह से तमिलनाडु को प्रभावित नहीं करेगी और यह परियोजना निश्चित रूप से अस्तित्व में आएगी.

येदियुरप्पा ने दिल्ली में संवाददाताओं से कहा, मैंने पहले ही उनसे (तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन) अपील की है और उन्हें एक पत्र लिखा है कि मेकेदातु पेयजल परियोजना के चालू होने से तमिलनाडु पर कोई असर नहीं पड़ेगा.

उन्होंने कहा कि वह शाम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलेंगे और शनिवार को शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और कर्नाटक से नए केंद्रीय मंत्रियों सहित अन्य मंत्रियों से मुलाकात करेंगे.

उन्होंने कहा, मैं सभी के साथ मेकेदातु परियोजना पर चर्चा करूंगा और हम इसे पूरा करने के लिए ईमानदारी से प्रयास करेंगे. उन्होंने कर्नाटक के लोगों को आश्वासन दिया कि यह परियोजना '100 प्रतिशत' लागू होगी.

पढ़ें- चिदंबरम ने 'वैक्सीन राष्ट्रवाद' पर जताई चिंता, बोले-कोरोना से जंग के लिए वैज्ञानिक दृष्टिकोण जरूरी

येदियुरप्पा ने कहा, इसके बारे में कोई भ्रम नहीं होने दें. मैं कर्नाटक के लोगों को आश्वस्त करता हूं कि इस परियोजना को 100 प्रतिशत लागू किया जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें इस बात की परवाह नहीं है कि तमिलनाडु और पुडुचेरी परियोजना का विरोध कर रहे हैं.

उन्होंने कहा, हमें मेकेदातु परियोजना शुरू करने का पूरा अधिकार है. मैं तमिलनाडु से अनुरोध करता हूं कि वह हमें परेशान न करें क्योंकि यह कर्नाटक और तमिलनाडु दोनों की मदद करने के लिए है.

रामनगर जिले में कावेरी नदी के पार 9,000 करोड़ रुपये की मेकेदातु जलाशय और पेयजल परियोजना का उद्देश्य 400 मेगावाट बिजली पैदा करने के अलावा बेंगलुरु और पड़ोसी क्षेत्रों में पीने के उद्देश्यों के लिए 4.75 टीएमसी पानी का उपयोग करना है. हालांकि, तमिलनाडु सरकार इसका यह कहते हुए विरोध कर रही है कि यह तमिलनाडु के हितों को प्रभावित करेगी और उसके किसानों को सिंचाई के लिए पानी से वंचित करेगी.

(भाषा)

नई दिल्ली/बेंगलुरु : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) और गृह मंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) से दिल्ली में बैठक (meeting in Delhi) से पहले कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा (Karnataka Chief Minister BS Yediyurappa) ने शुक्रवार को कहा कि मेकेदातु परियोजना किसी भी तरह से तमिलनाडु को प्रभावित नहीं करेगी और यह परियोजना निश्चित रूप से अस्तित्व में आएगी.

येदियुरप्पा ने दिल्ली में संवाददाताओं से कहा, मैंने पहले ही उनसे (तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन) अपील की है और उन्हें एक पत्र लिखा है कि मेकेदातु पेयजल परियोजना के चालू होने से तमिलनाडु पर कोई असर नहीं पड़ेगा.

उन्होंने कहा कि वह शाम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलेंगे और शनिवार को शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और कर्नाटक से नए केंद्रीय मंत्रियों सहित अन्य मंत्रियों से मुलाकात करेंगे.

उन्होंने कहा, मैं सभी के साथ मेकेदातु परियोजना पर चर्चा करूंगा और हम इसे पूरा करने के लिए ईमानदारी से प्रयास करेंगे. उन्होंने कर्नाटक के लोगों को आश्वासन दिया कि यह परियोजना '100 प्रतिशत' लागू होगी.

पढ़ें- चिदंबरम ने 'वैक्सीन राष्ट्रवाद' पर जताई चिंता, बोले-कोरोना से जंग के लिए वैज्ञानिक दृष्टिकोण जरूरी

येदियुरप्पा ने कहा, इसके बारे में कोई भ्रम नहीं होने दें. मैं कर्नाटक के लोगों को आश्वस्त करता हूं कि इस परियोजना को 100 प्रतिशत लागू किया जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें इस बात की परवाह नहीं है कि तमिलनाडु और पुडुचेरी परियोजना का विरोध कर रहे हैं.

उन्होंने कहा, हमें मेकेदातु परियोजना शुरू करने का पूरा अधिकार है. मैं तमिलनाडु से अनुरोध करता हूं कि वह हमें परेशान न करें क्योंकि यह कर्नाटक और तमिलनाडु दोनों की मदद करने के लिए है.

रामनगर जिले में कावेरी नदी के पार 9,000 करोड़ रुपये की मेकेदातु जलाशय और पेयजल परियोजना का उद्देश्य 400 मेगावाट बिजली पैदा करने के अलावा बेंगलुरु और पड़ोसी क्षेत्रों में पीने के उद्देश्यों के लिए 4.75 टीएमसी पानी का उपयोग करना है. हालांकि, तमिलनाडु सरकार इसका यह कहते हुए विरोध कर रही है कि यह तमिलनाडु के हितों को प्रभावित करेगी और उसके किसानों को सिंचाई के लिए पानी से वंचित करेगी.

(भाषा)

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