श्रीनगर : पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा कि आतंकवादियों के खिलाफ इस्तेमाल किए जाने वाले एक स्पाइवेयर को राजनीतिक विरोधियों और असंतुष्टों से निपटने के लिए हथियार बनाया गया है. भाजपा ने इस बात से सबक लिया है कि औपनिवेशिक युग के दौरान ब्रिटिश लोग भारतीयों पर कैसे संदेह करते थे और उनके साथ कैसा व्यवहार करते थे
एक रिपोर्ट के अनुसार अलगाववादी नेता बिलाल लोन, दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर एसएआर गिलानी, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के दो सदस्यों और जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा के परिवार के सदस्यों सहित कश्मीर के 25 लोगों का नाम सूची में है.
मुफ्ती, तारिक बुखारी, जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी के अध्यक्ष अल्ताफ बुखारी के भाई, सैयद अली शाह गिलानी के परिवार के सदस्य और मीरवाइज उमर फारूक के भी नाम हो सकते हैं. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए मीरवाज के नेतृत्व वाली हुर्रियत कॉन्फ्रेंस ने कहा कि हैकिंग निजता के मौलिक अधिकार का उल्लंघन है.
हुर्रियत के प्रवक्ता ने इसके अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारूक और वरिष्ठ कार्यकारी सदस्यों बिलाल गनी लोन और मसरूर अब्बास अंसारी पर लक्षित निगरानी की निंदा की. हुर्रियत के प्रवक्ता ने कहा कि वह जम्मू-कश्मीर में पत्रकार, कार्यकर्ताओं व व्यापारियों के फोन हैक होने की निंदा करता है.
प्रवक्ता ने कहा कि निगरानी के लिए लोगों के फोन को हैक करना, निजता के सार्वभौमिक रूप से स्वीकृत मौलिक अधिकार का जानबूझकर और प्रत्यक्ष उल्लंघन है और इसमें शामिल लोगों पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए.
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पेगासस प्रोजेक्ट द्वारा भारत में कम से कम 300 व्यक्तियों और दुनिया भर में 50000 लोगों की जासूसी की गई.