श्रीनगर: पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने शुक्रवार को कहा कि कश्मीर में पुलिस द्वारा बड़ी संख्या में बाइकों को जब्त करना एक 'सामूहिक सजा' है और युवाओं की आजीविका को 'छीनने' का एक साधन है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की इस सप्ताह में कश्मीर की संभावित यात्रा से पहले, कई बाइक सवारों ने आरोप लगाया है कि उनके दोपहिया वाहनों को पुलिस ने बिना दस्तावेजों की जांच किए ही जब्त कर लिया और उन्हें 26 अक्टूबर के बाद अपने वाहन लेने के लिए कहा गया.
मुफ्ती ने एक ट्वीट में लिखा, 'कश्मीर में बाइक जब्त करने की जम्मू-कश्मीर प्रशासन की हालिया होड़ एक सामूहिक सजा है और सम्मानजनक तरीके से अपनी आजीविका चला रहे कश्मीरी युवाओं के रोजगार को छीनने का एक तरीका भी है. रोजगार प्रदान करने के भारत सरकार के दावों के विपरीत वे ऐसा कर रहे हैं. पुलिस ने कहा कि दोपहिया वाहनों को जब्त करना नियमित आतंकवाद रोधी उपायों का हिस्सा है.'
पढ़ें - अमित शाह का तीन दिवसीय जम्मू-कश्मीर दौरा कल से
कश्मीर जोन के आईजीपी विजय कुमार ने ट्वीट किया, 'कुछ बाइकों को जब्त करना और कुछ टावरों का इंटरनेट बंद करना पूरी तरह से आतंकी हिंसा से संबंधित है. इसका केंद्रीय गृह मंत्री के दौरे से कोई लेना-देना नहीं है.' एक दर्जन टावरों पर इंटरनेट सेवाएं उन जगहों पर बंद की गई हैं, जहां पिछले सप्ताह गैर-स्थानीय मजदूर मारे गए थे. इन्हें तीन दिन पहले बंद कर दिया गया था.
(पीटीआई-भाषा)