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महबूबा मुफ्ती ने केंद्र पर साधा निशाना, कहा कश्मीर में समान अधिकार के दावे सफेद झूठ

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Published : Sep 4, 2021, 9:07 PM IST

महबूबा मुफ्ती ने समान अधिकारों के मुद्दे को उठाते हुए सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि समान अधिकार होने का केंद्र का दावा सफेद झूठ है.

mehbooba mufti
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श्रीनगर : पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने शनिवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोगों के पास भी अब समान अधिकार होने का केंद्र का दावा सफेद झूठ है और घाटी में लोगों की प्रतिक्रिया के डर से हर बार सरकार जिस आसानी से पूरी तरह बंदी लागू कर देती है, वह बेहद तकलीफदेह और निहायत ही संवेदनाहीन है.

महबूबा ने यह टिप्पणी तब की जब अधिकारियों ने अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी की मृत्यु के फौरन बाद बुधवार रात को बीएसएनएल की पोस्टपेड सेवाओं को छोड़कर बाकी मोबाइल टेलीफोन सेवाएं तथा बीएसएनएल ब्रॉडबैंड को छोड़कर शेष इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी थीं.

महबूबा ने ट्विटर पर लिखा, भारत सरकार का यह संदिग्ध दावा सफेद झूठ है कि जम्मू कश्मीर के लोग भी अब समान अधिकार रखते हैं. सच यह है कि उनके जीवित या मृत होने संबंधी बुनियादी मानवाधिकारों को भी निलंबित कर दिया गया है.

पूर्ववर्ती राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत सरकार घाटी में लोगों की प्रतिक्रिया के डर से हर बार जिस आसानी से कश्मीर में संचार नेटवर्क को ठप करने समेत पूरी तरह बंदी लागू कर देती है, वह बेहद तकलीफदेह और निहायत ही संवेदनाहीन है.

पढ़ें :- महबूबा का बेतुका बयान, अगर आजादी के समय BJP सत्ता में होती तो कश्मीर भारत में नहीं होता

उन्होंने कहा, संवेदनाओं को समाप्त करने के लिए डर का माहौल बनाने का उनका दुस्साहस नुकसानदेह है क्योंकि भावनाएं हवा में समाप्त नहीं हो जातीं. धोखाधड़ी और गुस्से की ये भावनाएं अंदर पैठ कर लेती हैं और एक पीढ़ी से दूसरी में चली जाती हैं.

पीडीपी अध्यक्ष ने दावा किया कि सभी तक पहुंच बनाने के बजाय एक के बाद एक हर नीति जम्मू कश्मीर को सामूहिक सजा देने के लिए बनाई जाती है.

श्रीनगर : पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने शनिवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोगों के पास भी अब समान अधिकार होने का केंद्र का दावा सफेद झूठ है और घाटी में लोगों की प्रतिक्रिया के डर से हर बार सरकार जिस आसानी से पूरी तरह बंदी लागू कर देती है, वह बेहद तकलीफदेह और निहायत ही संवेदनाहीन है.

महबूबा ने यह टिप्पणी तब की जब अधिकारियों ने अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी की मृत्यु के फौरन बाद बुधवार रात को बीएसएनएल की पोस्टपेड सेवाओं को छोड़कर बाकी मोबाइल टेलीफोन सेवाएं तथा बीएसएनएल ब्रॉडबैंड को छोड़कर शेष इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी थीं.

महबूबा ने ट्विटर पर लिखा, भारत सरकार का यह संदिग्ध दावा सफेद झूठ है कि जम्मू कश्मीर के लोग भी अब समान अधिकार रखते हैं. सच यह है कि उनके जीवित या मृत होने संबंधी बुनियादी मानवाधिकारों को भी निलंबित कर दिया गया है.

पूर्ववर्ती राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत सरकार घाटी में लोगों की प्रतिक्रिया के डर से हर बार जिस आसानी से कश्मीर में संचार नेटवर्क को ठप करने समेत पूरी तरह बंदी लागू कर देती है, वह बेहद तकलीफदेह और निहायत ही संवेदनाहीन है.

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उन्होंने कहा, संवेदनाओं को समाप्त करने के लिए डर का माहौल बनाने का उनका दुस्साहस नुकसानदेह है क्योंकि भावनाएं हवा में समाप्त नहीं हो जातीं. धोखाधड़ी और गुस्से की ये भावनाएं अंदर पैठ कर लेती हैं और एक पीढ़ी से दूसरी में चली जाती हैं.

पीडीपी अध्यक्ष ने दावा किया कि सभी तक पहुंच बनाने के बजाय एक के बाद एक हर नीति जम्मू कश्मीर को सामूहिक सजा देने के लिए बनाई जाती है.

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