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मेघालय से केरल: ड्रोन से पहुंचेगी लकडोंग हल्दी - मेघालय की लकडोंग हल्दी को ड्रोन का सहारा

लकडोंग हल्दी के किसानों को आने परिवहन में आने वाली दिक्कतों को दूर करने के उपायों के क्रम में अधिकारियों ने विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार सलाहकार परिषद के तहत नौ प्रौद्योगिकी मिशनों में से एक, अग्नि मिशन के साथ भागीदारी की, जो लकाडोंग हल्दी के एंड-टू-एंड प्रसंस्करण में एक परिवर्तनकारी भूमिका निभा सकते हैं.

Lakadong Turmeric
लकडोंग हल्दी
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Published : Feb 5, 2022, 7:42 PM IST

ईटीवी ब्यूरोः भारतीय अधिकारियों (Indian authorities) ने शनिवार को मेघालय के उत्तर-पूर्वी राज्य के पश्चिम जयंतिया हिल्स जिले (West Jaintia Hills district) में ड्रोन आधारित पेलोड डिलीवरी सेवा का परीक्षण किया. यह परीक्षण लकडोंग हल्दी के किसानों को आने परिवहन में आने वाली दिक्कतों को दूर करने के उपायों के क्रम में किया गया. लकडोंग हल्दी ( Lakadong Turmeric) में करक्यूमिन की मात्रा सबसे अधिक होती है. इसलिए इसकी मांग सबसे अधिक होती है.

लेकिन केरल और अन्य जगहों पर स्थित प्रसंस्करण इकाइयों को इसकी आपूर्ति उत्पादक जिले के कठिन इलाके में होने के कारण एक चुनौती बनी हुई है. एक फ्लाई-ऑफ इवेंट में, पेलोड ड्रोन का इस्तेमाल हल्दी को प्रसंस्करण इकाइयों तक पहुंचाने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया गया.

इस मामले में, अधिकारियों ने विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार सलाहकार परिषद के तहत नौ प्रौद्योगिकी मिशनों में से एक, अग्नि मिशन के साथ भागीदारी की, जो लकाडोंग हल्दी के एंड-टू-एंड प्रसंस्करण में एक परिवर्तनकारी भूमिका निभा सकते हैं. हल्दी को बड़ी मात्रा में परिवहन के लिए पेलोड ड्रोन (यूएवी) का उपयोग से शुरू किया जाएगा.

डीपीआईआईटी में अतिरिक्त सचिव सुमिता डावरा ने कहा कि यह एक पहला कदम था, जहां ग्रामीण इलाकों में किसान बाजार तक आसानी से नहीं पहुंच सकते. उन्होंने कहा कि इससे चौथी औद्योगिक क्रांति लाने में मदद मिलेगी.

मेघालय की लाकाडोंग हल्दी

मेघालय में वेस्ट जयंतिया हिल्स की लकडोंग हल्दी दुनिया की सबसे बेहतरीन हल्दी किस्मों में से एक है जिसमें सबसे अधिक करक्यूमिन 7-9% है जबकि अन्य किस्मों में करक्यूमिन 3% या उससे कम होती है. हल्दी की इस किस्म की खेती जिले की अर्थव्यवस्था में तेजी से गेम चेंजर बनती जा रही है.

अधिकारियों के अनुसार, हल्दी की खेती में फायदा है. इसके लिए अधिक पानी की आवश्यकता नहीं होती है. कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने पिछले साल मार्च में राज्यसभा में कहा था कि भारत दुनिया की 78 प्रतिशत हल्दी का उत्पादन करता है. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2018-19 में हल्दी का उत्पादन 389 हजार टन था, जिसका क्षेत्रफल और उत्पादकता क्रमश: 246 हजार हेक्टेयर और 5646.34 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर है.

ईटीवी ब्यूरोः भारतीय अधिकारियों (Indian authorities) ने शनिवार को मेघालय के उत्तर-पूर्वी राज्य के पश्चिम जयंतिया हिल्स जिले (West Jaintia Hills district) में ड्रोन आधारित पेलोड डिलीवरी सेवा का परीक्षण किया. यह परीक्षण लकडोंग हल्दी के किसानों को आने परिवहन में आने वाली दिक्कतों को दूर करने के उपायों के क्रम में किया गया. लकडोंग हल्दी ( Lakadong Turmeric) में करक्यूमिन की मात्रा सबसे अधिक होती है. इसलिए इसकी मांग सबसे अधिक होती है.

लेकिन केरल और अन्य जगहों पर स्थित प्रसंस्करण इकाइयों को इसकी आपूर्ति उत्पादक जिले के कठिन इलाके में होने के कारण एक चुनौती बनी हुई है. एक फ्लाई-ऑफ इवेंट में, पेलोड ड्रोन का इस्तेमाल हल्दी को प्रसंस्करण इकाइयों तक पहुंचाने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया गया.

इस मामले में, अधिकारियों ने विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार सलाहकार परिषद के तहत नौ प्रौद्योगिकी मिशनों में से एक, अग्नि मिशन के साथ भागीदारी की, जो लकाडोंग हल्दी के एंड-टू-एंड प्रसंस्करण में एक परिवर्तनकारी भूमिका निभा सकते हैं. हल्दी को बड़ी मात्रा में परिवहन के लिए पेलोड ड्रोन (यूएवी) का उपयोग से शुरू किया जाएगा.

डीपीआईआईटी में अतिरिक्त सचिव सुमिता डावरा ने कहा कि यह एक पहला कदम था, जहां ग्रामीण इलाकों में किसान बाजार तक आसानी से नहीं पहुंच सकते. उन्होंने कहा कि इससे चौथी औद्योगिक क्रांति लाने में मदद मिलेगी.

मेघालय की लाकाडोंग हल्दी

मेघालय में वेस्ट जयंतिया हिल्स की लकडोंग हल्दी दुनिया की सबसे बेहतरीन हल्दी किस्मों में से एक है जिसमें सबसे अधिक करक्यूमिन 7-9% है जबकि अन्य किस्मों में करक्यूमिन 3% या उससे कम होती है. हल्दी की इस किस्म की खेती जिले की अर्थव्यवस्था में तेजी से गेम चेंजर बनती जा रही है.

अधिकारियों के अनुसार, हल्दी की खेती में फायदा है. इसके लिए अधिक पानी की आवश्यकता नहीं होती है. कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने पिछले साल मार्च में राज्यसभा में कहा था कि भारत दुनिया की 78 प्रतिशत हल्दी का उत्पादन करता है. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2018-19 में हल्दी का उत्पादन 389 हजार टन था, जिसका क्षेत्रफल और उत्पादकता क्रमश: 246 हजार हेक्टेयर और 5646.34 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर है.

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