श्रीनगर : वहीद उर रहमान पारा को आतंकी समूह हिज्बुल मुजाहिद्दीन का समर्थन करने के लिए नवीद बाबू-पुलिस उपाधीक्षक देविंदर सिंह मामले में जुड़ाव के लिए पिछले साल 25 नवंबर को गिरफ्तार किया गया था.
पारा के खिलाफ हो रही कार्रवाई पर महबूबा मुफ्ती ने कहा, 'भारत सरकार द्वारा वहीद पर दमनात्मक कार्रवाई ऐसी स्थिति को बयां करती है जिसका सामना आज कश्मीरी नेता कर रहे हैं. भारतीय संविधान में भरोसा रखने वाले लोगों पर भरोसा नहीं रखा जा रहा और नहीं झुकने पर उन्हें सताया जा रहा है.'
मुफ्ती ने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा, 'डीडीसी के लिए नामांकन दाखिल करने के तुरंत बाद वहीद पारा को गिरफ्तार किया गया. वह ऐसे परिवार से हैं जिनके दादा तिरंगा झंडा फहराते थे, जब कई कश्मीरी ऐसा नहीं करते थे. राजनीति में वहीद की रूचि युवावस्था में शुरू हुई थी.'
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, 'बचपन में वह स्थानीय विधायक के घर जाते थे और राजनीतिक बातचीत को सुनते थे. उनकी मां को डर लगता था कि वह किसी दिन राजनीति में आएंगे और आतंकियों का निशाना बनेंगे. असमय ही वहीद की मां का निधन हो गया.'
महबूबा मुफ्ती ने कहा कि जिस व्यवस्था में पारा ने भरोसा किया, वह उनके खिलाफ प्रतिशोध के तहत काम कर रही है.
गौरतलब है कि वहीद उर रहमान पारा अपनी गिरफ्तारी के पहले नामांकन दाखिल करने वाले पारा पुलवामा से जिला विकास परिषद (डीडीसी) के लिए निर्वाचित हुए थे. हालांकि, डीडीसी सदस्य के तौर पर उन्होंने अब तक शपथ नहीं ली है.
इस महीने की शुरुआत में एनआईए की एक अदालत ने वहीद उर रहमान पारा को जमानत दे दी थी लेकिन जम्मू कश्मीर पुलिस की काउंटर इन्सरजेंसी कश्मीर (सीआईके) शाखा द्वारा उन्हें हिरासत में लिया गया था.