नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी ने प्रधानमंत्री के निर्देश के बाद से अल्पसंख्यकों को रिझाने के लिए नए-नए कार्यक्रम बनाने शुरू कर दिए हैं. ना सिर्फ मुस्लिम समुदाय बल्कि क्रिश्चियन समुदाय को भी पार्टी से जोड़ने के लिए भारतीय जनता पार्टी ने अलग से रणनीति बनाना शुरू कर दिया है. भारतीय जनता पार्टी ने अल्पसंख्यकों के लिए एक मेगा आउटरीच प्लान तैयार किया है, जिसे मार्च से लेकर अप्रैल तक में पूरा किए जाने की योजना है.
इस मेगा आउटरीच प्लान के तहत बीजेपी ने यूपी, बंगाल समेत कई राज्यों की लगभग 60 सीटों पर अल्पसंख्यक बहुल सीटों का सर्वे किया है, जहां पार्टी के अल्पसंख्यक नेता जाएंगे. इसके लिए पार्टी ने पूरे देश में अलग-अलग राज्यों का सर्वे कर ऐसी 60 सीटें तैयार की हैं, जिनमें मतदाताओं की संख्या 60 प्रतिशत तक या ज्यादा अल्पसंख्यकों की है. यही नहीं इन अल्पसंख्यक बहुल सीटों पर बीजेपी स्कूटर यात्रा भी निकालेगी.
पिछले दिनों राष्ट्रीय कार्यकारिणी को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी पार्टी के नेताओं से कहा था कि सिर्फ वोट के लिए ही लोगों से ना जुड़े बल्कि पार्टी ऐसे लोगों को भी जोड़े जो अभी तक भाजपा से नहीं जुड़ पाए हैं और उनके बीच भी सेवा कार्यक्रम चलाएं, उनमें विश्वास जगाएं. पार्टी मुस्लिम समुदाय में भी पसमांदा समाज, वोरा और मौलवी समाज व व्यापारी वर्ग के लोगों के पास जाएगी. अल्पसंख्यक युवाओं से भी पार्टी के नेता मिलेंगे और उनकी मुश्किलों को समझेंगे.
उनसे उनकी समस्याओं को जानने की कोशिश भी पार्टी करेगी. बीजेपी का अल्पसंख्यक मोर्चा अल्पसंख्यकों के धर्मगुरुओं, उलेमाओं और सूफी संतों से भी मिलकर उनकी समस्या और विचार जानने की कोशिश करेगा. अल्पसंख्यकों के प्रति प्रधानमंत्री की कही बातों का असर मंगलवार से दिखने भी लगा जब पीएम ने, बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष और सदस्यों के हाथ ख्वाजा अजमेर शरीफ के लिए चादर भिजवाई.
पार्टी सूत्रों की माने तो पार्टी की तरफ से पूरे देश में सर्वे किए गए. लोकसभा क्षेत्रों में सबसे ज्यादा यूपी में 12 लोकसभा क्षेत्र, इसके बाद बंगाल और असम जैसे राज्यों में सबसे ज्यादा सीटें शामिल की गई हैं. पार्टी का मानना है कि ऐसे हर लोकसभा क्षेत्र में कम से कम 5 हजार ऐसे अल्पसंखयक लोग हैं, जो प्रधानमंत्री को पसंद करते हैं, लेकिन वो ना तो बीजेपी और ना ही किसी भी पार्टी से जुड़े हैं और मोर्चा के सदस्य ऐसे लोगों को पार्टी की योजनाओं से अवगत कराएंगे.
इसके साथ ही प्रधानमंत्री के संदेश के साथ कुछ ऐसे लाभकारी कार्यकर्मों की रूपरेखा भी तैयार की गई है, जिसे उन अल्पसंख्यकों को ध्यान में रखकर किया गया है, जिससे उन्हें अवगत कराया जाएगा. यही नहीं बीजेपी का अल्पसंख्यक मोर्चा ऐसे 60 लोकसभा क्षेत्रों के लगभग हर क्षेत्र से 5 हजार लोगों को चुनकर लगभग साढ़े तीन लाख अल्पसंख्यकों को मार्च के अंतिम सप्ताह या अप्रैल की शुरुआत में दिल्ली में एक बड़ा सम्मेलन आयोजित कर उन्हें प्रधानमंत्री से रूबरू करवाने का भी कार्यक्रम तैयार कर रहा है.
इस संबंध में बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी का कहना है कि प्रधानमंत्री ने ये साफ संदेश दिया है कि ये कार्यक्रम वोट को ध्यान में रखकर बिल्कुल नहीं करना है और पार्टी ये कार्यक्रम चुनाव को ध्यान में रखकर नहीं कर रही, बल्कि लोगों को पार्टी से जोड़ने के उद्देश्य से तैयार कर रही है. उन्होंने कहा कि पन्ना प्रमुख का कार्यक्रम पहले से ही बीजेपी चलाती आई है, मगर पार्टी ये निश्चित करेगी कि देशभर के सभी बूथों पर अल्पसंखयक समुदाय के लोगों की मौजूदगी रहे. वैसे ये पहले से भी पार्टी देखती आई है कि पन्ना समिति में भी अल्पसंख्यक समुदाय की मौजूदगी रहे.
साथ ही जमाल का कहना है कि आज सरकार की तरफ से चल रही कल्याणकारी योजनाओं से उतनी संख्या में अल्पसंख्यक समुदाय नहीं जुड़ पाया है, जिस कमी को पूरा करने की कोशिश की जाएगी. मगर सरकार की तरफ से करवाए जा रहे विकास कार्यों से हमारा समुदाय भी काफी प्रभावित है और एक विश्वास पनप रहा है. इसी विश्वास को आगे बढ़ाना है, क्योंकि प्रधानमंत्री ने साफ तौर पर निर्देश दिया है कि ये कार्यक्रम वोटबैंक के लिए नहीं बल्कि विश्वास जगाने के लिए करना है. उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक बहुल लोकसभा क्षेत्रों में स्कूटर यात्रा भी पार्टी निकालेगी.